scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमशासनडॉक्टरों की कमी के चलते अब नर्सों से दवाई की पर्चियां कटवाना चाहती है सरकार

डॉक्टरों की कमी के चलते अब नर्सों से दवाई की पर्चियां कटवाना चाहती है सरकार

Text Size:

मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, ये कदम मध्य स्तर के स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने के चीन के अभ्यास से प्रेरित था|

नई दिल्ली: अतिरिक्त प्रशिक्षण के साथ नर्सों के एक नये जत्थे को जल्द ही दवाएं लिखने की अनुमति दी जा सकती है|
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दवा में सुधार हेतु नर्स चिकित्सकों को ऐसा करने की अनुमति देने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक में संशोधन के लिए एक व्यापक कानून प्रस्तावित किया है|

नर्स चिकित्सक कई विकसित देशों में अस्पताल के कर्मचारियों का एक प्रमुख हिस्सा हैं जिनके पास अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता है और जिन्हें विस्तारित चिकित्सा भूमिका में कार्य करने की अनुमति है|

विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी से उत्पन्न हो रही चिकित्सकीय देखरेख की कमी को दूर करने के लिए सरकार कुछ क्षेत्रों में गैर-एमबीबीएस चिकित्सा पेशेवरों के संवर्ग को बढ़ाने की कोशिश करती रही है|

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा संशोधन को मंजूरी दे दी गई है।

बिल के अनुसार, नर्स चिकित्सकों को वरिष्ठ डॉक्टरों की देखरेख में और विशेष परिस्थितियों में कुछ सर्जिकल या नाजुक प्रक्रियाएं करने की अनुमति दी जा सकती है|

भारत के मेडिकल काउंसिल की अध्यक्ष जयश्री मेहता ने दिप्रिंट को बताया कि, “ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएँ देने के लिए और वरिष्ठ डॉक्टरों के कार्यभार को साझा करने के लिए हमने नर्सिंग चिकित्सकों को दवाएं लिखने और आधुनिक दवाइयों की प्रैक्टिस करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है|”

उन्होंने आगे कहा कि, “ह्रदय सम्बन्धी समस्याएं और फार्मेसी व चिकित्सक सहायक, ऑप्टोमेट्रिस्ट्स (दृष्‍टिमितिज्ञ), आईसीयू केयर और तृतीयक नर्सिंग जैसी विशेषज्ञताओं वाले नर्सिंग प्रैक्टिशनर्स उन्नयन के पात्र हैं|”

यह कदम एक महीने के बाद आता है जब सरकार ने एक विवादस्पद संशोधन को नामंजूर कर दिया था| इस संशोधन से एक रास्ता निकाला जा रहा था जिससे आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी) चिकित्सकों को एलोपैथिक दवाओं की ‘एक सीमा तक’ प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाती|

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संशोधित बिल संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा|

मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, ये कदम मध्य स्तर के स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने के चीन के अभ्यास से प्रेरित था|

अधिकारी, जो कि प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था, ने कहा, “उन्होंने (सरकार ने) कार्यक्रम के विवरण का अध्ययन करने के लिए चीन में एक प्रतिनिधिमंडल को काम पर लगाया|”

अपाहिज महसूस कराने वाली डॉक्टरों की कमी

डब्लू एच ओ के मुताबिक, डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात आदर्श रूप से 1:1,000 होना चाहिए, यानी, प्रत्येक 1,000 लोगों के लिए एक डॉक्टर होना चाहिए।

भारत में, एलोपैथी, या आधुनिक चिकित्सा के लिए डॉक्टर-रोगी अनुपात 1:1,596 है।

एमसीआई के अनुसार, 10.2 लाख डॉक्टर अपनी राज्य शाखाओं के साथ पंजीकृत हैं। हालांकि, सरकार के अनुसार, 80 प्रतिशत उपलब्धता मानते हुए, 1.3 अरब से अधिक भारतीय आबादी के लिए केवल 8.2 लाख डॉक्टर सक्रिय सेवा में हैं।

Read in english:Crippled by shortage of doctors, government wants qualified nurses to prescribe drugs

share & View comments