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Thursday, 25 April, 2024
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अस्थाना मामला: शिकायतकर्ता से पूछताछ में हस्तक्षेप नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना बाबू की याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. हालांकि हैदराबाद पुलिस को सना को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वत मामले में एक शिकायतकर्ता से पूछताछ में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना बाबू ने दावा किया था कि उन्होंने मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में राहत पाने के लिए दो करोड़ रुपये घूस के तौर पर दिए थे.

इन रिश्वत के आरोपों को लेकर सीबीआई में गतिरोध है. इस गतिरोध के साथ ही निदेशक अलोक वर्मा को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया गया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित व न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने हैदराबाद पुलिस को सना को सुरक्षा देने का निर्देश दिया.

हालांकि, अदालत ने सना के याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. सना ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक की मौजूदगी में एजेंसी द्वारा पूछताछ किए जाने की मांग की थी.

पूर्व न्यायाधीश पटनायक की निगरानी में केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है. वर्मा को उनके कार्यभार से हटा दिया गया है. अदालत की पीठ ने कहा कि वह न्यायमूर्ति पटनायक को लेकर कोई आदेश पारित नहीं करेगी.

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इससे पहले सना के वकील ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई से यह कहते हुए मामले की तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया था कि उनका मुवक्किल यह सोचकर भयभीत है कि यदि सीबीआई को उससे पूछताछ की अनुमति दी गई तो क्या कुछ होगा. वकील ने लंबित जांच के दौरान गिरफ्तारी से बचाव और नोटिस पर स्थगन का आग्रह किया था.

सना ने याचिका में कहा था,‘यदि सीबीआई को बगैर निगरानी के मुझसे पूछताछ की अनुमति दी गई तो उस स्थिति में मैं अपनी जिंदगी और व्यक्तिगत आजादी के लिए भारी खतरा महसूस करता हूं. मैं आशंकित हूं कि मुझे चिह्नित किया जाएगा, मेरा पीछा किया जाएगा और मुझ पर बराबर नजर रखी जाएगी. जांच की निगरानी कर रहे न्यायाधीश जब भी मुझे निर्देश देंगे, मैं दिल्ली आकर जांच में सहयोग करने को तैयार हूं.’

गौरतलब है कि सीबीआई ने अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ 15 अक्टूबर को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यह प्राथमिकी सना की तरफ से तीन करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी की शिकायत के बाद दर्ज की गई थी. सीबीआई मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के धनशोधन मामले में सना की पहले से जांच कर रही है.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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