scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमशासनसरकार चाहती है कि आने वाले स्कूल शिक्षक ब्लू व्हेल जैसे मुद्दे निपटाने को तैयार रहे

सरकार चाहती है कि आने वाले स्कूल शिक्षक ब्लू व्हेल जैसे मुद्दे निपटाने को तैयार रहे

Text Size:

मानव संसाधन विकास मंत्रालय बीएड पाठ्यक्रम को चार साल का कार्यक्रम बना रहा है और शिक्षकों को नए कौशल हासिल करने में मदद करने के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित कर रहा है।

नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय नए कौशल हासिल करने में शिक्षकों की सहायता के लिए बीएड पाठ्यक्रम में सुधार कर रहा है।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य के स्कूल शिक्षक ब्लू व्हेल चैलेंज और साइबर बुलिंग जैसे आधुनिक मुद्दों से निपटने के लिए तैयार रहे।

सुधार में बीएड को वर्तमान दो साल से एक संशोधित पाठ्यक्रम के साथ एक चार साल का कार्यक्रम बनाना। माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए भारत में बीएड कार्यक्रम जरुरी है।

ब्लू व्हेल चैलेंज एक सोशल नेटवर्क घटना है जिसमें 50 दिनों समय में एडमिनिस्ट्रेटर्स द्वारा प्लेयर्स को दिए गए कार्यों की एक श्रृंखला शामिल है।

शुरुआत में , खेल की शुरुआत खुद को नुकसान करने से होती है और आखिरकार खिलाड़ी को आत्महत्या करने की आवश्यकता पड़ जाती है। अक्टूबर 2017 तक, भारत में इस खेल से जुड़े कम से कम 28 मामले सामने आए है । हाल ही में देश में इस चुनौती से निपटने के प्रयास भी किए गए हैं, लेकिन इस घटना ने नीति निर्माताओं को नई चुनौतियों के लिए सतर्क कर दिया है ।


यह भी पढ़ें : India has 10 lakh teaching vacancies. India has 4 lakh excess teachers. Go figure


“जिस दौर में हम जी रहे हैं वह पूरी तरह से बदल गया है और इन दिनों छात्रों पर साइबर बुलिंग एक बड़ा खतरा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताते हुए बताते हुए कहा, ” ब्लू व्हेल चैलेंज जैसी नयी चीजें छात्र के जीवन के लिए वास्तविक खतरा पैदा करती हैं और शिक्षकों को पता नहीं है कि इससे कैसे निपटना चाहिए।”

अधिकारी ने कहा कि सरकार अब उस स्थिति को बदलने जा रही है।

एक अधिकारी ने कहा “एक शिक्षक को बच्चे के लिए दुनिया को फिर से एक अलग अंदाज़ बदलना पड़ता है, इसलिए सभी प्रकार के मुद्दों से निपटने के लिए उन्हें कौशल की आवश्यकता होती है । जब बच्चा परेशानी में हो तो पुलिस और अन्य बाहरी एजेंसियों सहित सभी मामलों को डील करना। हम शिक्षकों को तैयार करने के लिए सबसे अच्छी पाठ्यपुस्तकों को चलाएंगे और सभी क्षेत्रों के सलाहकार जोड़ने की कोशिश करेंगे ।

संगठित पाठ्यक्रम

नया पाठ्यक्रम सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के माध्यम से शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा और सर्वोत्तम तकनीकों जैसे स्मार्ट बोर्ड का उपयोग करेंगे। चार साल के संपूर्ण पाठ्यक्रम के कार्यक्रम में कहानी लेखन और निबंध लेखन भी होगा।

वर्तमान में, बीएड छात्र को पढ़ाए जाने वाले विषयों में अध्यापन पाठ्यक्रम शामिल हैं – जो समझाते हैं कि किसी विशेष विषय को कैसे पढ़ाया जाए, छात्रों का आकलन करना और कक्षा में छात्रों से निपटने के तरीके को सीखना।

संशोधित पाठ्यक्रम 2019 में शुरू होने की संभावना है।


यह भी पढ़ें : Over 9 lakh teaching posts in elementary schools lying vacant, HRD minister tells Lok Sabha


शिक्षक समाज द्वारा इस कदम का स्वागत किया गया है।

“भारत में निजी स्कूलों में इन दिनों बाल छात्रों के लिए विशेष कॉउंसलर्स हैं जो नियमित रूप से साइबर बुलिंग और धमकाने के मामलों से निपटने के लिए सेशन करते हैं लेकिन शिक्षकों के कार्यक्रम में इन विषयों को शामिल करने के कदम से हमारे भविष्य के शिक्षकों के बदलाव आने की संभावना है। “नई दिल्ली के एक निजी स्कूल शिक्षक प्रतिभा शर्मा ने कहा ,यह निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है।

“शिक्षकों को कक्षाओं से परे इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार होना चाहिए। अगर उन्हें सिखाया जाये कि वे पढ़ाना शुरू करने से पहले इन परिस्थितियों का सामना कैसे करें, तो यह एक अच्छा कदम है, “एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बात की और बताया ।

Read in English : Govt wants future school teachers equipped to deal with issues like Blue Whale Challenge 

share & View comments