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Saturday, 21 December, 2024
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फसल बीमा योजना के खर्च का 90 फीसदी बीमा कंपनियों को मिला: थरूर

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कांग्रेस सासंद शशि थरूर ने कहा, देश की सरकारों ने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में कम खर्च किया. इलाज गरीब परिवारों के लिए समस्या बन रहा है.

कोलकाता: सामाजिक सुरक्षा की जरूरत पर जोर देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि केंद्र में एक के बाद एक आने वाली सरकारों ने स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में कम खर्च किया. उन्होंने कहा, ‘हमने जीडीपी और सरकार के बजट के फीसदी के रूप में स्वास्थ्य व शिक्षा, दोनों पर अत्यंत कम खर्च किया है.’

थरूर ने कहा, ‘यहां सामाजिक सुरक्षा बफर की बेहद जरूरत है. जरूरी नहीं कि वह उसी रूप में हो जिसमें सरकार द्वारा अभी दी जा रही है.’

उनके मुताबिक, सरकार समर्थित बीमा योजनाओं का ‘मुख्य फायदा’ बीमा कंपनियों को होता है.


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इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक इंटरेक्टिव सत्र में उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए, हमने फसल बीमा योजना में सरकार का 90 फीसदी व्यय पाया, जो कि बीमा कंपनियों के पास पहुंचा है और इसका केवल 10 फीसदी ही किसानों को मिला. यह खराब विचार है.’

उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों, प्राथमिक व समुदायिक स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में सरकार द्वारा भारी निवेश की जरूरत को रेखांकित किया, जहां इलाज मुफ्त में हों.

उन्होंने कहा, ‘अगर हमारे पास सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों में अच्छी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी तो सब्सिडी वाली बीमा योजनाओं की जरूरत का सवाल ही नहीं रहेगा.’


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तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि अपने खुद के स्वास्थ्य पर लोगों का व्यय बढ़ रहा है और दिहाड़ी मजदूर और गरीब परिवारों के लिए उपचार की बढ़ती लागत समस्या बनती जा रही है.

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए नियम बहुत सख्त और स्कूल स्तर पर बहुत कम नियोजित हैं. इसमें केवल याद कराने और परीक्षा पास कराने पर ध्यान केंद्रित कराया जाता है न कि रचनात्मक सोच पर.

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