दो नवंबर को बीमार महिला कांस्टेबल की मौत के बाद पुलिसकर्मियों ने जमकर तोड़फोड़ और वरिष्ठ अधिकारियों से मारपीट की थी.
पटना: पटना पुलिस लाइन में एक प्रशिक्षु कांस्टेबल की मौत के बाद उपद्रव पर उतरे पुलिसकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 167 प्रशिक्षु कांस्टेबलों सहित 175 कांस्टेबलों को बर्खास्त कर दिया गया है.
पटना के पुलिस महानिरीक्षक एनएच खान ने बताया, ‘साक्ष्य के आधार पर 167 प्रशिक्षु कांस्टेबल और आठ सिपाही बर्खास्त किए गए हैं. उपद्रव मामले में अभी कई पहलुओं पर छानबीन जारी है. दो से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.’
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इसके अलावा 27 हवलदारों को भी निलंबित कर दिया गया है. इतना ही नहीं, 93 ऐसे पुलिसकर्मियों की पहचान कर उन्हें पटना प्रक्षेत्र से स्थनांतरित करने की बात कही गई है, जो वर्षों से पटना प्रक्षेत्र में पदस्थापित हैं. इसमें 20 से ज्यादा पुलिस अधिकारी बताए जा रहे हैं.
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पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने सोमवार को बताया कि रविवार देर शाम की गई यह कार्रवाई अनुशासनहीनता के आरोप में उठाया गया कदम है. उन्होंने बताया कि पुलिस लाइन में हुआ उपद्रव कतई बर्दाश्त करने लायक नहीं था.
उन्होंने कहा कि अभी भी जांच जारी है तथा और कई लोगों की पहचान की जा रही है. उपद्रव करने वाले प्रशिक्षु पुलिसकर्मियो के खिलाफ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गई है.
उल्लेखनीय है कि दो नवंबर को सीवान की रहने वाली प्रशिक्षु महिला कांस्टेबल सविता कुमारी पाठक की मौत के बाद सिपाहियों ने पुलिस लाइन में उपद्रव किया था. कई पुलिस अधिकारियों को पीटा गया था तथा कई सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. इस दौरान सड़क पर आम लोगों को भी निशाना बनाया गया था.
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उपद्रव कर रहे पुलिसकर्मियों का आरोप था कि बीमार कांस्टेबल सविता को पर्याप्त छुट्टी नहीं दी गई, जिससे इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद गुस्साए पुलिसकर्मियों ने जमकर हंगामा किया था.