ईसाई महिला आसिया बीबी के ईशनिंदा के आरोप से बरी होने के बाद हिंसक प्रदर्शन के बीच उनके वकील की सलाह, आसिया को पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए.
नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईशनिंदा के संबंध में ईसाई महिला आसिया बीबी की मौत की सजा को रद्द करने के बाद देश भर में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. पाकिस्तानी कट्टरपंथी समूहों की ओर से देश भर में हिंसक प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है. प्रदर्शनकारियों ने देश भर के महत्वपूर्ण राजमार्गों को बंद कर दिया है. शैक्षणिक संस्थानों को एहतियातन बंद कर दिया गया है.
पाकिस्तान से आ रही खबरों के मुताबिक ईशनिंदा कानून का समर्थन करने वाले कट्टरपंथी समूहों ने देश भर में हिंसक प्रदर्शन किया है. कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लेब्बाइक पाकिस्तान (टीएलपी) ने फैसले को देने वाले न्यायधीशों के मौत की अपील की है.
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद समेत लगभग सभी बड़े शहरों में कट्टरपंथी प्रदर्शन कर रहे हैं. ‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कट्टरपंथियों ने पूरे पाकिस्तान में तीसरे दिन प्रदर्शन के दौरान सड़कों को बंद कर दिया. कराची, इस्लामाबाद, लाहौर और पेशावर में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को बंद कर दिया और हिंसक प्रदर्शन किए. इस्लामाबाद और लाहौर में मोबाइल सेवाएं ठप कर दी गई हैं.
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, राजधानी इस्लामाबाद में एक्सप्रेसवे समेत अन्य महत्वपूर्ण जगहों और सड़कों को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया है. इस्लामाबाद में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को मार्च करते देखा गया है. पेशावर में सड़कों को बंद किए जाने के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. कई कट्टरपंथी पार्टियों और संगठनों ने प्रदर्शन में भाग लिया है.
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‘द न्यूज़’ ने लिखा है कि आसिया बीबी के शौहर आशिक मसीह ब्रिटेन से अपने परिवार के साथ पाकिस्तान आ गए हैं. वे आसिया को अपने साथ ले जा सकते हैं. आसिया बीबी आज पाकिस्तान छोड़ सकती हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान पहुंचे मसीह को पूरी सुरक्षा प्रदान की. अधिकारियों ने कहा है कि बीबी अपनी जान को ख़तरा होने के कारण पाकिस्तान से किसी दूसरे देश के लिए रवाना हो सकती हैं.
‘आसिया बीबी को पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए’
ईशनिंदा के मामले में पाकिस्तानी सर्वोच्च न्यायालय से बरी की जाने वाली ईसाई महिला आसिया बीबी के वकील ने गुरुवार को कहा कि उन्हें देश में कट्टर इस्लामिक समूहों के चौतरफा विरोध के बीच अपनी सुरक्षा के लिए पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए. सैफ-उल-मलूक ने समाचार एजेंसी एफे को कहा, ‘वह पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है और उन्हें देश छोड़ना होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें भी संभवत: खुद की सुरक्षा के लिए देश छोड़ना पड़ सकता है.’
रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई महिला के वकील ने कहा कि उन्हें अभी तक मुल्तान जेल से रिहा नहीं किया गया है और इस प्रक्रिया में कई दिन लग सकते हैं.
जब मलूक से यह पूछा गया कि किस देश में उनकी मुवक्किल शरण ले सकती है, इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि वह कहां जाएगी.’
दो अंगरक्षकों के होने के बावजूद मलूक ने कहा कि वह खुद अपनी ही जिंदगी को लेकर डरे हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे आसिया का बचाव करने के लिए कोई ग्लानि नहीं है. लेकिन मैं डरा हुआ हूं. मुझे नहीं लगता कि मैं पाकिस्तान में सुरक्षित हूं.’
डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान की चेतावनी के बावजूद लाहौर, करांची और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों में, टीएलपी के सदस्य लगातार राजमार्गों को अवरुद्ध कर रहे हैं. यहां प्रदर्शन की वजह से गुरुवार को पंजाब, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में शैक्षणिक संस्थान बंद रहे.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)