नई दिल्ली: पाकिस्तान की एक अदालत ने एक महिला को कथित तौर पर व्हाट्सएप और फेसबुक पर ईशनिंदा वाले संदेश भेजने के लिए मौत की सजा सुनाई है. 26 वर्षीय अनीका अतीक को मई 2020 में व्हाट्सएप स्टेटस के रूप में ‘ईशनिंदा सामग्री’ पोस्ट करने और उसे एक दोस्त को फॉरवर्ड करने के आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया था. उन पर पैगंबर मोहम्मद के कैरिकेचर पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था.
पाकिस्तान में ईशनिंदा करने वालों के लिए मौत की सजा निर्धारित है. रावलपिंडी की अदालत ने महिला को धारा 295-सी (ईशनिंदा) के तहत मौत की सजा सुनाई और उस पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया. आरोपी को धार्मिक भावनाओं को आहत करने और मुस्लिम होने का ढोंग करने के लिए पाकिस्तानी दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 2,00,000 रुपए के जुर्माने के साथ 20 साल की जेल की सजा भी दी गई है.
न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा, ‘महिला आरोपी द्वारा उसकी स्टेटस पर ईशनिंदा करने वाली सामग्री पोस्ट करना और शिकायतकर्ता को कैरिकेचर भेजना ठीक नहीं है और एक मुस्लिम के लिए सहनीय नहीं है.’
हालांकि, अदालत में अपनी याचिका में महिला ने कहा कि उसके पुरुष मित्र और आरोप पत्र के याचिकाकर्ता द्वारा उसे जानबूझकर एक धार्मिक विवाद में खींच लिया गया है क्योंकि उसने उसके प्रति ‘दोस्ताना’ होने से इनकार कर दिया था. दोनों ऑनलाइन मिले थे और व्हाट्सएप पर बात किया करते थे.
प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा: ‘ईशनिंदा के प्रति उन्माद बेरोकटोक जारी है. वो इन मामलों को भगवान के न्याय के लिए क्यों नहीं छोड़ते, न कि भ्रष्ट पुरुषों पर?’
Blasphemy mania continues unabated. Why don’t they leave these matters yo be judged by God, not fallible men? ?’Woman sentenced to death in Pakistan over ‘blasphemous’ whatsapp messages.’ via @guardian https://t.co/w0ZmlsFPQQ
— Husain Haqqani (@husainhaqqani) January 20, 2022
लेखक असीम यूसुफजई ने कहा कि ‘एक व्हाट्सएप पोस्ट आपको पाकिस्तान में मौत की सजा दिला सकता है .. जबकि 144 आर्मी पब्लिक स्कूल के बच्चों के हत्यारे को एक सुरक्षित तरीके से देश से बाहर जाने दिया गया था.’
A #WhatsApp post can get you death sentence in #Pakistan. Aneeqa Ateeq is sentenced to death while the killer of 144 APS kids was let go out of the country from a safe house. pic.twitter.com/FULkar4gmu
— Dr. Asim Yousafzai (@asimusafzai) January 19, 2022
कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने आरोपी महिला के साथ सहानुभूति दिखाई.
#Blasphemy is a dark side of #FailedStatePakistan, where innocents esp Minorities are subject to violence for no fault of theirs.
26-year-old Aneeqa Ateeq sentenced to death under 295C over posting 'blasphemous'.
This is really shocking & barbarous.#AnarchyinPakistan pic.twitter.com/dWwPVes0bV
— Puii (@Puii14072486) January 20, 2022
Islam mandates violence against anyone who disagrees with its tenets. It is perhaps the most oppressive ideology on the planet, particularly with regards to women. We stand in solidarity with Aneeqa Ateeq, sentenced to death for #blasphemy in Pakistan.https://t.co/vleWAyoQlm
— Alliance of Former Muslims ?? (@Ex_Muslims_Irl) January 20, 2022
Aneeqa Ateeq, 26 arrested in 2020 charged for blasphemy for posting something on her watsapp, Pindi court ordered to hanged by her neck till she is dead. What a shame for this country CJ or Justice Athar Minallah must take up this case. @hrw @UN_HRC @HRCP87 #JusticeForAneeqa
— Aaliya Shah (@AaliyaShah1) January 19, 2022
ह्यूमन राइट्स विदाउट फ्रंटियर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 1987 और 2021 के बीच ईशनिंदा के लिए 1,865 लोगों पर आरोप लगाया गया था. 2020 में इसमें उछाल दिखाई दिया जब विवादास्पद कानून के तहत 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे. 1990 के बाद से ईशनिंदा के आरोप में 70 लोगों की हत्या या लिंचिंग की जा चुकी है.
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