scorecardresearch
Tuesday, 17 December, 2024
होमफीचर‘अब आपके पौधे करेंगे आपसे बातें’, पुणे के अमन ने बनाया इंडिया का पहला स्मार्टपॉट — ‘GIA’

‘अब आपके पौधे करेंगे आपसे बातें’, पुणे के अमन ने बनाया इंडिया का पहला स्मार्टपॉट — ‘GIA’

इस ब्लैक पॉट के अंदर एक AI चिप डिवाइस है, जिसे सिलिकॉन से बंद किया गया है. जायसवाल का दावा है कि पानी डालने से इसे नुकसान नहीं होगा क्योंकि ये प्लास्टिक से बना है और पूरी तरह से वाटर और फायर प्रूफ है.

Text Size:

नई दिल्ली: पिछले दिनों गीता कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर गईं…उनके डेस्क पर छोटे-छोटे रखे पौधे जो पिछले एक साल से लहलहा रहे थे मुरझाने लगे थे. साथियों की नज़र पड़ी तो उन्होंने उसमें पानी भी डाला, लेकिन जब तक गीता छुट्टियों से वापस लौटीं उनके वो दोनों पौधे मुरझा चुके थे और कुछ ही दिनों में वो पूरी तरह से सूख गए.

क्या आपने कभी सोचा कि पानी डालने के बाद भी ये पौधे क्यों सूख गए और ऐसा क्या किया जाए कि ये पौधे न सूखें…न मुरझाएं और तब क्या हो जब जिस पॉट में पौधा लगा हो उसकी मिट्टी पौधे की ज़रूरत को समझे और आपको बताए कि मुझे पानी और धूप चाहिए.

क्या हुआ? हैरान हो गए…लेकिन…ये कर दिखाया है पुणे के रहने वाले 28-वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर ड्रॉपआउट अमन बिरेंद्र जायसवाल ने, जिन्होंने एक ऐसे पॉट GIA-Smart Pot (गिफ्टरिंग इंटेलिजेंट असिस्टेंट) का इज़ाद किया है जो आपसे बातें करेगा और इसमें रखी मिट्टी में ऐसा सेंसर लगाया जाएगा जो पानी से लेकर खाद और धूप तक की मांग करेगा.

अगर आप बागवानी करने के शौकीन हैं, तो आप इतना तो जानते ही होंगे कि किसी पौधे को हरा भरा रखने के लिए उसकी कितनी देखभाल करनी होती है. उसे फलते-फूलते देखना कितना चुनौतीपूर्ण होता है और जब पौधे सूखते हैं तो बहुत दुख होता है. अमन बिरेंद्र (Aman Birendra Jaiswal) ने पौधों के सूखने के दर्द को बहुत ही बारीकी से समझा और गिफ्ट्रींग इनोवेशन एंड एग्रीटेक (Giftreeng Innovations & Agritech) के नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की है जो कि ऐसे पॉट्स बनाता है जिसके AI फीचर्स के जरिए प्लांट्स आपको खुशी, गम के साथ साथ इसकी ज़रूरत का एहसास भी कराएंगे और सबसे बड़ी बात ये इंडिया में बना अपनी तरह का पहला स्मार्टपॉट है.

हाई-एंड तकनीक के साथ ये छोटा सा गमला पौधों के मालिक और उनके बीच एक अनूठा रिश्ता बनाने के लिए आकर्षक से चेहरे और ह्यूमन वॉइस के जरिए प्लांट्स की ज़रूरतों को बताता है.

जायसवाल ने दिप्रिंट से कहा, ‘‘प्लांट्स और उनके मालिकों के बीच मैं एक ऐसा रिश्ता बनाना चाहता हूं, जैसा वो अपने पेट्स (पालतू जानवरों) के साथ बनाते हैं.’’

अमन बिरेंद्र जायसवाल अपने पॉट GIA के साथ.
अमन बिरेंद्र जायसवाल अपने पॉट GIA-Smart Pot के साथ.

यह भी पढ़ें: क्या जल्दी मुरझा जाते हैं फूल? CSIR रिसर्च का दावा- लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल बढ़ा सकते हैं इनकी उम्र


गिफ्ट्रींग का सफर

हर दिन नई-नई कंपनियां घर के दरवाजे तक सस्ते दामों में फूल से लेकर फल तक के पौधे घर तक पहुंचा रही हैं और लोग उसे खरीद भी रहे हैं, लेकिन वो फूल के पौधे हों या फिर इनडोर प्लांट्स दिक्कत तब आती है जब वो सूखने लगते हैं, क्योंकि उन्हें ठीक से देखभाल नहीं मिल पाती है.

अमन ने बताया कि तकनीक और बागवानी के फ्यूज़न ने उन्हें एक 2021 में ऑनलाइन नर्सरी स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित किया था, जिसमें पौधों को सीधे लोगों के दरवाजे पर एक ही दिन में पहुंचाया जाता था, लेकिन ऑर्डर बहुत कम आ रहे थे. फिर पता चला कि लोगों को पौधों की देखभाल करनी नहीं आती है और ये जल्दी मुरझा जाते हैं. फिर अमन ने लोगों की पौधों के मुरझाने, जल्दी सूख जाने की समस्या पर काम करना शुरू किया. इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड, बागवानी के शौक और मशीनों की जानकारी ने उन्हें कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया जिससे ‘‘गिफ्ट्रींग’’ का विचार सामने आया.

अमन ने कहा, ‘‘मेरे एक दोस्त की मदद से मॉडल पर 6 महीने तक रिसर्च करने के बाद हमने एक ऐसा पॉट तैयार किया जो बताता है कि उसे कब पानी और धूप चाहिए और यहीं से गिफ्ट्रींग की शुरुआत हुई.’’

तीन साल तक पुणे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके अमन ने अपनी मेहनत से अगस्त 2021 से लगातार 16 मॉड्ल्स पर काम किया और आखिरकार आगामी एक अक्टूबर को गिफ्ट्रींग की बाज़ार में पहली 200 प्लांट्स की पहली डिलीवरी होने वाली है और आगे के लिए ऑर्डर आने भी शुरू हो गए हैं.

कंपनी के नाम के बारे में पूछे जाने पर अमन ने कहा, ‘‘मुझे बचपन से लोगों को प्लांट्स गिफ्ट करना बहुत अच्छा लगता था. इसलिए, अलग नाम रखने के लिए मैंने गिफ्टिंग को मैंने गिफ्ट्रींग कर दिया.’’

अमन बिरेंद्र जायसवाल अपने पॉट GIA के साथ.
धूप में ले जाने के लिए पॉट की स्क्रीन पर इमोजी बन जाते हैं.

आजकल हर एक चीज़ स्मार्ट हो रही है और हमें सिखाया जाता है कि प्लांट भी लिविंग बींग होते हैं, जिन्हें भी आपके घर के पालतू जानवर की तरह प्यार की ज़रूरत होती है.

जायसवाल ने कहा, ‘‘कंपनी की टैगलाइन है ‘टर्निंग प्लांट्स इनटू पेट’ यानी पौधे जो आपके घर के पालतू हैं.’’

उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर उनसे प्रोडक्ट के साथ रील्स बनाने के लिए संपर्क कर रहे हैं.

GIA-Smart Pot क्यों है खास

इस ब्लैक पॉट के अंदर एक AI चिप डिवाइस है, जिसे पूरी तरह से सिलिकॉन से बंद किया गया है. जायसवाल ने दावा किया कि पानी डालने से पॉट को नुकसान नहीं पहुंचेगा क्योंकि ये प्लास्टिक से बना है और पूरी तरह से वाटर और फायर प्रूफ है.

बाज़ार में दूसरी पौधे बेचने वाली दूसरी प्रतिस्पर्धी साइट्स जैसे एफएनपी, आईजीपी, उगाउ के बारे में पूछे जाने पर अमन ने कहा, ‘‘चूंकि ये कंपनियां पौधे बेच रही हैं और मेरी कंपनी पौधों को ज़िंदगी दे रही है, गिफ्ट्रींग का उनसे मुकाबला नहीं है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कम पानी से पौधे भले ही टिक जाएं, लेकिन ज्यादा पानी में मर जाते हैं और प्लांट्स कहीं से भी लिए जा सकते हैं, लेकिन उनकी देखभाल कैसे करनी है इसका एक पूरा गाइड आपको यहां मिलेगा.’’

हालांकि, उन्होंने बताया कि जिया (GIA-Smart Pot) खरीदने वाले कस्टमर्स को इसके साथ कुछ स्पेशल तोहफे भी दिए जाएंगे, लेकिन इसका खुलासा प्रोडक्ट के बाज़ार में आने के बाद ही किया जाएगा.

GIA-Smart Pot एक सब्सक्रिप्शन मॉडल पर काम करेगा, जिसके तहत एक साल तक की सर्विस फ्री दी जाएगी. खरीदने के बाद एक साल की वारंटी भी दी जाएगी.

GIA को कस्टमाइज़ भी किया जा सकता है | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट
GIA-Smart Pot को कस्टमाइज़ भी किया जा सकता है | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट

इसके हर समय बोलते रहने की संभावनाओं, तकनीकी खामियों के बारे में उन्होंने कहा कि GIA-Smart Pot पूरा दिन पानी मांग कर परेशान नहीं करेगी, जैसे ही आप उसकी बात सुन लेंगे वो चुप हो जाएगी. इसके सेंसर रात 10 बजे के बाद खुद-ब-खुद बंद हो जाएंगे. इसके साथ खाद में लगे हुए सेंसर्स पीएच लेवल का पता भी लगा सकेंगे.

अमन ने कहा, ‘‘GIA-Smart Pot पॉट में लगी हर एक चीज़ इंडिया में बनी है और इसे उन्होंने खुद अपनी मेहनत से बनाया है.’’

तकनीक में प्रकृति के फ्यूज़न के पर्यावरणविदों के तर्क पर अमन ने कहा, ‘‘तकनीक आज कल हरेक चीज़ में है और ये डिवाइस पूरी तरह मिट्टी में काम करेगी और प्लांट को इससे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा.’’

पॉट में FR-ABS वाला प्लास्टिक लगाया गया है, जिसकी इज़ाज़त सरकार ने भी दी हुई है. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होने के कारण किसी और तरह का प्लास्टिक इसमें इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था.

इसके अलावा अगर आप घर पर नहीं भी हैं, तो प्लांट में एक रिजर्वॉयर लगा होगा जिसमें आधा लीटर पानी होगा और ज़रूरत पड़ने पर पॉट खुद पानी ले लेगा.

बाज़ार में आने पर इसकी कीमत 1999 रुपये रहेगी, जिसमें गमला, पौधा और मिट्टी सबकुछ दिया जाएगा.

पौधे के अधिक कीमत के बारे में पूछे जाने पर अमन ने कहा कि आजकल लोग आराम से 4 से पांच हज़ार रुपये के तोहफे देते हैं, उस हिसाब से ये बहुत कम है.


यह भी पढ़ें: बजाज हेल्थकेयर रेगुलेटेड अफीम प्रोसेसिंग सेक्टर में प्रवेश करने वाली पहली निजी संस्था


‘रूट नहीं रूह तक जाना है’

बचपन से ही स्टार्टअप के जूनूनी ने छठी क्लास में अपने क्लासमेट्स को सालाना 25 रुपये में स्टेशनरी लाकर देने का काम शुरू किया. उसमें वो बाज़ार से कम दाम में दोस्तों को सामान बेचते थे, जिसमें उनके पास 70-80 बच्चे जुड़ गए थे.

पुणे को ‘‘ऑक्सफॉर्ड ऑफ इस्ट’’ बताते हुए अमन ने कहा, ‘‘वहां सब कुछ है, लेकिन मीडिया नहीं है’’ और दिल्ली आने के लिए उन्हें इससे बेहतर बहाना नहीं मिल सकता था, इसलिए उन्होंने मैकेनिकल इंजियनिरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ दी और राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया कॉलेज में एडमिशन ले लिया.

अमन ने अपना पहला स्टार्टअप 2015 में शुरू किया, जिसका नाम सब्ज़ीकार्ट था, जिसमें वो लोगों को घरों तक एक ही दिन में फल और सब्ज़ियों की डिलीवरी करते थे. 2018 में उन्होंने पोएटिकल बोफिन्स शुरू किया, जिसमें कवियों और लेखकों को अपनी रचनाएं सुनाने के लिए मंच दिया गया. 2019 में वरेण्यं लॉजिस्टिक्स के नाम से कंपनी शुरू की और टेम्पोवाला ऐप बनाया, जिसमें ओला, उबर की तरह सामान लाने और ले जाने के लिए ट्रक बुक किए जा सकते थे. इसके साथ ही बीते तीन साल से वो मीडिया में काम कर रहे हैं और उसी के साथ इस स्टार्टअप को शुरू किया है.

काफी लोगों को मालूम नहीं होगा कि प्लांट्स भी आपको खुशी और गम जता सकते हैं क्योंकि इसके बारे में बहुत कुछ लिखा नहीं गया है. इसके लिए स्टार्टअप के साथ अमन प्लांट्स की सभी ज़रूरतों के लिए ‘‘वन स्टॉप सोल्यूशन’’ बनाना चाहते हैं.

अमन कहते हैं, ‘‘मेरा सपना है कि एक दिन मैं भारत में एक बड़ी प्लांट केयर लैब शुरू करूं, जहां केवल पौधों पर काम किया जाए…मुझे प्लांट की रूट नहीं रूह तक जाना है.’’

उन्होंने बताया कि कंपनी ऐसे सेंसर पर काम कर रही है, जिसमें कि इंसानी चीज़ों, हाव-भावों की तर्ज़ पर प्लांट्स भी वैसा करने लगे. GIA-Smart Pot का एलेक्सा वर्ज़न भी जल्द आ सकता है.

हाल फिलहाल में GIA-Smart Pot इनडोर प्लांट्स के लिए काम करेगी और आउटडोर प्लांट्स के लिए GVAN (G गिफ्ट्रींग और वन यानी जंगल) नाम से नई डिवाइस लॉन्च होने वाली है, जिसमें 15-20 पौधों या उससे अधिक में एक साथ एक लाइन से काम किया जा सकेगा और उसकी ऐप में हरेक प्लांट की जानकारी होगी. इसके अगले साल जनवरी-फरवरी में लॉन्च होने की उम्मीद है.

उन्होंने बताया कि कंपनी टीवी के एक शो में भी फाइनिलाइज़ हो गई है, जिसके लिए उन्हें इंतज़ार करना है और इसका वेल्यूएशन 30 करोड़ रुपये है. इसके साथ ही अनुपम मित्तल की ड्रीम डील 2.0 मुकाबले में वो टॉप 30 में शॉर्टलिस्ट हुए थे.

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र से वरिष्ठ सदन राज्यसभा के सदस्य विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे से अपनी मुलाकात के बारे में अमन ने दिप्रिंट से कहा, ‘‘उनका मानना है कि भारत में बनाई गई किसी भी नई तकनीक की जानकारी पूरे विश्व को होनी चाहिए.’’

साथ ही, जायसवाल ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को भी उन्होंने स्टार्टअप के बारे में जानकारी दी है और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से कुछ दिनों में अमन से मुलाकात की संभावनाएं हैं.

(संपादन: पूजा मेहरोत्रा)


यह भी पढ़ें: ये बैंगन है या टमाटर? नहीं, ये है ‘ब्रिमेटो’, बिल्कुल पोमेटो की तरह, जिसकी क़लम वाराणसी के वैज्ञानिकों ने तैयार की है


 

share & View comments