पंचकूला की 32 साल की मनु अपने रात के रोजमर्रा के कामों को तेजी से निपटाने में लगी है, मसलन खाना बनाना, परोसना और अपने बच्चे को सुलाना.
सभी कामों को पूरा कर जैसे ही वह बेडरूम से बाहर निकली, उसने कुर्सी पर बैठते हुए अपना लैपटॉप चालू कर दिया. अब वह एक अलग ही दुनिया में थी. वो दुनिया जिस पर शूट-बूट पहनने वाले पुरुषों का एकाधिकार माना जाता रहा है.
लैपटॉप पर शीबा इनु, बैटल इन्फिनिटी, लकी ब्लॉक, स्टेलर लुमेंस, एथेरियम, टेरा, डॉगकोइन, ट्रम्पकोइन, बिटकॉइन से जुड़े ढेरों पेज खुले थे. वह एक लाइव क्रिप्टोकरेंसी चार्ट देख रही थी.
यह बिलकुल सच है. अब सिर्फ बेंगलुरु, मुंबई और गुरुग्राम जैसे शहरों में स्मार्ट समझे या दिखने वाले पुरुष ही क्रिप्टोकरेंसी में रुचि नहीं रखते हैं. भारत के छोटे शहरों की महिलाएं भी अब क्रिप्टो ट्रेडिंग कर रही हैं.
उनका ढाई साल का बच्चा कहने लगा ‘ममा अपने फोन पर ग्राफ देखती रहती है.’ मनु ने हंसते हुए बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वह क्रिप्टो चार्ट और ग्राफ़ से अलग कुछ देख ही नहीं सकती हैं.
मनु क्रिप्टो और ब्लॉकचैन की दुनिया में नई है. उसने अपनी प्रेगनेंसी के समय इक्विटी और ऑप्शन की ट्रेडिंग करना शुरू किया था.
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, जिसे एक बिचौलिए के बिना decentralised सिस्टम से मैनेज किया जाता है यानी इस पर किसी भी देश या सरकार का नियंत्रण नहीं है. अब तक माना यही जाता रहा है कि ‘टेक ब्रो’ ही इस पर अपनी पकड़ बना सकते हैं या फिर इस तरह के लेन-देन में माहिर है. लेकिन अब महिलाएं यहां खुद से अपनी जगह बना रही हैं. भारत में कई क्रिप्टो एक्सचेंज ने खासतौर पर छोटे शहरों में महिला यूजर्स के प्रतिशत में भारी वृद्धि दर्ज की है.
यह उनके हाथों में पैसे और आर्थिक गतिविधियों में शामिल होने का संकेत देता है. उनके अंदर रिस्क लेने की ऐसी ललक पहले कभी नहीं दिखी थी. एस्ट्रोनॉमिकल नंबर्स इन प्लेटफार्मों पर सिर्फ महिलाओं की पहले की अनुपस्थिति को दर्शा सकती हैं – लेकिन साथ ही यह भी इंगित करती है कि छोटे शहरों में ज्यादा महिलाएं आर्थिक आजादी और सम्मान की दिशा में आगे कदम बढ़ा रहीं है. लोकप्रिय भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के 10 मिलियन यूजर्स है, जिसमें से 15 फीसदी महिलाएं हैं. ब्रोकरेज फर्म शेयरखान का अनुमान है कि पारंपरिक बाजार में सक्रिय ट्रेडर्स में 20 फीसदी महिलाएं हैं.
ट्रेडिंग सिखाने वाली लुधियाना की फायनेंस सर्विस कंपनी ‘मनी मैगनेट’ की श्रद्धा नंचहिल ने कहा, ‘जो महिलाएं क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सीखना चाहती हैं, वे ज्यादातर अपने परिवार या बच्चों की वजह से अपना काम छोड़ चुकी हैं या फिर शुरू से ही होममेकर यानी गृहिणी रही हैं.’
नंचहिल ने बताया, ‘महिलाएं पुरुषों की तुलना में चीजों को जल्दी समझ लेती हैं. रिस्क मैनेजमेंट और मनी मैनेजमेंट कुछ ऐसा है जिस पर हमें महिलाओं के साथ ज्यादा काम नहीं करना पड़ता है. क्योंकि वे इसके बारे में पहले से ही जानती हैं.’
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क्या चाहती हैं महिलाएं
क्रिप्टो बाजार के बारे में सबसे आकर्षक अगर कुछ है तो वह है उसका पूरे सप्ताह 24 घंटे चलते रहना. महिलाएं किसी भी समय ट्रेड करने के लिए लॉग इन कर सकती हैं. उन्हें ट्रेड करने और अपने घरेलू कामों के बीच मैनेज करने की जरूरत नहीं पड़ती है. वह जब चाहे अपनी सहुलियत से काम कर सकती है.
लखनऊ में अपनी 1.5 साल बेटी के साथ रहने वाली एक पूर्व बैंकर श्रेया (बदला हुआ नाम) कहती हैं, ‘मैं आमतौर पर रात के खाली समय में ट्रेडिंग करती हूं.’
यह महिलाओं के लिए घर पर रहते हुए पैसा कमाने का एक तरीका भी है. महामारी ने 28 साल की अर्श को घर से दूर जाने के लिए मजबूर कर दिया था. वह लैब असिस्टेंट के तौर पर पौधों की बीमारियों पर शोध कर रही थीं.
अपने मंगेतर के साथ कनाडा चली गई अर्श ने कहा, ‘भारत में मेरे दोस्त वास्तव में क्रिप्टो में विश्वास नहीं करते. उन्हें नहीं लगता कि मैं ज्यादा पैसा नहीं कमा पाऊंगी. लेकिन सच्चाई यह है कि मैं घर से ट्रेडिंग करते हुए 5 से 6 प्रतिशत का रिटर्न कमा रही हूं.’
अर्श के मुताबिक, क्रिप्टो के बारे में सीखना कनाडा में बेहतर तरीके से फिट होने के लिए लगभग एक संस्कार की तरह था. कनाडा में उसके मंगेतर के कई दोस्त और उनकी पत्नियां ‘क्रिप्टोकरंसी’ में लगी है. और अर्श को उम्मीद है कि वह उनके साथ इस संबंध में बातचीत कर सकती है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन उन सभी ने निवेश किया हैं, वो ट्रेडिंग में नहीं हैं… फिर भी, उन्हें मेरे तकनीकी विश्लेषण की जरूरत पड़ सकती है.’
उन्होंने अपने मंगेतर से एलोन मस्क के बारे में जाना. उन्होंने कहा कि वह अब उसकी वित्तीय सलाह लेते है. वह कहने लगी, ‘मुझे लगता है कि मैं कनाडा में बेहतर तरीके से फिट हो जाऊंगी.’ वह बताती है, ‘वे पैसिव इंकम के लिए क्रिप्टो के बारे में बात करते हैं, इसलिए यह कुछ ऐसा है जो मैं निश्चित रूप से अपना काम करना शुरू करने के बाद भी, करते रह सकती हूं.’
क्रिप्टो महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने में भी मदद करता है. लिसी (बदला हुआ नाम) फिलहाल बेंगलुरु में काम करती है और तमिलनाडु के नागरकोइल शहर में अपने परिवार को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बता रही हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरे घर में ज्यादातर महिलाएं गृहिणी हैं. वो सभी पैसे का प्रबंधन करने में सहज रूप से काफी अच्छी हैं, लेकिन बड़े जोखिम लेने से बचती हैं.’ उन्होंने कहा, उनकी चाची अब अपनी पारंपरिक बचत के तरीके को जारी रखने के बजाय निवेश करने के लिए सही सिक्के चुन रही हैं.
लिसी ने कहा, ‘वे अब अपने सर्कल में क्रिप्टो के बारे में बात करती हैं. खासकर अब वह शहर में रहने वाले लोगों के समान बात कर सकती हैं और अपनी बात उनके सामने बेझिझक रख सकती हैं. अब उन सभी के पास अपने स्वयं के क्रिप्टो वॉलेट हैं.’
क्रिप्टो कल्चर
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया अपने नियमों के सेट के साथ आती है.
हमेशा ऊपर नीचे रहने वाला बाजार अरबपति एलन मस्क के एक ट्वीट से लड़खड़ा सकता है. तो वहीं मजाक के तौर पर बनाए गए नए मीम कॉयन कई बार ज्यादा फायदेमंद साबित हो जाते हैं. यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी को अक्सर मेल-डोमिनेटेड स्पेस के रूप में देखा जाता है. जहां इंटरनेट की खास कल्चरल समझ रखने वाले पुरुषों का दबदबा कायम है. लेकिन अब यह सब तेजी से बदल रहा है.
भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक ‘वज़ीरएक्स’ के साथ जुड़े नैरेन अहमद ने कहा ‘क्रिप्टो एक डेमोक्रिटाइज ऐसेट क्लास है और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता है. महिलाओं की इसमें बढ़ती भागीदारी एक सकारात्मक और उत्साहजनक डवलपमेंट है.’ वह आगे कहते हैं, ‘मिलेनियम जनरेशन के युवक और युवतियों दोनों ने क्रिप्टो को अपने पहले निवेश के रूप में चुना है.’
WazirX ने भारत के टियर- II और टियर- III शहरों के यूजर्स की संख्या में 2648 फीसदी की वृद्धि देखी है. अहमद ने कहा, ‘वास्तव में 2021 में वज़ीरएक्स पर रजिस्टर करने वाले 55 प्रतिशत यूजर्स (इन) शहरों से थे. आंकड़े बताते हैं कि जो टियर- 1 शहरों को पछाड़ते हुए इन शहरों के यूजर्स ने 2375% की साइनअप वृद्धि को दर्शाता है. इन (टियर- II और टियर- III) क्षेत्रों की महिलाओं की कुल साइनअप में 65 फीसदी की हिस्सेदारी है.’
CoinDCX के लिए उनके 35 फीसदी यूजर दिल्ली, हैदराबाद और कोलकाता जैसे महानगरों से आते हैं. लेकिन 65 फीसदी यूजर जयपुर, पटना और लखनऊ जैसे शहरों से हैं.
हाल ही में यूनाइटेड नेशन ट्रेड एंड डवलपमेंट रिपोर्ट के अनुसार, सभी भारतीयों में से 7 प्रतिशत से ज्यादा के पास किसी न किसी रूप क्रिप्टो का मालिकाना हक है. लेकिन रेगुलेशन के बारे में क्लैरिटी का न होना चिंता का कारण है. भारत सरकार के प्रस्तावित क्रिप्टो बिल को अभी तक पेश नहीं किया गया है, और कथित तौर पर भारत में भुगतान की एक विधि के रूप में सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का लक्ष्य है – कुछ चुनिंदा निजी सिक्कों को छोड़कर. यह भारतीय रिजर्व बैंक को एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा – सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा स्थापित करने की भी अनुमति देता है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी एक ‘स्पष्ट खतरा’ है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, RBI चाहता है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाए.
सीतारमण के मुताबिक, क्रिप्टो को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत होगी. यह मदद नहीं करेगा क्योंकि भारतीय एक्सचेंज स्वयं नियामक स्पॉटलाइट के अधीन हैं – प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए वज़ीरएक्स और कॉइनस्विच कुबेर जैसी क्रिप्टो फर्मों की जांच कर रहा है.
ट्रेडिंग सिखाना
मनु अपने बच्चे को सुलाने के बाद एक बेसिक ऑब्जर्वेशन सेशन में लॉग इन करती है.
श्रद्धा से मनी मैग्नेट में क्लास ले रही चार महिलाओं में से वह एक थी और उनके साथ दो पुरुष भी ट्रेडिंग सीख रहे थे. ये सभी सोमवार को रात 8:30 बजे मिले और सीधे बिजनेस में लग गए. वे सीख रहे थे कि क्रिप्टो ट्रेंड को कैसे ट्रैक किया जाए.
श्रद्धा ने सिर्फ 20 मिनट तक उन्हें पढ़ाया. बाकी का समय उनके छात्रों के सवालों के लिए था. आमतौर पर पुरुष छात्र क्लास में महिलाओं से ज्यादा सवाल किया करते थे. लेकिन उस दिन पहले तीन सवाल मनु ने और दो अन्य महिलाओं ने पूछे. श्रद्धा की क्लास का मेल स्टुडेंट सिर्फ अपने सवाल के लिए समय ढूंढता रह गया.
आत्मविश्वास आने में अभी भी समय लगेगा. कुछ सवाल बड़े संकोच के साथ पूछे जा रहे थे, मसलन ‘माफ करना अगर यह एक सिली क्वेश्चन हुआ तो’ लेकिन श्रद्धा तुरंत और पूरे विश्वास के साथ जवाब देती हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी महिला छात्रों के आत्मविश्वास को कोर्स के साथ-साथ बढ़ते हुए देखा है. फिलहाल तो मेरे सभी छात्र सीखने के लिए सहज और उत्साहित हैं.’
श्रद्धा ने अपने छात्रों के बीच बढ़ती रुचि के चलते अपने पाठ्यक्रम में क्रिप्टोकरेंसी पर मॉड्यूल जोड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘भारतीय बाजार में महिलाएं आमतौर पर लंबे समय में सुरक्षित विकल्पों पर टिकी रहती हैं. लेकिन आज क्रिप्टो और इसके चारों ओर चर्चाओं का बाजार गर्म है. बेशक आपको पहले जोखिम को समझना होगा और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना सीखना होगा.’ क्रिप्टो वोलैटिलिटी ने उन्हें उत्साहित किया है लेकिन उन्होंने भारत के छोटे शहरों में इतनी सारी महिलाओं के सक्रिय होने की उम्मीद नहीं की थी.
उनकी एक छात्रा ने कहा, ‘हां, क्रिप्टो डरावना है, शेयर बाजार की तरह कोई ऊपरी या निचली सीमा नहीं है. यह काफी ज्यादा रिस्की है. लेकिन मैं इसके साथ ज्यादा नहीं जाती.’ उन्होंने अपने ससुर के साथ अपना डीमैट अकाउंट खोला हुआ है. वे दोनों पारंपरिक बाजार में एक साथ व्यापार करते हैं. वह उनके साथ के लिए आभारी है, लेकिन उसे यकीन नहीं है कि वह क्रिप्टो को समझ पाएंगे. वह कहती हैं, ‘यह मेरी जैसी महिलाओं के लिए रातों रात होने वाले जादू की तरह है.’
ट्रैकिंग क्रिप्टोनॉमी सीरीज का यह पहला लेख है. यहां सभी लेख पढ़ें.
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