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Wednesday, 20 November, 2024
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सीतामढ़ी का रॉबिन हुड, ‘जगुआर चोर’ अब राजनीति के खेल में आजमा रहा है हाथ

इस सबके पीछे है फिलहाल डासना जेल में बंद मोहम्मद इरफान की तरफ से अपनी पत्नी—जो अब बिहार में एक जिला पंचायत प्रतिनिधि है—से किया गया एक वादा.

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नई दिल्ली: फिल्म दबंग के सलमान खान का रॉबिन हुड पांडे वाला किरदार भले ही सबका पसंदीदा बन गया हो, लेकिन सभी ‘रॉबिन हुड’ इतने भाग्यशाली नहीं होते हैं और उन्हें इसकी जरूरत भी नहीं है. गाजियाबाद की कविनगर पुलिस ने हाल ही में एक रियल लाइफ रॉबिन हुड मोहम्मद इरफान उर्फ ‘जगुआर चोर’ को गिरफ्तार किया है. जी हां, आपने सही पढ़ा—अपना काम करने के बाद वह अपनी लग्जरी कार से ही फरार होता था. इस समय इरफान उत्तर प्रदेश की डासना जेल में बंद हैं, वहीं बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव के कारण सुर्खियों में है.

देश के 12 राज्यों में लूटपाट की कम से कम 40 घटनाओं में शामिल इस ‘सुपरचोर’ से जुड़े कई दिलचस्प पहलुओं में से यह सिर्फ एक है.

बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले इस ग्रामीण रॉबिन हुड को अब अपने परिवार में एक उभरता राजनेता मिल गया है. उसकी पत्नी गुलशन परवीन ने इस हफ्ते ही सीतामढ़ी के पुपरी प्रखंड वार्ड नंबर 34 से ‘रॉबिन हुड’ इरफान के नाम पर वोट मांगकर जिला पंचायत चुनाव जीता था. क्यों? क्योंकि इरफान ने अपने ऊपर घोषित ईनामी राशि का इस्तेमाल अपने गांव जोगिया और उसके आसपास करीब एक करोड़ रुपये की लागत से सात सड़कें बनवाने में किया था. अपनी जीत के बाद अब परवीन चाहती है कि जेल से बाहर आने पर इरफान विधानसभा चुनाव लड़े.

गुलशन परवीन का चुनाव अभियान पूरी तरह से अपने पति के कल्याणकारी कार्यों पर केंद्रित था. चुनाव प्रचार के दौरान हर पोस्टर पर इरफान और गुलशन साथ नजर आ रहे थे. उसने वार्ड संख्या 34 में 2,000 मतों से अपनी जीत हासिल की और दावा किया कि प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी को लगभग 50 प्रतिशत मतों से हराया है. गुलशन की जीत का सबसे ज्यादा श्रेय इरफान की ‘उदारता’ को जाता है. ग्रामीणों ने गुलशन को इरफान की जगह ही मानकर वोट दिया.

यह सब कुछ संभव हुआ है एक प्रेम कहानी की वजह से, जिसका आधार बना इरफान का अपनी पत्नी गुलशन परवीन से किया गया एक वादा.

एक प्रेम कहानी

गुलशन बताती है कि इरफान ने उन्हें पहली बार अपनी बड़ी भाभी के घर पर देखा था. दोनों में प्यार हो गया और जल्द ही दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया. उन्होंने कहा, हम गरीब थे और हमने अपने परिवारों की मर्जी के खिलाफ शादी की.

यह दंपति गरीबी से उबरना चाहता था, लेकिन एक छोटा होटल खोलने से लेकर कपड़े की दुकान चलाने तक—तमाम प्रयासों के बावजूद कोई भी सफलता नहीं मिली. वे अपने गुजारे के लिए मुंबई से दिल्ली तक घूमते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. गुलशन के मुताबिक, तभी इरफान ने अपने परिवार की मदद करने के लिए लूटपाट करने का फैसला किया.

वह कहती हैं, ‘मैं हमेशा मना करती थी ऐसा काम करने से. अब एक जनप्रतिनिधि बन चुकी गुलशन अपने पति का बचाव करते हुए कहती हैं. ‘इरफ़ान कभी किसी को खाली हाथ नहीं जाने देते थे. उन्होंने अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया है, बल्कि उनके लिए किया जिन्हें मदद की जरूरत थी और जो गरीब थे.’

जगुआर चोर

कवि नगर पुलिस स्टेशन के प्रेस नोट के मुताबिक, इरफान के खिलाफ पहली एफआईआर 2013 में दर्ज हुई थी और सबसे ताजा एफआईआर इस साल 4 सितंबर को दर्ज की गई थी. इरफान ने 2010 में पहली डकैती अपनी बहन की शादी के लिए डाली थी.

गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, हिस्ट्रीशीटर ने पंजाब, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, गोवा और उत्तर प्रदेश सहित 12 राज्यों में डकैती डाली हैं. जांच अधिकारी (आईओ) देवेंद्र सिंह, जिनकी टीम ने इरफान को गिरफ्तार किया, का कहना है कि यह लुटेरा पश्चिम बंगाल और दिल्ली की जेलों में भी बंद रह चुका है.

1.5 करोड़ रुपये की चोरी के सिलसिले में इरफान की गिरफ्तारी गाजियाबाद स्थित एक घर से हुई है. यह आरोपी, जो ‘उजाले गैंग’ का हिस्सा था, ज्यादातर अपराधों को खुद ही अंजाम देता था. पुलिस ने उस तक पहुंचने से पहले गिरोह के 11 सदस्यों को सीसीटीवी फुटेज की मदद से गिरफ्तार कर लिया था.

पुलिस ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में नोटबंदी की घोषणा किए जाने के कुछ ही दिन पहले ‘जगुआर चोर’ ने दिल्ली में एक जज के घर से 65 लाख रुपये की चोरी की थी. किसी घर में सेंधमारी करना और फिर एक जगुआर से फरार हो जाना, यह कुछ ऐसा था जो पुलिस के मुताबिक इरफान पर अनूठा तरीका था. कविनगर पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने कहा, ‘जरा सोचिए कौन ऐसी कल्पना करेगा कि जगुआर चलाने वाला एक चोर है जिसने अभी-अभी कोई लूटपाट की है.’

अपने इलाके का हीरो

गुलशन कहती हैं, ‘उन्होंने कभी भी सिर्फ हमारे लिए पैसे नहीं रखे. वह हमेशा उन लोगों की मदद करते थे, जिन्हें जरूरत होती थी.’ इस दावे का समर्थन गढ़ी जोगिया की एक अन्य ग्रामीण शमीमा खातून ने भी किया, जिन्होंने इरफान की दयालुता को दर्शाने वाली एक घटना की जानकारी दी. खातूने ने बताया, ‘हमारे गांव में एक धोबी था जिसकी इरफान ने मदद की थी. वह बीमार था और एक महंगे ऑपरेशन के लिए उसे पैसे की जरूरत थी. इरफान ने उसकी पूरी तौर पर आर्थिक मदद की.’

गुलशन का दावा है कि इरफान ने अपने गांव और उसके आसपास वंचित परिवारों की कम से कम 50 लड़कियों की शादी कराने में मदद की है. गुलशन बताती हैं कि असल में गांव वालों ने ही सबसे पहले इरफान से विधायक का चुनाव लड़ने को कहा था.

सफर अभी बाकी है

गुलशन और इरफान की 10 और 7 साल की दो बेटियां हैं. गुलशन का कहना है कि अब जबकि वह चुनाव जीत चुकी हैं, अपने परिवार के साथ ‘सम्मान’ से जीवन जीना चाहती हैं. इरफान ने अपनी पत्नी से कहा था कि अगर वह चुनाव जीत जाती हैं तो वह अपराध की दुनिया छोड़ देगा.

एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक इरफान की 10 गर्लफ्रेंड थीं. हालांकि, आईओ देवेंद्र सिंह का कहना है कि इस जानकारी को पुख्ता करने का कोई तरीका नहीं था

गुलशन, जिसे कुछ वर्ष पहले अपने पति की सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, का कहना है कि इरफान ने अपने गृह राज्य में कभी कोई चोरी-डकैती नहीं की, जिसकी पुष्टि आईओ देवेंद्र सिंह ने भी की है. नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि का कहना है, ‘अगर वह (इरफान) जेल से बाहर आते हैं तो मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि वह विधायक का चुनाव जीतें, और हम दोनों राजनीति में आ जाएं और हर किसी की मदद के लिए काम करें.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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