नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि पर्यटन क्षेत्र में तेज़ी देखी जा रही है और यह लगभग पूरी तरह घरेलू पर्यटकों के दम पर है. इस हिस्से का बड़ा भाग टेम्पल टूरिज़्म है.
शेखावत ने नई दिल्ली में विमेन जर्नलिस्ट वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, “घरेलू तीर्थ पर्यटन केवल इसलिए नहीं बढ़ रहा क्योंकि हमने नए मंदिर कॉरिडोर बनाए हैं. यह इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि गरीबों के हाथ में आर्थिक विकास के चलते खर्च करने लायक आमदनी बढ़ी है.”
पर्यटन क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि घरेलू पर्यटन पर जोर और प्रचार ने भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या घटने को ढक दिया है. दुनिया के कुछ देशों ने कोविड-पूर्व स्तर पर विदेशी पर्यटकों की आमद हासिल कर ली है, लेकिन शेखावत ने इसे गलत तुलना बताते हुए खारिज कर दिया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कुछ पर्यटन स्थल जैसे बाली, बाकू जो एशिया पैसिफिक और सेंट्रल एशिया के लोकप्रिय डेस्टिनेशन हैं वहां पहले पर्यटकों की संख्या बहुत कम थी जो कि हाल के वर्षों में वह बढ़ी है, जिससे ऐसा लगता है कि इन देशों का पर्यटन भारत के मुकाबले बहुत तेज़ी से बढ़ा है. इसलिए यह दिखता है कि वे हमसे बेहतर कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, हालांकि, दबाव बजट होटलों पर है. विदेशी हाई-एंड पर्यटक अभी भी आ रहे हैं, लेकिन जो मिड-रेंज बजट यात्रा करने वाले हैं, उन्हें मुश्किल हो रही है.
मंत्री ने कहा, “इनमें से कई होटल घरेलू यात्रियों ने बुक कर रखे थे. विदेशी पर्यटकों को जगह नहीं मिल रही क्योंकि भारतीयों ने उन्हें भर दिया है. हमें इस क्षमता को बढ़ाना होगा. विदेशी पर्यटक आगमन की संख्या कम दिख सकती है, लेकिन स्टे करने के दिनों के हिसाब से हम अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर हैं. लोग भारत लंबे समय के लिए आते हैं.”
उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच सालों में भारत में खेल ढांचे को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. आज पर्यटन भारत में कुल रोज़गार का 13 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है, जो कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा है. यह क्षेत्र कुल अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत योगदान करता है.
पिछले एक दशक में प्रदूषण और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं ने भारत की छवि को विदेशी पर्यटकों के लिए कम आकर्षक बना दिया है.
शेखावत ने कहा कि प्रदूषण ज़्यादातर नई दिल्ली की समस्या है और इसका असर आगरा या जयपुर जैसे लोकप्रिय स्थलों पर नहीं पड़ता.
उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जो नैरेटिव बनते हैं, वो अक्सर देश की अपनी मीडिया और सार्वजनिक चर्चाओं से और ज्यादा उभरते हैं. उन्होंने इटली में पर्यटकों को दी जाने वाली चेतावनियों और अमेरिका में गोलीबारी की घटनाओं का उदाहरण दिया.
मंत्री ने कहा, “हमने खुद यह धारणा बना ली है क्योंकि हम बार-बार इन घटनाओं पर बहस करते रहते हैं. एक घटना होती है और टीवी चैनल लगातार उस पर चर्चा करते रहते हैं. इसमें हमारी ही गलती है. दूसरे देशों की समस्याओं पर इतनी बात कोई नहीं करता.”
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पहलगाम टूरिज़्म
कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के चार महीने बाद ही पर्यटन की रफ्तार लौट आई है जिस पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उम्मीद जताई.
शेखावत ने कहा, “मैं पहलगाम गया था. वहां कम से कम 18,000 कमरे हैं और जुलाई में एक भी खाली नहीं था. हमें इस बात की चिंता नहीं है कि विदेशी पर्यटक कश्मीर जा रहे हैं या नहीं, जब तक भारतीय पर्यटक जाते रहेंगे, हम खुश हैं.”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और प्रचारित करने के लिए ब्लॉगर्स और इंफ्लुएंसर्स को प्रोत्साहन दिया गया है.
जलवायु परिवर्तन और हिमालय में पर्यटकों की भीड़ पर बात करते हुए शेखावत ने नए प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘पर्यटन मित्र’ का ज़िक्र किया. इसका मकसद पर्यटकों के बीच सस्टेनेबल तरीकों को बढ़ावा देने वाले एम्बेसडर तैयार करना है.
‘युगे युगीन भारत’
पर्यटन मंत्री शेखावत ने बताया, सेंट्रल विस्टा की नई योजनाओं के तहत राष्ट्रीय संग्रहालय को अब नए रूप में ‘युगे युगीन भारत’ राष्ट्रीय संग्रहालय के रूप में विकसित किया जाएगा. संग्रहालय में प्रदर्शनी की एक नई शैली तैयार की जा रही है.
उन्होंने कहा, “भारतीय संग्रहालयों में अब हम एक अलग तरह का क्रम चाहते हैं. पहले वस्तुओं को युग के आधार पर रखा जाता था—जैसे हड़प्पा, गुप्तकाल, पूर्व-मध्यकालीन, मध्यकालीन, औपनिवेशिक आदि. अब हमारे पास गैलरी होंगी जैसे भारतीय वास्तुकला का इतिहास, भारतीय शिल्प का इतिहास और इसी तरह.”
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