नई दिल्ली/चंडीगढ़: एक यूट्यूब वीडियो की शुरुआत कीचड़ भरे पानी में डूबे चार भारतीयों से होती है, बैकग्राउंड में एक आवाज़ बता रही है कि वे कोलंबिया के एक “डोंकर” की मदद से पहाड़ियां पार करने के लिए तैयार हैं. आवाज़ के पीछे के व्यक्ति जसपाल शर्मा कहते हैं, “डोंकर केवल तीसरी पहाड़ी सीरीज़ तक हमारे साथ रहेगा…हम यात्रा के इस हिस्से के लिए उसे अपना बैग दे सकते हैं और वो हमसे 30 या 40 डॉलर लेगा.”
इस वीडियो को तकरीबन आधे मिलियन से अधिक बार देखा गया है. चार भारतीय प्रवासियों की पनामा के जंगलों में ‘माफिया’ से मुलाकात को दिखाने वाला यह नज़ारा वीडियो सीरीज़ में चौथा है, जिसे शर्मा एक स्वयंभू “डंकी इन्फ्लुएंसर” ने अपलोड किया है. आज, शर्मा को कैलिफोर्निया में वर्क परमिट मिल गया है, जो करीब एक साल पहले अपलोड की गई उनकी वीडियो सीरीज़ में दिखाई गई कठिनाइयों से काफी अलग है, लेकिन कंटेंट बनाने की ललक उनमें अब भी बरकरार है.
‘2 नंबरी यूएसए वाला’ के नाम से प्रसिद्ध शर्मा, उन दर्जनों भारतीयों में से एक हैं जो अब अपनी माइग्रेशन यात्राओं का दस्तावेज़ीकरण करने के लिए यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टिकटॉक का सहारा ले रहे हैं. वे एक देश से दूसरे देश, विशेष रूप से कोलंबिया और पनामा के बीच के मुश्किल जंगल और यूएस-मेक्सिको बॉर्डर तक जाने के लिए सुझाव, रास्ते और जोखिम की जानकारी देते हैं. दरअसल, जब अमेरिका में अवैध इमिग्रेशन की बात की जाए तो भारतीय तीसरे स्थान पर आते हैं. सैकड़ों-हज़ारों उत्तेजित दर्शक उन्हें पसंद करते हैं, कॉमेंट्स करते हैं और सफलता के लिए खतरनाक क्षेत्र से गुज़रते हुए देख कर खुश होते हैं.
जैसा कि शाहरुख खान अभिनीत राजकुमार हिरानी की फिल्म ‘डंकी’ इस घटना को पॉप-सांस्कृतिक स्तर पर ले गई है, ‘डंकी फ्लाइट’ — एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना या प्रवास के लिए अनौपचारिक मार्ग लेना — आम बोलचाल का शब्द है. कानूनी इमिग्रेशन से इतर, जिसे ‘1 नंबरी’ पद्धति कहा जाता है, ‘2 नंबरी’ इमिग्रेंट्स ‘डंकी फ्लाइट’ ले रहे हैं, जो गैर-दस्तावेज़ी माइग्रेशन की एक लोकप्रिय तरकीब है.
सोशल मीडिया पर, हैशटैग ‘यूएसएडंकी’, ‘डंकी’ और ‘2 नंबरी’ ने इस बारे में कंटेंट बनाने वालों के बीच लोकप्रियता हासिल की है. यह इन सभी की कथित अवैधता और खतरा है जो इन वीडियो और उसे बनाने वालों को खास बनाता है.
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डंकी यात्रा का दस्तावेज़ीकरण
33-वर्षीय शर्मा ने सबसे पहले कानूनी रास्ते से ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश की कोशिश की और अपने सभी कागज़ात जमा करवाए. उन्होंने कहा, “लेकिन उन्हें बहुत अधिक दस्तावेज़ और आय के प्रमाण की ज़रूरत थी, इसलिए यह काम नहीं बन सका.” यूट्यूब चैनल चलाने का विचार उनके मन में अपनी डंकी यात्रा शुरू करने से बहुत पहले आया था. शर्मा किसान आंदोलन को उस प्रेरणा की तरह देखते हैं जिसने उन्हें व्लॉग बनाने के लिए प्रेरित किया.
पंजाब के राजपुरा क्षेत्र के इस यूट्यूबर ने बताया, “मैंने किसान आंदोलन के बाद 2022 में भारत छोड़ दिया. मेरे दादाजी के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्थानीय सदस्यों के साथ घनिष्ठ संबंध थे और उनका दबदबा था, लेकिन किसान आंदोलम में शामिल होने के बाद चीज़ें बदल गईं.” शर्मा अब, कैलिफोर्निया के एक भारतीय स्टोर में काम करते हैं, उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई है और बाकी परिवार अभी भी पंजाब में रहता है.
उन्होंने कहा, “मैं पहले से ही एक YouTube चैनल चला रहा था और किसान आंदोलन के समय से ही वीडियो बना रहा था. इसलिए, जब मैं अपनी यात्रा पर निकला तो मैंने बस वीडियो बनाने के बारे में सोचा. कभी-कभी, डेटा या कनेक्टिविटी की समस्याएं होती थीं, मैंने सोच लिया था कि मैं अपनी यात्रा को फिल्माऊंगा और बाद में जब मुझे (इंटरनेट) सुविधा मिलेगी तब इसे अपलोड करूंगा.”
बहुत से लोग सोशल मीडिया पर सामने आने के जोखिम के बारे में जानते हैं, लेकिन वो खुद को अपने समुदाय के लिए अच्छा करने वाले व्यक्ति की तरह देखते हैं. इन्फ्लुएंसर ने कहा कि वो आश्वस्त हैं क्योंकि अमेरिका में मानवाधिकार वकीलों से कानूनी मदद लेना आसान है.
यह रविवार, 24 दिसंबर है और भारतीय मानक समय के अनुसार रात 9 बजे ये इन्फ्लुएंसर ‘टेक्निकल गिल’ अपने 34,000 से अधिक इंस्टाग्राम फॉलोअर्स के लिए लाइव हो गया है. किसी भी समय लगभग 300 दर्शक लाइवस्ट्रीम देख रहे होते हैं. दर्जनों लोग कॉमेंट्स में सलाह मांगते हैं कि कौन सा रास्ता चुनना है, कैसे अच्छे एजेंटों की तलाश करनी है और यात्रा के लिए कितने पैसे की ज़रूरत पड़ेगी.
एक कॉमेंट था, “फ्रांस दी की खबर आ?”. गिल के कई फॉलोअर्स फ्रांस में एक विमान के पकड़े जाने की हालिया खबर के बारे में जानना चाहते थे, जिसमें 303 यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकांश भारतीय थे. यह फ्लाइट मूल रूप से निकारागुआ जा रही थी, लेकिन मानव तस्करी और अवैध इमिग्रेशन के संदेह में फ्रांसीसी अधिकारियों ने इसे वापस मुंबई भेज दिया. बताया गया कि विमान में सवार लगभग चार दर्जन यात्रियों ने शरण के लिए आवेदन दायर किया था.
ऐसी लाइव स्ट्रीम हर हफ्ते होती है, जिसमें अक्सर इमिग्रेशन के बारे में लोगों की चिंताओं को दूर किया जाता है. कई लोग ‘2 नंबरी’ मार्ग में शामिल जोखिमों, कनाडा जाने की सलाह से जुड़े सवाल पूछते हैं.
गिल, जो केवल अपने सरनेम का खुलासा करते हैं, के YouTube पर लगभग 46,000 सब्सक्राइबर हैं और लगभग 17 मिलियन चैनल व्यूज हैं. वह अक्सर बॉर्डर क्रॉस करने, यूएस-मेक्सिको बॉर्डर पर गिरफ्तारियों और दक्षिण अमेरिका (विशेष रूप से पनामा) से यूएस तक के रास्ते पर आने वाले अन्य जोखिमों से जुड़ा कंटेंट शेयर करते हैं.
उनका कहना है कि ब्रिटेन के बर्मिंघम में नौकरी पाने की पहली कोशिश के बाद उन्होंने 2016 में मैक्सिको में बसने का फैसला किया. इन्फ्लुएंसर, जो अब स्पेनिश भाषा में पारंगत है के पास “सभी कानूनी दस्तावेज़” मौजूद हैं और उनका कहना है कि उन्होंने “भारतीय भाइयों की मदद” करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
एक अन्य लोकप्रिय शख्सियत हरियाणा के इसराना गांव के अंकुश मलिक हैं जिनके YouTube पर 41,900 सब्सक्राइबर्स और करीब सात मिलियन चैनल व्यूज़ हैं और इंस्टाग्राम पर 56,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं. वो ऐसे वीडियो अपलोड करते हैं जो बिना दस्तावेज़ के इमिग्रेशन की बारीकियों को दिखाते हैं. भारत से अमेरिका तक की उनकी यात्रा को दिखाने वाली 15-पार्ट की इस सीरीज़ से लेकर उनके वर्क परमिट की प्राप्ति या गैस स्टेशन की यात्राओं का जश्न मनाने वाले उनके हालिया व्लॉग तक, मलिक “अमेरिकन ड्रीम” को साकार करने की रंगीन कहानी बुनते हैं.
इंस्टाग्राम पर उनकी सबसे हालिया रील में से एक उन लोगों पर एक भद्दा मज़ाक है जो उनके जैसे इमिग्रेंट्स का उपहास करते हैं. वह उन लोगों का ज़िक्र करते हुए व्यंग्यात्मक लहज़े में कहते हैं, जो पढ़ाई करने, डिग्री हासिल करने और व्हाईट कॉलर जॉब के साथ विदेश जाने पर जोर देते हैं, “कुछ नहीं रहा इन बातां का”. वीडियो उनके द्वारा नकली बंदूक की गोली की आवाज़ और चुटकी लेने के साथ समाप्त होता है कि वह उक्त सलाह पर ध्यान न देने के बावजूद पहले से ही अमेरिका में बैठे हैं.
अमित देसवाल ने कहा कि हरियाणा के सभी युवा वैसे ही देश छोड़ रहे हैं.
पानीपत के ‘2 नंबरी’ प्रवासी अमित देसवाल जो मलिक का अनुसरण करते हैं, ने कहा, “मैं दूसरों के बारे में नहीं बोल सकता, लेकिन अंकुश भाई के वीडियो देखकर मुझ पर प्रभाव पड़ा. वो यहां बहुत फेमस हैं. हरियाणा के सभी युवा देश छोड़ रहे हैं.”
देसवाल ने 2022 में ‘डंकी’ ली और शरण हासिल करने और कैलिफोर्निया में काम करने में कामयाब रहे. वो कहते हैं, “मैंने यूके के रास्ते मेक्सिको के लिए उड़ान भरी और मेक्सिको बॉर्डर पार करके अमेरिका में प्रवेश किया. हमें हिरासत केंद्र में रखा गया था, लेकिन उन्होंने हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया और एक या दो दिन बाद हमें रिहा कर दिया गया. मेरी अपील इमिग्रेशन अदालतों में लंबित है, लेकिन तब तक मुझे काम करने की अनुमति है.”
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पैसे से लेकर जोखिम तक
देसवाल जैसे कई लोगों के लिए अमेरिकी इमिग्रेशन सिस्टम ‘किस्मत’ का खेल है और मलिक और शर्मा जैसे माइग्रेशन इन्फ्लुएंसर्स उस सपने को आकार देने में मदद कर रहे हैं, इस रास्ते पर चैनल व्यूज़ और सब्सक्राइबर्स बढ़ा रहे हैं. देसवाल का यह भी कहना है कि इस जोखिम भरे काम में पैसा कमाना है.
देसवाल ने कहा, एक बार जब आप अमेरिका पहुंच जाते हैं और वर्क परमिट हासिल कर लेते हैं, तो वीडियो बनाने का समय किसके पास होता है?
उन्होंने आगे कहा, “यूट्यूब चैनल चलाने वालों का मुख्य मकसद पैसा है. मैं भी इंस्टाग्राम पर बहुत फेमस हूं, मैं अपनी डंकी के कारण यहां अमेरिका में सभी हरियाणवियों के बीच लोकप्रिय हूं, लेकिन YouTube चैनल को सफलतापूर्वक चलाना पैसा कमाने का एक तरीका है, उनके पास सब्सक्राइबर्स हैं और इसमें समय लगता है. एक बार जब आप अमेरिका पहुंच जाते हैं और वर्क परमिट हासिल कर लेते हैं, तो वीडियो बनाने का समय किसके पास होता है? अगर आप पैसा कमा रहे होंगे तभी आप कंटेंट बनाएंगे.”
कुछ लोग जबकि मुनाफा कमा रहे हैं, अवैधता का डर और कलंक अभी भी कई लोगों पर मंडरा रहा है. नवोदित YouTuber कृष्ण खटकर, जिन्होंने इस साल पनामा के जंगल और खतरनाक डेरियन गैप के पार अपनी यात्रा की, ने YouTube चैनल शुरू करने के अपने फैसले के बारे में बोलने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा, “आखिरकार, हम कानूनी रूप से देश में नहीं आए हैं, कोई भी इसके बारे में बात करके उनके माइग्रेशन को धमकी क्यों देगा.”
खटकर द्वारा टिप्पणी न करने के कारण के रूप में जोखिमों का हवाला देने के बावजूद, कई अन्य लोग उत्सुकतापूर्वक अपनी पूरी यात्रा का फिल्मांकन कर रहे हैं, भले ही यह उनकी शरण प्रक्रिया के लिए जोखिम पैदा करता हो.
गिल ने कहा, बहुत सारे भारतीय एजेंटों के जरिए आते हैं जो फिर उन्हें घुमा देते हैं.
तस्करी पर रिपोर्ट करने वाली पुरस्कार विजेता पत्रकार परी सैकिया कहती हैं, “अक्सर, उन वीडियो के पीछे एक डोंकर होता है जो उन्हें इन्फ्लुएंस करता है. इमिग्रेंट्स को संसाधनों, खाने-पानी से दूर रखा जाता है और मुश्किल जलवायु में ये यात्राएं जोखिम भरी होती हैं. इसलिए, डोंकर के निर्देशों के अनुसार, काम करने का दबाव ही है, जो उन्हें ये वीडियो बनाने के लिए मजबूर कर सकता है.” सैकिया यह भी बताती हैं कि बतौर कमीशन पैसे लेना और किसी विशेष डोंकर या एजेंट की सिफारिश करने के लिए वीडियो बनवाना काफी आम है.
गिल इन चिंताओं पर भी बात करते हैं. वे कहते हैं, “बहुत सारे भारतीय एजेंटों के जरिए आते हैं जो उन्हें घुमा देते हैं. कई बार, मुझे इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर ऐसे लोगों के मैसेज आते हैं जो किसी तीसरे देश में फंस गए हैं, क्योंकि एजेंटों ने पैसे हड़पने के बाद उन्हें बीच रास्ते में छोड़ दिया है. इसलिए, मैं यूट्यूब वीडियो के जरिए उनकी मदद करने की कोशिश करता हूं, खासकर इसलिए क्योंकि मैं मेक्सिको और अन्य देशों में रह चुका हूं और काम कर चुका हूं, इसलिए मैं सिस्टम को जानता हूं.”
डोंकी फ्लाइट लेने वाला लगभग हर व्यक्ति विश्वसनीय और किफायती विकल्प की तलाश में ‘एजेंटों’ पर निर्भर रहता है. कुछ एजेंट 35-40 लाख रुपये में काम करवा देते हैं, जबकि कुछ 50 लाख रुपये या उससे अधिक भी वसूलते हैं. किसी एजेंट की मदद करने की लागत चुने गए मार्ग पर निर्भर करती है. अधिकांश इन्फ्लुएंसर्स इस बात से सहमत हैं कि पनामा के जंगल और डेरियन गैप के जोखिम भरे रास्ते से अमेरिका में आना अन्य विकल्पों जैसे कि यूरोप से उड़ान भरने के बाद मैक्सिको से बॉर्डर पार करने की तुलना में किफायती है.
लेकिन यात्रा के जोखिम और लागत जो भी हों, अवैध इमिग्रेशन बड़े पैमाने पर हो रहा है और माइग्रेशन इन्फ्लुएंसर्स यहां बसने के लिए आए हैं.
प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका में अवैध इमिग्रेंट्स में भारतीयों की संख्या तीसरी सबसे अधिक है. अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (यूसीबीपी) के अनुसार, अक्टूबर 2022 और सितंबर 2023 के बीच, दस्तावेज़ की कमी के कारण कम से कम 96,917 भारतीयों को पकड़ा गया, डिपोर्ट किया गया, या प्रवेश से रोक दिया गया. रिपोर्ट में 2019-2020 की इसी अवधि की तुलना में आश्चर्यजनक रूप से पांच गुना वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है, जब संख्या सिर्फ 19,883 थी.
कोविड महामारी के बाद से इमिग्रेशन में वृद्धि से लेकर, डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के दौरान जो बाइडेन के तहत सरकारी नीतियों में बदलाव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत में अल्पसंख्यकों और असंतुष्टों को हाशिए पर धकेलना और एजेंटों द्वारा नए और अधिक परिष्कृत तरीकों को अपनाना और तस्करों के अलावा, कई कारकों ने भारतीयों के बीच पलायन की हताशा को बढ़ाने में योगदान दिया है.
माइग्रेशन स्कॉलर सुगंधा नागपाल भी अवैध पलायन यात्राओं को दिखाकर और कानूनी माइग्रेशन के बाद की ज़िंदगी को दिखाकर भारतीय माइग्रेंटस के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने में हो रही वृद्धि पर बात करती हैं.
नागपाल के अनुसार, ये वीडियो एस्पिरेशनल माइग्रेंट्स को जानकारी देने, फैसला लेने में मदद करने के लिए पोस्ट किए गए हैं. वे कहती हैं, “हालांकि, अवैध माइग्रेशन को सामान्य बनाने वाले वीडियो को जोखिम के तौर पर देखा जा सकता है, लेकिन सटीक सूचनाओं को बढ़ाकर ही उनका मुकाबला किया जा सकता है. यह भारत सरकार पर माइग्रेशन को नियमित करने से संबंधित संस्थानों पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए से युवा भारतीयों तक पहुंचने की जिम्मेदारी बढ़ाता है, जहां वे गंतव्य देशों, इमिग्रेशन की ज़रूरतों और माइग्रेशन के बाद की चुनौतियों के बारे में जानकारी प्रसारित कर सकते हैं.”
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आलोचना से अप्रभावित
हर कोई डंकी इन्फ्लुएंसर्स का फैन नहीं है. कई लोग कहते हैं कि वो गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं.
मलिक के वीडियो पर एक यूजर ने कॉमेंट किया, “हमारे जैसे असल यात्रियों को अमेरिकी टूरिस्ट वीज़ा हासिल करना मुश्किल बनाने के लिए आपको बधाई.” एक अन्य ने लिखा, “धन्यवाद भाई, आप जैसे लोगों के कारण भारतीयों को वीज़ा मिलने में मुश्किल होती है.”
लोकप्रियता के बावजूद, गिल का कहना है कि वो इन चिंताओं के बारे में बात करते हैं और अपने चैनलों पर डंकी माइग्रेशन की समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाते हैं. उन्होंने कहा, “मैं डंकी के विचार को बढ़ावा देने वाले वीडियो नहीं बनाता बल्कि लोगों को इसके जोखिमों से बचने में मदद करने के लिए बनाता हूं. अगर कोई पंजाब से आता है और अपने रास्ते में फंस जाता है, तो मैं उनकी मदद करने की कोशिश करता हूं.”
जसपाल शर्मा ने कहा, कई लोग बेहतरीन ज़िंदगी का सपना देख रहे हैं और हम दिखाते हैं कि यह साकार कैसे हो सकता है
गिल के वीडियो सावधान करने वाली कहानियां भी बताते हैं. ऐसा ही एक वीडियो, जिसका टाइटल है ‘माफिया पनामा जंगल में लड़कियों का इस्तेमाल करते है…यूएसए डंकी लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं है’, युवा महिलाओं को पनामा जंगल के रास्ते अमेरिका जाने से बचने की चेतावनी देता है. यात्रा का स्वयं अनुभव करने के बाद, गिल कहते हैं कि वह नहीं चाहते कि अन्य लोग भी वही गलतियां करें.
उनके सबसे ज्यादा बार देखे गए वीडियो को दस लाख से अधिक बार देखा गया है. ‘मेक्सिको बॉर्डर क्रॉसिंग टू यूएसए’ शीर्षक वाले एक वीडियो में घने जंगलों में कांटेदार तारों की बाड़ को पार करने के बाद लोगों के एक समूह को दूसरे समूह के गले लगाते और अभिवादन करते हुए दिखाया गया है. दुनिया भर के YouTubers ने कॉमेंट्स में सीमा-पार करने के इस तरीके की आलोचना की है.
“हां! उन्हें एक वीडियो दिखाएं कि अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार करने पर हिरासत में लेना और डिपोर्ट करना कैसा होता है! खासकर अगर आप नौकरी ढूंढने और घर खरीदने के लिए यहां काफी समय से हैं. कोई बहाना नहीं, डिपोर्ट.” अन्य लोग ऐसी बातें लिखते हैं जैसे “पलायन मत कीजिए…अपने देश को महान बनाओ.”
जसपाल शर्मा कहते हैं, हमारे गैर-कानूनी तरीकों के बारे में सारी नकारात्मकता के बावजूद, कोई ऐसा व्यक्ति भी है जो लिख रहा है कि हमने उनमें उम्मीदें जगाई हैं
हालांकि, भले ही उन्हें प्रशंसा और नफरत दोनों मिलती है, माइग्रेशन इन्फ्लुएंसर्स की यह नई पीढ़ी अचंभित रहती है. शर्मा मानते हैं कि हालांकि, कई लोग तरीकों पर सवाल उठाते हैं, लेकिन सामान्य प्रतिक्रिया आशाजनक रही है. वे कहते हैं, “कुछ लोग कहते हैं, आप (डंकी एजेंटों) पर और ऐसी यात्राएं करने के लिए 50 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं, ताकि अमेरिका में दैनिक वेतन भोगी बन सकें. इसके बजाय भारत में एक अच्छी नौकरी पाने के लिए ऐसे पैसे का उपयोग क्यों न किया जाए?” वो पूछते हैं, “लेकिन मुझे बताएं कि अगर मुझे यहां सबसे अच्छी नौकरी मिल भी जाए, तो क्या मैं उतना ही कमाऊंगा?”
शर्मा का दावा है कि वह अमेरिका में कामकाजी व्यक्ति के रूप में प्रति माह 3 लाख रुपये कमाते हैं. उन्होंने कहा, “भारत में सबसे अच्छी नौकरियों में भी मुझे हर महीने दो लाख रुपये से अधिक की सैलरी नहीं मिलेगी और ज़िंदगी यहां (अमेरिका में) कहीं बेहतर है.”
डंकी इन्फ्लुएंसर्स को देखने के लिए दर्शकों का एक बड़ा समूह पाकिस्तान, नेपाल, दुबई और यहां तक कि सऊदी अरब से भी आता रहता है.
शर्मा ने कहा, “हमारे अवैध तरीकों के बारे में सारी नकारात्मकता के बावजूद, कोई ऐसा भी है जो लिख रहा है कि हमने उनमें उम्मीदें जगाई हैं. कई लोग बेहतर ज़िंदगी का सपना देख रहे हैं और हम दिखाते हैं कि यह कैसे साकार हो सकता है.”
वह व्यंगात्मक ढंग से कहते हैं, “प्लीज़ मेरे चैनल को फॉलो करें, सब्सक्राइब करें और खुद देखें.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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