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Monday, 16 September, 2024
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रोहतक में इन्फ्लुएंसर मेडिकल स्टूडेंट का कैसे टूटा सपना, सोशल मीडिया पर पोस्ट की पूरी दास्तां

छात्रा ने दावा किया कि 33-वर्षीय कौशिक 7 महीने से अधिक समय से उनका पीछा कर रहा था और उन्हें परेशान कर रहा था. उसका फैकल्टी और महिलाओं के साथ झगड़ा करने का इतिहास रहा है और उसे कई बार अनुशासनात्मक चेतावनी भी मिली थी.

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रोहतक: सोशल मीडिया पर एक 19-वर्षीय इन्फ्लुएंसर ने पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PGIMS), रोहतक में मेडिकल की पढ़ाई करने के सपने को साकार करने के हर मूमेंट को रिकॉर्ड किया. एक साल के भीतर, वो सपना एक दुःस्वप्न बन गया — क्योंकि एक साथी मेडिकल छात्र उनके प्रति जुनूनी हो गया था.

16 अगस्त को उन्हें एनाटॉमी के एमडी छात्र डॉ. मनिंदर कौशिक ने रात 11 बजे कॉलेज लाइब्रेरी के बाहर से अगवा कर लिया. अगले 13 घंटों तक वो कथित तौर पर उन्हें रोहतक से सैकड़ों किलोमीटर दूर पंजाब की ओर ले गया. एफआईआर के अनुसार, वो रास्ते में कई जगहों पर रुका और बार-बार उन्हें मारा, लात मारी और प्रताड़ित किया. जब वो अगली दोपहर उन्हें कैंपस में छोड़कर गया, तो उसने मुंह खोलने पर उनके भाई को जान से मारने की धमकी दी. छात्रा ने हालांकि, पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

फिर, जख्मों और चोटों से लथपथ उन्होंने यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया. कोलकाता बलात्कार मामले के बाद, जहां 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी, इस घटना के पीछे की चौंकाने वाली आक्रामकता ने मेडिकल क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा की मांग को फिर से जगा दिया है.

छात्र, डॉक्टर और नर्स किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

अगवा किए जाने से एक दिन पहले, छात्रा और उनके भाई ने आरजी कर अस्पताल में बलात्कार के लिए न्याय की मांग करते हुए एक विरोध प्रदर्शन में उनका एक छोटा सा वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया था.

धमकाने और रैगिंग से लेकर महिलाओं के प्रति हिंसक होने तक, 19-वर्षीया छात्रा का मामला इस बात की याद दिलाता है कि हमारे संस्थानों में कितनी असमान शक्ति संरचनाएं मौजूद हैं. छात्रा ने दावा किया कि 33-वर्षीय कौशिक सात महीने से उनका पीछा कर रहा था और उन्हें परेशान कर रहा था. इन्फ्लुएंसर आरोपी व्यक्ति से केवल उसी रात मिलीं ताकि वो आगामी परीक्षा को अपना एडमिट कार्ड ले सकें — जिसे वो जानबूझकर छिपा रहा था, जिससे वो परेशान हो रही थीं. इसके बाद जो हुआ वो बुरे सपने से भी ज्यागा भयावह रात थी.

डेंटल स्कूल के डीन और प्रिंसिपल डॉ. संजय तिवारी ने कहा, “अगर छात्रा ने पिछले आठ महीनों में हमें एक भी मैसेज भेजा होता, तो हम सख्त कार्रवाई करते.”

हालांकि, कौशिक का पहले से ही फैकल्टी के साथ झगड़ा करने और महिलाओं को परेशान करने का इतिहास रहा है. वो एक ‘समस्याग्रस्त छात्र’ था, जिसे पीजीआईएमएस रोहतक से कई बार अनुशासनात्मक चेतावनी मिल चुकी थी.

हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा, “छात्र के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जानी चाहिए थी. आईसी समितियों को भी मजबूत करने की ज़रूरत है. लड़के को पहले भी कैंपस में एक महिला को परेशान करने के लिए चेतावनी दी गई थी, इसलिए अधिक सतर्कता और सख्ती ज़रूरी है.”

Renu Bhatia, Chairperson of Haryana State Commission for Women, addressing the press at PGIMS Rohtak. The med school’s director Dr SS Lohchab sits to her right | Vandana Menon | ThePrint
हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया पीजीआईएमएस रोहतक में प्रेस को संबोधित करती हुईं. मेडिकल स्कूल के निदेशक डॉ. एसएस लोहचब उनके दाईं ओर बैठे हैं | फोटो: वंदना मेनन/दिप्रिंट

प्रशासन के अनुसार आरोपी के चाचा से संपर्क किया गया और उन्हें लड़के को अनुशासित करने में मदद करने के लिए कहा गया था. यहां तक ​​कि फैकल्टी के एक सदस्य के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए उसके खिलाफ जांच भी चल रही थी. वास्तव में 19-वर्षीया छात्रा को अगवा करने के मामले से एक हफ्ते पहले कौशिक के बारे में अनुशासन बोर्ड की बैठक हुई थी.

“हम इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं. जब हमें पता चला, तो निदेशक, कुलपति से लेकर पुलिस तक सभी ने सुनिश्चित किया कि सुबह 3 बजे एफआईआर दर्ज हो और अगली सुबह उसे निष्कासित कर दिया गया.”

छात्रा ने कहा कि वे पीजीआईएमएस रोहतक छोड़ना चाहती हैं — एक ऐसा फैसले जिसे विश्वविद्यालय समझता है और उन्हें मार्गदर्शन देना चाहता है. उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले कौशिक को 18 अगस्त को निष्कासित कर दिया गया और वो वर्तमान में स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, अपहरण करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में पुलिस हिरासत में है.

उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने डेंटल कॉलेज में जाने के लिए हर कदम को बड़ी मेहनत से पोस्ट किया था. खुद को लगातार 12 घंटे तक पढ़ाई करते हुए लाइव-स्ट्रीम भी किया और अब, वो उस सपने को पूरी तरह से छोड़ना चाहती हैं.

अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए) की कार्यकर्ता और महासचिव जगमती सांगवान ने कहा, “कैमरा इस आदमी की क्रूरता और उसके व्यवहार पर केंद्रित नहीं है. इसके बजाय, यह लड़की के चरित्र पर केंद्रित है. एआईडीडब्ल्यूए इसे बेहद चिंताजनक मानता है. एक तरफ, पीजीआई रोहतक के परिसर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर आंदोलन चल रहा है, उसी समय एक डॉक्टर एक छात्र पर हमला कर रहा है. डॉक्टरों के स्थानीय रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपने ही सहकर्मी के लिए एकजुटता का बयान क्यों नहीं दिया?”

दिप्रिंट ने टिप्पणी के लिए रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष से संपर्क किया है और उनका जवाब आने पर कॉपी को अपडेट किया जाएगा.


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एक ‘समस्याग्रस्त’ छात्र

डरती हुई और आंसुओं से भरी छात्रा को पीजीआईएमएस रोहतक में निदेशक के कार्यालय में ले जाया गया, जहां भाटिया ने उनसे और उनके परिवार से बात की. 15 मिनट के बाद, परिवार अपनी कार में सवार हो गया — इन्फ्लुएंस ने एक साल पहले अपनी पहली कार खरीदने की वीडियो भी पोस्ट की थी — और चला गया.

स्थानीय पत्रकारों से उन्होंने कहा, “मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया है. मैं इस बारे में अब और बात नहीं करना चाहती.”

तैयारी के साल, भारत की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक, राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को पास करने पर होने वाली खुशी और मेडिकल कॉलेज में दाखिला, सब कुछ मिट चुका है.

20 अगस्त को छात्रा अपने भाई के साथ कॉलेज से बाहर निकलीं. वो भी सेकंड इयर का मेडिकल स्टूडेंट है. उसके NEET के नतीजों की घोषणा करने वाले यूट्यूब वीडियो को 20 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है.

उन दोनों का यूट्यूब चैनल है, जिसके लगभग 2 लाख सब्सक्राइबर हैं, जिसमें वे मेडिकल स्टूडेंट लाइफ के बारे में बात करते हैं, लेकिन पीजीआईएमएस रोहतक के छात्रों और शिक्षकों के अनुसार, सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी ने इस घटना को और भी अश्लील बना दिया है.

पीजीआई रोहतक में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “मुझे नहीं पता कि वो कौन हैं, लेकिन मैंने सुना है कि वो कोई इन्फ्लुएंसर थीं. (कौशिक) निश्चित रूप से एक उपद्रवी था, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो कौन थीं, या उनका रिश्ता क्या था, कोई भी इस तरह से प्रताड़ित होने का हकदार नहीं है.”

इस घटना को बड़े पैमाने पर कैंपस में एक पारस्परिक संघर्ष के रूप में देखा जाता है. छात्रों और फैकल्टी के सदस्यों ने इस घटना को कोलकाता बलात्कार मामले से अलग कर दिया है, क्योंकि उनके लिए, बलात्कार और अपहरण के संदर्भ पूरी तरह से अलग हैं.

The university has systems in place to address sexual harassment and bullying | Vandana Menon | ThePrint
विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने से निपटने के लिए व्यवस्थाएं हैं | फोटो: वंदना मेनन/दिप्रिंट

जब कौशिक ने उनमें रुचि लेना शुरू किया, तो उन्होंने मान लिया कि सीनियर मेडिकल छात्रों द्वारा उनके जैसे नए छात्रों की मदद करना एक सामान्य बात है.

छात्रा के वीडियो के अनुसार, वो जल्द ही गाली-गलौज करने लगा — हर बार जब वो उसे बताने की कोशिश करतीं कि वो उसके साथ कोई रिश्ता नहीं चाहतीं, तो वो हिंसक हो जाता.

उसने कथित तौर पर जो धमकियां दीं, उनमें उनके भाई और उनके माता-पिता को चोट पहुंचाना भी शामिल था और उन्होंने भाटिया और विश्वविद्यालय प्रशासन को बताया कि वो इस तरह के बयान देते समय अक्सर चाकू लहराता था.

एफआईआर के अनुसार, उस रात, छात्रा — जो एक डे स्कॉलर हैं — कैंपस में थीं क्योंकि उन्होंने परीक्षाओं की बेहतर तैयारी के लिए हॉस्टल का एक कमरा लिया था. वो अपने ग्रेड में सुधार करना चाहती थीं और इसलिए कैंपस में अधिक समय बिता रही थीं. कौशिक ने 20 अगस्त को होने वाली परीक्षा के लिए उनका एडमिट कार्ड अपने पास रख लिया था और उन्हें कहा कि अगर वो चाहती हैं तो 16 अगस्त की रात को उससे मिल सकती हैं. जब वो कौशिक से मिलने गई, तो उसने उन्हें जबरन कार में बिठाया और उन्हें शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.

उसने कथित तौर पर जो कुछ किया, उनमें से एक था चाकू से उसकी हथेली को काटना और उस पर वार करना, ऐसा करते समय कटों की गिनती करना.

छात्रा ने दावा किया कि कौशिक ने कैंपस में दो अन्य महिलाओं के साथ मानसिक और भावनात्मक रूप से दुर्व्यवहार किया है, जिस पर भाटिया और प्रशासन ने ध्यान दिया है.

भाटिया ने कहा, “मुझे बुरा लगता है कि ऐसी मानसिकता उन संस्थानों में मौजूद है जहां ऐसे योग्य लोग काम कर रहे हैं और पढ़ रहे हैं. इसलिए हम POSH, POCSO, साइबर क्राइम के बारे में इतनी सारी लड़कियों को ट्रेनिंग देते हैं, ताकि वो ज़िंदगी में सतर्क रहें और अपने आस-पास के पुरुषों से बहुत सावधान रहें.”


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विश्वविद्यालय की त्वरित कार्रवाई

छात्रा और उनके भाई ने यूट्यूब पर जो शॉर्ट अपलोड किया है, उसे करीब 9 लाख बार देखा गया है. इसमें छात्रा रोते हुए अपने घाव दिखाती हैं. एक आदमी की आवाज़ पीछे से आती है जो उन्हें रोने से मना करती है. फिर वे आंसुओं के साथ कैमरे में बात करती हैं, अपने दर्शकों को उस रात की पीड़ा से रूबरू कराती हैं.

YouTube पर कॉमेन्ट सेक्शन सपोर्ट के मैसेज से भर गया है.

और PGIMS रोहतक के सीनियर फैकल्टी और बोर्ड के मेंबर यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक हैं कि ऐसी घटना फिर कभी न हो.

PGIMS रोहतक के निदेशक डॉ एसएस लोहचब ने कहा, “जब यह शारीरिक हमला हमारे संज्ञान में आया, तो हमने अनुशासन बोर्ड की आपातकालीन बैठक बुलाई और उसे तुरंत निष्कासित कर दिया. यह एक मेडिकल कॉलेज है जहां महिलाएं दिन-रात हर समय काम करती हैं — बेशक हम सुरक्षा को गंभीरता से लेते हैं.”

विश्वविद्यालय में एक एक्टिव इंटर्नल शिकायत समिति है और उसने ऐसे मामलों पर कार्रवाई की है — एक फैकल्टी मेंबर को कुछ साल पहले एक पोस्ट ग्रेजुएट छात्र को परेशान करने के लिए निकाल भी दिया गया था. उन्होंने कैंपस में और अधिक कैमरे लगाने के भाटिया के अनुरोध पर विचार करने का वादा किया है. वो बुली और उत्पीड़न के ऐसे किसी भी मामले से निपटने के लिए छात्रों तक पहुंचने की योजना भी बना रहे हैं.

भाटिया ने कहा, “मैंने निराश छात्रा से बात की है. पढ़ाई के दौरान, सीनियर्स हमारे आदर्श बन जाते हैं, लेकिन अगर हमारे सीनियर्स हमें दबाने की कोशिश करते हैं, छोटी-छोटी बातों पर हमें परेशान करते हैं, तो इससे ज़्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.”

AIDWA ने छात्रा और उनके परिवार से भी बात की है और ज़रूरत पड़ने पर काउंसलिंग सेवाएं देने को भी कहा है.

सांगवा ने कहा, “हम सराहना करते हैं कि उन्होंने चुप रहने के बजाय बोलना चुना है. हम पूरी शिद्दत से उनके साथ हैं, हम चाहते हैं कि न्याय हो और अपराधी को कड़ी सज़ा मिले.”

छात्रा ने कहा है कि वे PGIMS रोहतक छोड़कर फिर से पढ़ाई शुरू करना चाहती हैं. अप्रैल 2024 में उन्होंने YouTube पर एक वीडियो भी पोस्ट किया था, जिसमें वे डेंटल स्कूल छोड़ने और फिर से NEET देने पर विचार कर रही हैं.

उनके चैनल पर सबसे लोकप्रिय वीडियो में से एक — जिसे लगभग 10 लाख बार देखा गया — इसमें उनका भाई पूछता है कि क्या वे घबराई हुई हैं या चिंतित हैं या उनका पेट दर्द कर रहा है. “नहीं” — वे आत्मविश्वास से कहती हैं.

उनकी मां कहती हैं, “वो दिखा नहीं रही, लेकिन मुझे पता है कि वो परेशान है, जब परीक्षा समाप्त हो गई है तो वह नाचते हुए बाहर आएगी.”

अप्रैल में छात्रा ने इंस्टाग्राम पर एक वायरल रील अपलोड की. जिसमें लिखा है, “जिंदगी ने हमें 26 अक्षर सिखाए, लेकिन मेरा दिल दो पर अटक गया: DR.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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