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Monday, 27 October, 2025
होमफीचरकैसे नेशनल म्यूजियम में एक ब्रिटिश शख्स के दौरे ने उपनिवेशवाद पर बहस छेड़ दी

कैसे नेशनल म्यूजियम में एक ब्रिटिश शख्स के दौरे ने उपनिवेशवाद पर बहस छेड़ दी

नेशनल म्यूजियम के एक अधिकारी ने कहा कि भले ही भारत की कई कलाकृतियां दूसरे देशों में प्रदर्शित की जाती हैं, लेकिन दुनिया जानती है कि वे वास्तव में किसकी हैं.

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नई दिल्ली: ब्रिटेन के एक व्यक्ति का भारत के नेशनल म्यूजियम से लिया गया वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने प्रदर्शन पर रखी गई सीमित कलाकृतियों को लेकर मजाक किया है.

यह वायरल क्लिप एक बार फिर इस बात पर चर्चा छेड़ रही है कि उपनिवेश काल की लूट का असर आज भी भारत कैसे महसूस करता है.

वीडियो में ट्रैवल इंफ्लुएंसर एलेक्स और अमीना को नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में घूमते हुए देखा जा सकता है. एलेक्स पूछते हैं, “अमीना, क्या तुम्हें पता है कि भारत के नेशनल म्यूजियम में इतनी कम कलाकृतियां क्यों हैं?”

अमीना जवाब देती हैं, “मुझे लगता है कि वे सब लंदन में हैं.” इस जवाब को भारतीयों ने ऑनलाइन खूब सराहा है.

“व्हाई द म्यूजियम्स इन इंडिया आर एम्प्टी” शीर्षक वाले इस वीडियो को 33,000 से अधिक लाइक और 5 लाख से ज्यादा व्यूज़ मिले हैं.

उनके इंस्टाग्राम पोस्ट पर एक लोकप्रिय कमेंट में लिखा है, “लंदन में भारत की चीजें भारत से ज्यादा हैं.”

एक अन्य यूज़र ने विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम को ‘चोर बाज़ार’ कहा.

एलेक्स ने भारत में व्यापक रूप से यात्रा की है. उनके व्लॉग स्थानीय भोजन और ऐतिहासिक स्थलों की खोज पर केंद्रित हैं. अमीना बजट फ्रेंडली यात्रा अनुभवों में विशेषज्ञ हैं. उन्होंने मलेशिया, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका जैसे देशों की यात्रा की है. दोनों इस समय केरल में हैं.

कलाकृतियों को वापस लाना

नेशनल म्यूजियम की वेबसाइट के अनुसार, यहां दो लाख से अधिक कलाकृतियां हैं, जो भारत और विदेशी सांस्कृतिक धरोहर के पांच हजार से ज्यादा वर्षों के इतिहास को दर्शाती हैं. म्यूजियम के संग्रह में मूर्तियां, पेंटिंग्स, पांडुलिपियां, सिक्के, सजावटी कला और वस्त्र शामिल हैं.

नेशनल म्यूजियम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ब्रिटिशों ने भारत की कई अनमोल धरोहरें लूट लीं, लेकिन हमारे पास भी भारतीय म्यूजियमों में लाखों कलाकृतियां हैं—जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत प्रदर्शित नहीं की गई हैं और संरक्षित रखी गई हैं.”

अधिकारी ने बताया कि भले ही भारत की कई कलाकृतियां अन्य देशों के म्यूजियमों में प्रदर्शित की जाती हैं, लेकिन दुनिया जानती है कि वे असल में कहां की हैं.

उन्होंने कहा, “भले ही हमारे पास कोहिनूर नहीं है, लेकिन ‘इंडिया’ और ‘कोहिनूर’ नाम हमेशा एक साथ लिए जाते हैं—यही दिखाता है कि यह वास्तव में कहां का है.”

2014 से अब तक 640 चोरी की गई प्राचीन वस्तुएं भारत वापस लाई जा चुकी हैं. सरकार लगातार दुनिया भर से भारतीय कलाकृतियां और धरोहरें वापस लाने का काम कर रही है.

नेशनल म्यूजियम के अधिकारी ने कहा, “हमारी कलाकृतियां और इतिहास दूसरे देशों के म्यूजियमों में प्रदर्शित होते देखना दुखद है.”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि अधिकारी और सरकार कई वस्तुएं वापस लाने के प्रयास कर रहे हैं और अभी भी कई बाकी हैं.

उन्होंने कहा, “हम अपने ही म्यूजियमों में अपनी कलाकृतियां प्रदर्शित करना चाहते हैं, न कि उन्हें देखने के लिए दूसरे देशों के म्यूजियमों में जाएं.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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