गुरुग्राम: यह सब एक राइट स्वाइप से शुरू हुआ था. विकास की वो डेट्स एक आशाजनक सीरीज़ की उम्मीदें एक डरावनी कहानी में तब्दील हो गईं जिससे वे अभी तक उबर नहीं पाए हैं. यह नेटफ्लिक्स सीरीज़ टिंडर स्विंडलर से अलग नहीं है, सिवाय इसके कि यह बम्बल पर है, यहीं गुरुग्राम में और इसमें एक ठग महिला शामिल है.
गुरुग्राम पुलिस ने चावड़ी बाज़ार से 32-वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया है, जिसने बम्बल ऐप पर मिलने और फैंसी डेट्स पर जाने के बाद दस लोगों को धोखा दिया और लूट लिया. पुलिस ने कहा कि उसने इस साल तीन महीनों में एक करोड़ रुपये कमाए. वे इसे ‘बम्बल घोटाला’ बता रहे हैं.
विकास का अनुभव उसे सभी डेटिंग ऐप्स से डराने के लिए काफी था. उन्होंने शराब छोड़ दी है और रेस्तरां जाना भी बंद कर दिया. सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं से दूरी बनाए रखते हैं. सोशल मीडिया पर एक अनजान महिला के मैसेज ने उन्हें चौंका दिया है.
विकास गुरुग्राम के एक बरिस्टा कैफे में बैठकर घबराते हुए अपना हाथ मल रहे थे, उन्होंने कहा, “मैं कभी भी डेटिंग ऐप्स यूज़ नहीं करूंगा. कभी भी नहीं…और कभी भी बाहर से कुछ भी नहीं खाऊंगा.” 30-साल की उम्र में वह एक आईटी फर्म के बिजनेस डेवलपमेंट सेल में काम करते हैं, लेकिन अब वह अपने पैरेंट्स के बिना महिलाओं से नहीं मिलते. वे उनके साथ कैफे भी गए हैं.
Shaadi.com पर अच्छी साथी ढूंढने में असफल रहने के बाद, विकास ने छह महीने पहले ही बम्बल डेटिंग ऐप पर स्विच किया था. विकास याद करते हैं कि सुरभि गुप्ता दूसरी महिला थीं जिनसे उनकी मुलाकात हुई थी और वह अलग थीं.
उन्होंने बताया, “सुरभि अक्सर बिल चुका देती थी. ऐसा महसूस हुआ (जैसे) वह पैसे की नहीं बल्कि एक सच्चे रिश्ते की तलाश में थी. कई डेट्स के बाद वो दोनों और करीब आने लगे.”
उसने गुरुग्राम के एक होटल का कमरा बुक किया और विकास बीयर की कैन्स लेकर आया. पिज़्ज़ा ऑर्डर किया गया. खाना आने तक शाम मज़ेदार होने वाली थी. विकास पिज़्ज़ा लेने के लिए बाहर निकला तभी सुरभि ने उसकी ड्रिंक में नींद की गोली मिला दी — कम से कम पुलिस को तो यही शक था.
सुरभि की गिरफ्तारी के बाद से गुरुग्राम में हड़कंप मच गया. लोग पुलिस के पास कई चक्कर लगा रहे हैं. वकील हायर कर रहे हैं. शराब छोड़ रहे हैं. डेटिंग ऐप्स डिलीट कर रहे हैं. एक ने तो सनातन धर्म भी अपना लिया है. महिला सलाखों के पीछे है, लेकिन पुरुष अब भी उस नरक से उबर नहीं पाए हैं. शायद वो ज़िंदगी में पहली बार असुरक्षा का अनुभव कर रहे हैं.
अब, विकास हर किसी को अपने ऑनलाइन डेटिंग एक्सपीरियंस के बारे में बताता है — अपने ऑफिस के कलीग्स, दोस्तों, साथ ही मॉल और मेट्रो ट्रेनों में अजनबियों को भी.
वह फर्श पर लापरवाही से बैठ कर सिगरेट का कश ले रही थी जब उसने हमें बताया कि वह बदला लेना चाहती थी, जिन लोगों को उसने लूटा वो सभी अपनी पार्टनर्स को धोखा दे रहे थे. उसे बड़ा अफसोस यह था कि उसे अबॉर्शन कराना पड़ा.
सुरभि ने रूढ़िवादिता को तोड़ दिया है, जिससे गुरुग्राम पुलिस भी हैरान रह गई है. उन्होंने हरियाणा की लूट और लुटेरी दुल्हनों के बारे में तो सुना है, लेकिन एक महिला द्वारा इस तरह धोखाधड़ी करना उनके लिए नई बात है. अन्य लोग पुरुषों द्वारा महिलाओं को धोखा दिए जाने या उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने के मामलों से परिचित हैं.
प्रथमदृष्ट्या, सुरभि इस भूमिका में फिट नहीं बैठती. वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट है. लंदन में पढ़ा कर भारत लौटी है, जहां उसे एक लाख रुपये से अधिक की सैलरी पर एचआर की जॉब भी मिल गई.
गुरुग्राम के सेक्टर-29 थाने के जांच अधिकारी संदीप कुमार ने कहा, “क्या ज़रूरत थी? मैं अभी भी इसे समझ नहीं पा रहा हूं.” वो दस दिनों तक पुलिस हिरासत में रही जहां उसने कथित तौर पर कई पुरुषों को धोखा देने की बात कबूल की. बम्बल उसका शिकारगाह था.
कुमार ने बताया, “उसने सभी के साथ एक ही पैटर्न अपनाया. डेटिंग ऐप्स के जरिए से पुरुषों से मुलाकात की, उनका भरोसा जीता, उनकी ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाया, नकदी, कार्ड और फोन चुरा लिए.”
इसकी शुरुआत एक बुरे ब्रेक-अप और अबॉर्शन के बाद हुई. कुमार को हैरानी हुई, “शायद वह पुरुषों को लूटकर बदला लेना चाहती थी.”
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ब्रिटिश लहजा, नींद की गोलियां, आईफोन
सीसीटीवी फुटेज में सुरभि को दो अगस्त को होटल के कमरे का दरवाज़ा धीरे से बंद करते हुए बाहर निकलते देखा गया है. उसका सफेद कुर्ता, काली पैंट, एक साधारण बैकपैक और एक स्लिंग बैग ध्यान आकर्षित नहीं कर रहे थे. लिफ्ट की ओर जाने से पहले वह चारों ओर देख रही थी.
वहीं, कमरे में विकास बेहोश पड़ा है, उसका आईफोन, दो एटीएम कार्ड और 5,000 रुपये नकद अब सुरभि के पास हैं. वह कई घंटों बाद जागा और उसे मालूम चला कि क्या हुआ था. पुलिस ने कहा, “इस तरह वो पुरुषों से अकेले में मिलकर और उनकी ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उन्हें लूटती थी.”
सुरभि ने जिन लोगों को ठगा उनमें एक चीज़ समान थी – आईफोन. उसके लिए आईफोन वाला एक आदमी यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त था कि वह पैसेवाला है.
विकास के लिए भरोसे की शुरुआत सुरभि के ब्रिटिश एक्सेंट से हुई. यह उसे उसके इरादों पर यकीन दिलाने के लिए काफी था. इससे विकास को इशारा मिला कि वो गरीब या कम पढ़ी-लिखी नहीं थी, लेकिन विकास के साथ सुरभि कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ गई थी. शुरुआत में वो उससे किसी भी ऐसी जगह नहीं मिलना चाहती थी जहां वो दोनों अकेले हों. इसलिए, एक महीने तक उन्होंने केवल डेट किया. आखिरकार होटल के कमरे में मिलने का फैसला करने से पहले, वो लंबी ड्राइव पर रेस्तरां गए.
व्हाट्सएप पर सुरभि को भेजे गए उनके आखिरी मैसेज में लिखा था: “मैंने तुम पर भरोसा किया और तुमने मुझे धोखा दिया.”
बम्बल पर छिपे हुए नाम यूज़ करने के अलावा, सुरभि अपने ट्रैक छुपाने में माहिर नहीं थी और इसलिए, पुलिस उसके सेल फोन-एक आईफोन 14 प्रो- को ट्रैक करने में सक्षम थी.
इसके बाद सुरभि अपने अगले टारगेट 31-वर्षीय तरुण* की ओर बढ़ी, जो एक अमीर सॉफ्टवेयर डेवलपर था, जिसके पास डीएलएफ फेज 4 में 3बीएचके फ्लैट था और वह बीएमडब्ल्यू चलाता था. एक इत्मीनान भरे शनिवार को, वह बोरियत से बाहर निकला. यह एक हुक-अप डेट थी; कुछ ही महीनों में तरुण की शादी होने वाली थी. वो अगले दिन, 1 अक्टूबर को सेक्टर 47 के एक रेस्तरां में मिले और उसके घर जाने से पहले उन्होंने कुछ बीयर पी.
पुलिस के अनुसार, सुरभि ने और आइस मांगी और जब वह रसोई में गया, तो उसने कथित तौर पर उसकी ड्रिंक में नींद की कुछ गोलियां मिला दीं. उसने 10 डेबिट कार्ड, दो क्रेडिट कार्ड, एक आईफोन 14 प्रो और 10,000 रुपये नकद चुरा लिए. उसने तरुण के बैंक खातों से 2.78 लाख रुपये भी निकाल लिए. उसके पैटर्न का एक प्रमुख हिस्सा पुरुषों को शराब पिलाना और उनसे खाना ऑर्डर कराना और फिर उन्हें एटीएम पिन दर्ज करते हुए देखना था.
तरुण तीन दिन बाद जागे जब उसके रसोइए ने उसे हिलाकर जगाया. उसने अपना फोन ढूंढा, लेकिन वो कहीं नहीं मिला. उसे यह समझने में देर नहीं लगी कि उसके साथ धोखा हुआ है.
कुछ दिनों बाद, 10 अक्टूबर को जब उसे एहसास हुआ कि उसने कितना चुराया है, तो आखिरकार तरुण पुलिस के पास गया. अपनी शिकायत में तरुण ने कहा, “दवाई का असर ऐसा था कि मैं तीन दिन बाद जागा. मैं अब भी अपने शरीर में आलस्य और कठोरता महसूस कर सकता हूं.”
विकास की तरह, तरुण ने भी डेटिंग ऐप्स से तौबा कर ली है. उसने शराब पीना या मांस खाना बंद कर दिया है और धर्म की ओर मुड़ गया है.
उसने कहा, “मैंने सुख का त्याग कर दिया है. मैंने सब कुछ छोड़ दिया है.”
भोपाल में उसके माता-पिता ने अखबार में इस घटना के बारे में पढ़ा और तब से उस पर नज़र रख रहे हैं. अब उसे अपनी लाइव लोकेशन अपनी मां के साथ साझा करनी होगी, जो उसकी गतिविधियों पर नज़र रखती हैं.
वह कहते हैं, “मेरे माता-पिता डरे हुए हैं.”
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पुलिस की जांच
विकास की शिकायत पर सेक्टर-50 पुलिस की एफआईआर के एक महीने से अधिक समय बाद, 10 अक्टूबर को सेक्टर-29 थाने में तरुण के मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि, बाद की जांच में बाधा उत्पन्न हुई थी.
लेकिन पुलिस का मामला बम्बल पर एक ‘अमीर’ महिला द्वारा पुरुषों को धोखा देने की खबरों से गूंज रहा था. सेक्टर-29 के अधिकारी संदीप कुमार चिंतित थे. उन्हें दोनों मामलों के बीच संबंध होने का शक था.
13 अक्टूबर को जब टीम चावड़ी बाज़ार स्थित उसके घर में घुसी और उसे गिरफ्तार कर लिया, तब सुरभि सो रही थी. पुलिस ने कहा, “हमने डीएलएफ फेज़-4 सोसायटी और होटल से सीसीटीवी फुटेज लिया. उसका पता लगाने के लिए साइबर पुलिस की मदद ली. कुमार ने कहा, ”हमें उसे ढूंढने में दो दिन लग गए.”
मीडिया इस खबर पर उछल पड़ा और ‘लंदन के एमबीए ग्रेजुएट ने दिल्ली-एनसीआर में 10 लोगों को ठगा’ जैसी सुर्खियों ने सभी को चर्चा में ला दिया. तभी और अधिक लोग पुलिस के पास पहुंचे.
इसके बाद बम्बल ने सुरभि का अकाउंट रद्द कर दिया है.
बम्बल संचार निदेशक, समरपिता समद्दर ने ऐप के फोटो सत्यापन, वीडियो चैट और वॉयस कॉल सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा, “कोई भी प्रोफाइल जो हमारी शर्तों या दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती है, उसके परिणामस्वरूप ऐप से ब्लॉक किया जा सकता है. यूजर्स को किसी भी प्रकार के घोटाले से बचाने के लिए हमारे पास अतिरिक्त सुविधाएं हैं.”, “हम अपने यूजर्स को सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं.”
लेकिन सुरभि सामने से आउट हो गईं. कुल मिलाकर, पुलिस को दिल्ली-एनसीआर (विकास और तरुण सहित) में 10 लोगों से शिकायतें मिली हैं और आने वाले दिनों में और भी शिकायतें मिलने की उम्मीद है. फिलहाल, सुरभि पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 328 (जहर के जरिए चोट पहुंचाना) और 380 (घर में चोरी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जांच अधिकारी कुमार ने कहा, “यह सब दो महीने में हुआ. उसने इतनी बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया.”
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बदले की कार्रवाई?
पुलिस कर्मियों ने सुरभि को हवालात में रहने के दौरान शांत और खुशमिजाज़ बताया.
नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी याद करते हैं, उन्हें शांत रहने के लिए सिगरेट की ज़रूरत थी. उन्होंने याद करते हुए कहा, “वह फर्श पर लापरवाही से बैठकर सिगरेट के कश लगा रही थी, जब उसने हमें बताया कि वह बदला लेना चाहती थी, कि जिन लोगों को उसने लूटा वे सभी अपने साथियों को धोखा दे रहे थे.” “उसे एक बड़ा अफसोस यह था कि उसे अबॉर्शन कराना पड़ा.”
अगर पुलिस की थ्योरी सही है, तो सुरभि की जिंदगी की कहानी सीधे तौर पर बॉलीवुड में प्रतिशोध से भरी एक महिला के नाटकीय चित्रण से निकली है.
सपना नामक एक कांस्टेबल ने कहा, जो उस लॉक-अप की देखरेख कर रही थी जहां सुरभि को रखा गया था, “दो साल पहले, उसने एक आदमी को डेट किया था. यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह खुश है, उसने (उस पर) बहुत पैसा खर्च किया. वह पांच महीने की गर्भवती थी और उससे शादी करना चाहती थी, लेकिन उसने उस पर शारीरिक हमला किया और चला गया.”
विकास को उसकी बांहों पर लगे घाव और उसकी कहानी अच्छी तरह याद है. अपनी पहली मुलाकात में उन्होंने इस पर चर्चा की थी.
विकास ने याद किया, “उसने मुझे वही कहानी सुनाई. और इससे उसका दिल टूट गया था.”
सुरभि को उसके जन्म के कुछ दिन बाद ही उसकी मौसी ने गोद ले लिया था. उसके बायोलॉजिकल माता-पिता गुरुग्राम में रहते हैं. अपनी पूरी ज़िंदगी में उन्होंने अपनी चाची को ‘मां’ कहकर संबोधित किया.
भारत लौटने पर, वह अपनी चाची के साथ वापस चली गई, जो सड़कों और दुकानों की भूलभुलैया वाले व्यस्त चावड़ी बाजार बाजार के बीच में एक घर की पहली मंजिल पर रहती है. उनके परिवार ने दिप्रिंट से बात करने से इनकार कर दिया, लेकिन उनके वकील अमित भारद्वाज का कहना है कि मामला “झूठी धारणाओं पर आधारित है.” उनका दावा है कि तरुण ने “उसके साथ जबरदस्ती करने” की कोशिश की और उसने इनकार कर दिया.
भारद्वाज ने कहा, “और फिर तरुण ने इतनी शराब पी ली कि वह सो गया और वह चली गई. अब, वह आदमी उस पर आरोप लगा रहा है.” भारद्वाज ने सत्र अदालत में ज़मानत याचिका दायर की है, जिसने (7 नवंबर) को उनके आवेदन पर सुनवाई की. उन्होंने कहा, “उनके पास यह साबित करने के लिए कोई मेडिकल प्रूफ नहीं है कि उसने ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला दिया था. कोई सबूत नहीं है.”
गुरुग्राम चर्चा: पुरुषों को ठग रही महिलाएं
गुरुग्राम में विकास और तरुण जल्द ही मिलने की योजना बना रहे हैं. वे “ऑनलाइन डेटिंग के आघात से उबरने” में एक-दूसरे की मदद करना चाहते हैं.
“उसकी बांह पर घाव थे, है ना?” विकास ने तरुण से पूछा कि कॉल के दूसरी तरफ कौन है.
“क्या उसने आपके ड्रिंक में भी मिलावट कर दी थी? आप कितनी देर तक बेहोश थे?” बातचीत सामने आने लगती है.
विकास को यकीन है कि सुरभि जैसी और भी महिलाएं हैं, और वह उन पुरुषों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें इसी तरह से धोखा दिया गया हो. अधिकांश पुरुष नहीं चाहते
पुलिस से संपर्क करने के लिए, लेकिन Reddit पर समर्थन प्राप्त करें.
अगस्त में, जब विकास सुरभि से मिल रहा था, तो गुरुग्राम में एक अन्य 24-वर्षीय व्यक्ति ने दावा किया कि उसे एक महिला ने लूट लिया था, जिससे वह डेटिंग ऐप पर मिला था.
उन्होंने रेडिट थ्रेड पर लिखा, “मैं कुछ ज़्यादा ही उत्साहित हो गया था. उसने मुझे हुडा मेट्रो स्टेशन के पास मिलने के लिए कहा.”
लेकिन उससे मिलने के बाद उसे शक हुआ क्योंकि उसकी आवाज़ उस आवाज़ से मेल नहीं खा रही थी जो उसने फोन पर सुनी थी. उन्होंने लिखा, “मैंने एक कैफे में जाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन उसने कहा कि हम किसी होटल या मेरे घर जा सकते हैं. उसने कहा कि वह एक शॉट के लिए 6,000 रुपये लेती है. यह कहते हुए कि उसने उसे वहां से जाने के लिए पैसे दिए, लेकिन कोई पुलिस केस नहीं है.
सेक्टर-29 थाने में जांच अधिकारी संदीप कुमार तीन दिनों के भीतर “बम्बल घोटाले” को सुलझाने के लिए कांस्टेबलों और निरीक्षकों के बीच एक स्थानीय नायक बन गए हैं. उनका कहना है कि उन्हें अब भी ऐसे पुरुषों के फोन आते हैं जो दावा करते हैं कि सुरभि ने उन्हें धोखा दिया है.
वो कहते हैं, “एक नोएडा से है, दूसरा दिल्ली से और तीसरा हरियाणा से है.”
लेकिन वह यूके से एमबीए करने वाली उस एचआर महिला के बारे में सोचना बंद नहीं कर सकता, जिसके पास आईफोन और धन का सारा जाल था.
वह बड़बड़ाता है और असमंजस में अपना सिर हिलाता है, “आसान पैसा एक बात है, लेकिन मुझे अभी भी समझ नहीं आया कि उसका इरादा क्या था. पुरुषों से बदला? महिलाओं को धोखा देने और उन पर हमला करने के लिए?”
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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