गाजियाबाद: पूनम और पिंकी चौधरी अपने पोते के आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन गाजियाबाद में उनका घर खिलौनों और टॉय्स से भरा नहीं है. इसके बजाय, केवल अन्ना-रॉकिंग है — भगवा कुर्ता, सफेद धोती और सुनहरे बालों वाली एक भारतीय निर्मित ‘हिंदू गुड़िया’, जिसके माथे पर तिलक लगा है, जबकि हिंदू रक्षा दल के संस्थापक पिंकी 9 अगस्त को मुस्लिम झुग्गीवासियों पर हमला करने के आरोप में जेल में हैं, जिनके बारे में उनका दावा है कि वे बांग्लादेशी थे, पूनम घर पर मोर्चा संभाल रही हैं.
लेकिन दंपत्ति के लिए पिंकी की गिरफ्तारी — उत्तर प्रदेश में दंगा करने और दुश्मनी को बढ़ावा देने जैसे अपराधों के लिए उसके खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं — सम्मान की बात है.
अपने पति पर गर्व करते हुए पूनम ने कहा, “वो कहते हैं कि जिस तरह महिलाएं अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए आभूषण पहनती हैं, उसी तरह उनके खिलाफ ये मामले यह दिखाने के लिए दर्ज किए गए हैं कि उन्होंने हिंदुओं के लिए काम किया है.”
पूनम के लिए पिंकी हिंदुओं की रक्षा करने वाले एक सच्चे “देशभक्त” हैं.
अपने धर्म के प्रति पिंकी के प्रेम ने अक्सर हिंसक रूप ले लिया है और इस बार यह कैमरे पर कैद हो गया. लाठी-डंडों से लैस, वह मुस्लिम झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों पर हमला करता और उनके घरों में तोड़फोड़ करता हुआ पाया गया, इस दौरान वह चिल्लाता रहा कि यह बांग्लादेशी हैं. यह बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुए हमलों का उसका बदला था. अगले ही दिन 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिंकी, जिसे भूपेंद्र तोमर के नाम से भी जाना जाता है, को दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया, जबकि स्पष्ट किया गया था कि पीड़ित बांग्लादेशी नहीं थे.
भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में हिंदू कट्टरपंथी के खिलाफ पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने कई पर्यवेक्षकों को आश्चर्यचकित कर दिया, जिसमें हिंदू रक्षा दल के सदस्य भी शामिल थे. आखिरकार, पिंकी का “हिंदू मुद्दे” से जुड़ना कोई नई बात नहीं है.
बजरंग दल के एक पूर्व सदस्य, उनके परिवार और सहकर्मियों का कहना है कि वे 1992 की अयोध्या हिंसा, मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान हिंदू पंचायत का हिस्सा थे और यहां तक कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ के साथ विरोध प्रदर्शन में भी बैठे थे. यह भी विडंबना है कि वे उस शहर में “बांग्लादेशी, बांग्लादेशी” चिल्ला रहे थे, जो उस जगह से बहुत दूर नहीं है, जहां बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत ने शरण दी है.
उनकी पत्नी ने कहा, लेकिन गिरफ्तारी से उनका हौसला और बढ़ गया है. उन्होंने शेल्फ पर रखी अकेली गुड़िया की ओर इशारा किया.
उन्होंने कहा, “मैंने इसे अपनी सबसे बड़ी बेटी के लिए खरीदा है, जो गर्भवती है. हम नहीं चाहते कि बच्चे पर कोई पश्चिमी प्रभाव पड़े, इसलिए हमने भारत में बनी एक हिंदू गुड़िया चुनी.”
गुड़िया की तरह ग्राउंड फ्लोर पर बने उनके फ्लैट में उनका बेडरूम उनके उद्देश्य के प्रति उनकी ‘प्रतिबद्धता’ के प्रतीकों से भरा हुआ है — लकड़ी की अलमारी के ऊपर वीडी सावरकर की तस्वीर से लेकर उसके बगल में अयोध्या राम मंदिर की 3डी तस्वीर तक. सीसीटीवी से जुड़ी एक बड़ी एलईडी टीवी स्क्रीन भी है, जहां से वे बाहर की सड़क पर नज़र रख सकते हैं. सबसे प्रमुख प्रदर्शन हिंदू रक्षा दल का भगवा झंडा है.
पिंकी पर आम आदमी पार्टी के कौशांबी कार्यालय में तोड़फोड़ करने से लेकर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हिंसा को बढ़ावा देने तक कई हिंसक कृत्यों का आरोप है और वो तिहाड़ जेल में भी आ-जा चुके हैं.
पूनम ने कहा, “मेरे पति और मैं पहले देश के प्रति और फिर अपने परिवार के प्रति प्रतिबद्ध हैं. अगर कल हमारा देश नहीं रहा, तो परिवार रखने का क्या मतलब है?”
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पिंकी के खिलाफ ‘बदला’
हमले से कुछ दिन पहले, पिंकी को एक व्हाट्सएप फॉरवर्ड मिला था, जिससे वो भड़क गए. यह क्लिप एक हिंदू महिला की थी, जिसे कथित तौर पर बांग्लादेश में मुस्लिम पुरुषों के एक समूह द्वारा परेशान किया जा रहा था.
पूनम ने कहा, “उन्होंने मुझे वो वीडियो दिखाया और कहा कि वो बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए कुछ करना चाहते हैं. अगर उन्हें मौका मिले तो वो बांग्लादेश जाने के लिए तैयार हैं.”
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान मुसलमानों द्वारा हिंदुओं पर हमला करने की खबरें उनके दिमाग में बहुत घूम रही थीं. वो यही सोच रहे थे कि 8 अगस्त को उन्हें एक सहयोगी से फोन आया, जिसमें उन्हें गाजियाबाद में बांग्लादेशी मुस्लिम झुग्गीवासियों के बारे में बताया. अगली शाम, पिंकी अपने सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंचे, नारे लगाए, परिवारों से पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा और फिर उन पर हमला कर दिया.
घटना के गवाह बने एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पिंकी को समझाने की बहुत कोशिश की कि झुग्गी में रहने वाले लोग बांग्लादेशी नहीं हैं, लेकिन हिंदू रक्षा दल के प्रमुख ने तर्क सुनने से इनकार कर दिया.
पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने एफआईआर में अपने बयान में कहा, “शाम करीब 6:30 बजे गुलधर रेलवे स्टेशन के पास मुझे झुग्गियों से शोर सुनाई दिया. मैं जांच करने गया और देखा कि हिंदू रक्षा दल के प्रमुख पिंकी चौधरी अपने 15-20 अन्य साथियों के साथ उन झुग्गियों में रहने वाले मुसलमानों पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगा रहे थे और उन पर हमला कर रहे थे और दो से तीन झुग्गियों में तोड़फोड़ कर रहे थे. मैंने बीच-बचाव किया और उन्हें समझाने की कोशिश की कि ये लोग बांग्लादेशी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी और उन पर आक्रामक तरीके से हमला करते रहे.”
अगले दिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिंकी और 19 अन्य लोगों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं 117(4) और 191(2) (संपत्ति हड़पने या किसी अवैध कार्य के लिए विवश करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना), 354 (किसी व्यक्ति को यह विश्वास दिलाने के लिए प्रेरित करना कि वह ईश्वरीय प्रकोप का पात्र बन जाएगा), 191(2) (दंगा करना), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 299 (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) और 324(5) (शरारत करना और इस तरह एक लाख रुपये या उससे अधिक की राशि का नुकसान या क्षति पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया. मामले के संदर्भ में पिंकी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में है.
उनका कहना है कि जिस तरह महिलाएं अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए आभूषण पहनती हैं, उसी तरह उन्होंने अपने खिलाफ ये मामले दर्ज करवाए हैं, ताकि यह दिखाया जा सके कि उन्होंने हिंदुओं के लिए काम किया है
— पूनम चौधरी, पिंकी की पत्नी
पूनम ने अपने पति की हिंसा को उचित ठहराते हुए दावा किया, “कई मुस्लिम कॉलोनियां और झुग्गियां हैं. मेरे पति ने उन पर हमला क्यों नहीं किया? क्योंकि वे बांग्लादेशी नहीं थे. मेरे पति ने उनसे पहचान पत्र मांगे जो कि उनके पास नहीं था और उन्होंने झुग्गियों में से एक पर बांग्लादेशी झंडा भी देखा.”
पूनम को यकीन है कि उनके पति ने सही काम किया है.
पूनम ने कहा, “अगर हम इन बांग्लादेशियों को उनकी ही दवा नहीं चखाएंगे, तो वे सभी हिंदुओं को मार देंगे.”
लेकिन अब तक की पुलिस जांच ने इस बात की पुष्टि की है जो सभी पहले से ही जानते थे — झुग्गी में कोई बांग्लादेशी नहीं था.
एसीपी गाजियाबाद अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा, “अगर कोई बांग्लादेशी था भी, तो वो कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता. उसने न केवल झुग्गियों में रहने वालों पर हमला किया, बल्कि एक झुग्गी में आग भी लगा दी.”
गाजियाबाद पुलिस पिंकी चौधरी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने पर विचार कर रही है.
दंपत्ति का सबसे बड़ा बेटा, 24-वर्षीय हिंदू रक्षा दल का सदस्य, जिसे उसके पिता द्वारा लाठी उठाने के लिए ‘प्रशिक्षण’ दिया जा रहा है, समझ नहीं पा रहा है कि पुलिस पिंकी के खिलाफ क्यों हो गई.
धंजा जेल में बंद अपने पिता से मिलने के बाद घर लौटने पर बेटे ने कहा, “उन्हें अपने हिंदू भाइयों द्वारा धोखा दिया गया है.”
युवक के विचारों को उसके पिता ने आकार दिया है और पोषित किया है. वो पिंकी के साथ हिंदू रक्षा दल (HRD) की हर बैठक में शामिल होता है.
उसने कहा, “मेरे पिता हिंदुओं के लिए सब कुछ कर रहे हैं और वह चाहते हैं कि हिंदू जाग जाएं, नहीं तो हम सब बर्बाद हो जाएंगे.”
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बड़े लक्ष्य
जब भी पिंकी किसी ‘मिशन’ में सफल होते हैं, तो घर और 300 मीटर दूर एचआरडी कार्यालय में जश्न मनाया जाता है. कुछ महीने पहले, जब पिंकी ने कथित तौर पर एक दर्जन गायों को वध से बचाया, तो उनका घर लौटने पर हीरो की तरह स्वागत किया गया. कम से कम 12 लोग — पड़ोसी और उनके संगठन के सदस्य — उन्हें बधाई देने के लिए एकत्र हुए.
वे सभी एक साथ हनुमान चालीसा पढ़ते हैं और फिर एचआरडी कार्यालय में पकौड़े, पनीर, दाल का लुत्फ उठाते हैं.
पूनम ने कहा, “मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ. हर कोई मेरे पति की सफलता पर मुझे बधाई दे रहा था.”
बागपत के बामनौली गांव में जन्मे पिंकी बचपन में ही गाजियाबाद चले गए थे, जब उनके पिता ने यूपी के पूर्व सीएम चौधरी चरण सिंह के साथ काम करना शुरू किया था, लेकिन राजनीति पिंकी को आकर्षित नहीं कर पाई. उनके पास “इस्लामिक प्रभाव से अपने धर्म को बचाने के बड़े लक्ष्य” थे.
उनके दोस्त महेश कुमार आहूजा, जो दावा करते हैं कि वे उन्हें बचपन से जानते हैं, ने कहा, “जब वे छोटे थे, तो उन्होंने कई मुस्लिम पुरुषों को हिंदू लड़कियों को शादी के बहाने बहलाते हुए देखा, लेकिन उनका एक ही इरादा था कि वे उनका धर्म परिवर्तन करें. इससे उन्हें गुस्सा आया और तभी उन्होंने सोचा कि उन्हें इसके खिलाफ कुछ करना होगा.”
पूनम ने याद किया कि कैसे वो हमेशा एक योद्धा से शादी करना चाहती थीं और उन्हें अपने पति पिंकी के रूप में एक योद्धा मिले. बचपन में भूपेंद्र को उनके लाल गालों के कारण पिंकी नाम दिया गया था और अंततः वे पिंकी चौधरी बन गए. यहां तक कि उनका एक्स हैंडल भी “पिंकी भैया” है.
पूनम ने कहा, “कई साल पहले, उन्होंने सभी दस्तावेज़ पर अपना नाम बदल लिया.”
जब वे अल्पसंख्यक समुदायों या पुलिस से नहीं भिड़ते, तो पिंकी अपने भाइयों और बेटे के साथ प्रॉपर्टी का कारोबार करते हैं.
मेरे पिता हिंदुओं के लिए सब कुछ कर रहे हैं और वो चाहते हैं कि हिंदू जाग जाएं, नहीं तो हम सभी बर्बाद हो जाएंगे
— पिंकी का बेटा
पिंकी की गिरफ्तारी के बाद से पूनम और उनकी बेटी घर से बाहर नहीं निकले हैं. उन्हें मुसलमानों के हमलों का डर रहता है और वे अपने लिविंग रूम में लगे सीसीटीवी फुटेज पर नज़र रखते हैं. पूनम ने आरोप लगाया कि उनके पति को मुसलमानों से धमकियां मिलती रहती थीं.
पूनम ने कहा, “हमें बाहर निकलने में डर लगता है. हमारे पास कोई सुरक्षा नहीं है और मेरे पति हिंदुओं की रक्षा करने के लिए जेल में हैं.”
पिछले साल उन्होंने हिंदू रक्षा दल की महिला शाखा खोलने में मदद की, जिसकी अध्यक्षता अब वह अपनी दो बेटियों के साथ कर रही हैं.
पिंकी की छोटी बेटी, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं, कहती हैं कि उनके पिता उन्हें और उनकी बड़ी बहन को आत्मरक्षा सिखाने के लिए सोसायटी पार्क ले जाते थे.
पूनम ने कहा, “मैं महिलाओं को आत्मरक्षा सिखाऊंगी. मैं महिलाओं से कहना चाहती हूं कि वे शर्मीली और संकोची होना छोड़ दें. हिंदुओं को बचाने के लिए पुरुषों के साथ मिलकर काम करें.”
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हिंदू पहचान की रक्षा
गाजियाबाद के विजय नगर में हिंदू रक्षा दल के कार्यालय के बाहर पिंकी की तस्वीर वाला एक बोर्ड लटका हुआ है. कई कार्यकर्ता यहां “पिंकी भैया की गिरफ्तारी” पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं.
हिंदू रक्षा दल के सचिव और प्रवक्ता संकेत कटारा ने कहा, “अगले कुछ दिनों में हम गाजियाबाद में डीएम कार्यालय के बाहर एक बड़ा धरना देंगे.”
पिंकी ने 2013 में HRD की स्थापना की थी, जब उनका बजरंग दल से मोहभंग हो गया था — उन्हें लगा कि यह “हिंदू हितों के लिए आक्रामक तरीके से काम नहीं कर रहा है.”
कटारा ने दावा किया कि आज HRD के 2 लाख से ज़्यादा पंजीकृत सदस्य हैं.
दोनों लोगों की मुलाकात 2014 में हुई थी, जब उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर AAP के कार्यालय पर हमला किया था, जब उस समय पार्टी के सदस्य रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा था कि कश्मीर में सेना की तैनाती पर जनमत संग्रह होना चाहिए.
गाजियाबाद पुलिस ने पिंकी और कटारा समेत अन्य हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया.
कटारा को दस दिनों के भीतर ज़मानत पर रिहा कर दिया गया, जबकि पिंकी चार महीने जेल में रहे.
कटारा ने कहा, “मैंने देखा कि पिंकी भैया ने सब कुछ अपने ऊपर ले लिया और कहा कि उनके सभी लोगों को रिहा कर दिया जाना चाहिए. मुझे लगा कि वे बहुत निस्वार्थ व्यक्ति हैं.”
इसके कटारा जल्द ही एचआरडी में शामिल हो गए. तब से, कटारा पिंकी के साथ हर विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे रहे हैं.
2020 में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के बारे में शेखी बघारते हुए कटारा ने कहा कि यह पिंकी ही थे जिन्होंने अपने लोगों को परिसर में हिंदू विरोधी तत्वों को दंडित करने के लिए भेजा था. रॉड और डंडों से लैस नकाबपोश पुरुषों और महिलाओं के एक समूह ने जेएनयू परिसर में प्रवेश किया और छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया, साथ ही छात्रावासों में तोड़फोड़ की.
एक दिन बाद, पिंकी चौधरी ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि विश्वविद्यालय “राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का अड्डा” है.
2023 में कटारा एक बार फिर चर्चा में हैं, जब उन्होंने एक ट्रैफिक हेड कांस्टेबल पर हमला किया, जिसने एक मिनी ट्रक ड्राइवर पर उसके वाहन पर ‘जय माता दी’ पोस्टर लगाने के लिए जुर्माना लगाया था.
कटारा ने कहा, “पिंकी भैया का एक ही मिशन है: अपने धर्म की रक्षा करना. इसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं.” एचआरडी कार्यालय में युवा किशोर लड़कों ने सहमति में आक्रामक तरीके से अपना सिर हिलाया.
आहूजा ने दावा किया, संगठन के भीतर, भाजपा के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है, जिस पार्टी से उन्होंने अपनी उम्मीदें लगाई थीं. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के शासन के दौरान, उन्हें पता था कि मुसलमानों की रक्षा की जाएगी, लेकिन अब, भाजपा भी उसी तर्ज पर काम कर रही है.
पिंकी भैया का एक ही मिशन है: अपने धर्म की रक्षा करना. इसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं
— संकेत कटारा, एचआरडी सचिव
आहूजा ने कहा, “भाजपा खुद को एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी के रूप में दिखाना चाहती है, लेकिन वो यह भी दिखाना चाहते हैं कि उनके शासन के दौरान एक भी हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ. इसलिए, वे हमें गिरफ्तार कर रहे हैं, न कि उन्हें (मुसलमानों को).”
एचआरडी के सदस्यों का कहना है कि पिंकी की गिरफ्तारी “राजनीतिक प्रतिशोध” का मामला है. वो गाजियाबाद से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, जो संभवतः अक्टूबर में होने वाले हैं और वो “केवल” हिंदुओं के वोट मांग रहे थे.
इन दिनों पूनम अपना समय भगत सिंह, एक स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी के बारे में सोचने में बिताती हैं.
उन्होंने शिव पुराण की एक किताब खोलते हुए कहा, “मैं हमेशा सोचती हूं कि अगर भगत सिंह जीवित होते, तो वे पिंकी चौधरी जैसे होते.”
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