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Tuesday, 5 November, 2024
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चेन्नई का अन्ना नगर UPSC हब दक्षिण का नया मिनी मुखर्जी नगर है—यह सस्ता और महिलाओं के लिए सुरक्षित है

सिवराजवेल आईएएस अकादमी से लेकर ऑफिसर्स आईएएस अकादमी तक, हॉस्टल, लाइब्रेरी, कैंटीन और स्टडी हॉल. अन्ना नगर पिछले 10 साल में एक बड़े यूपीएससी कोचिंग हब की तरह विकसित हुआ है.

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चेन्नई: जब कर्नाटक की नमृता कुमारी ने 2015 में टीना डाबी के यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने के बारे में पढ़ा, तो उन्होंने फैसला किया कि वह भी ऐसा कर सकती हैं. कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उसके तीन दोस्तों ने आजमाया हुआ रास्ता अपनाया और नई दिल्ली में कोचिंग संस्थानों में दाखिला लिया. लेकिन कुमारी ने अपने आईएएस के सपने के लिए चेन्नई के अन्ना नगर का रुख किया. 80 से अधिक कोचिंग सेंटरों वाला तमिलनाडु की राजधानी का पड़ोस, अब दक्षिण भारत का मुखर्जी नगर है, यूपीएससी केंद्र हर साल हजारों आईएएस-आईपीएस उम्मीदवारों को आकर्षित करता है.

कुमारी, जो इस साल अपनी पहली यूपीएससी परीक्षा देने जा रही हैं, कहती हैं, “अन्ना नगर सस्ता, सुरक्षित और घर के करीब है. मुझे इस बारे में एक पारिवारिक मित्र से पता चला. यहां बहुत सारे कोचिंग संस्थान हैं जो तैयारी के लिए बेहतरीन हैं. मुझे दिल्ली जाने की ज़रूरत नहीं है, जो भीड़भाड़ वाला और असुरक्षित है”

हॉस्टल, लाइब्रेरी, इंटरनेट कैफे, भोजनालयों और अध्ययन केंद्रों के साथ-साथ शंकर आईएएस अकादमी और ऑफिसर्स आईएएस अकादमी जैसे शीर्ष संस्थानों के साथ, अन्ना नगर ने पिछले 10 वर्षों में एक गंभीर कोचिंग केंद्र के रूप में अपनी छवि को काफी मजबूत किया है. टॉपर्स की तस्वीरों वाले बिलबोर्ड, स्टडी मटीरियल, आवास, डिस्काउंट ऑफर्स के बारे में जानकारी वाले पोस्टर, गर्मागर्म इडली-सांभर और बोंडा बेचने वाली चाय और कॉफी की दुकानें और समसामयिक मामलों पर चर्चा करते छात्र-अन्ना नगर में नई दिल्ली के करोल बाग और मुखर्जी नगर के सभी आकर्षण हैं. लेकिन यह कम भीड़भाड़ वाला, कम प्रदूषित और उतना महंगा नहीं है.

ओपी सिद्धार्थ एक व्यंग्यपूर्ण मुस्कान के साथ कहते हैं, “अच्छी तनख्वाह और नौकरी की सुरक्षा कई लोगों को सरकारी नौकरी की तरफ आकर्षित करती है. चाहे वह उत्तर हो या दक्षिण, देश कम से कम इस पहलू में एकमत है [स्टील फ्रेम ज्वाइन करने के लिए].” वह 2004 से अन्ना नगर में एक कोचिंग संस्थान चला रहे हैं, तब इस इलाके की यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी वाली जगह के रूप में पहचान नहीं हुई थी.

तमिलनाडु में एक संपन्न निजी क्षेत्र है, जो कि आईटी, स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़ा हुआ है. सिद्धार्थ कहते हैं, लेकिन भारतीय नौकरशाही में शामिल होने का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है. जून 2016 में 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की मंजूरी ने प्रोत्साहन प्रदान किया – इसने नए सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरुआती स्तर यानि कि एंट्री लेवल पर वेतन को दोगुने से अधिक – 7,000 रुपये से 18,000 रुपये प्रति माह – कर दिया. नवनियुक्त क्लास वन ऑफिसर के लिए न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 56,100 रुपये कर दिया गया (यह विभिन्न सेवाओं के लिए अलग है).

हाल ही में महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी और मकान किराया भत्ते (एचआरए) में बढ़ोतरी के साथ-साथ ग्रेच्युटी के लिए बढ़ी हुई कर छूट सीमा जैसे लाभों ने अचानक स्थिरता और सुरक्षा चाहने वाले युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों को और आकर्षक बना दिया है.

आज, अन्ना नगर की ओर न केवल कर्नाटक, तमिलनाडु और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों से, बल्कि नागालैंड, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे उत्तर और पूर्वोत्तर राज्यों से भी उम्मीदवार आकर्षित हो रहे हैं.

अन्ना नगर की एक इमारत पर टंगे एक बोर्ड पर लिखा है, “दिल्ली का मटीरियल[उपलब्ध].”

Proprietors take pride in sourcing study material from New Delhi | Nootan Sharma, ThePrint
मालिक नई दिल्ली का स्टडी मटीरियल उपलब्ध कराने में गर्व महसूस करते हैं | नूतन शर्मा, दिप्रिंट

मिनी मुखर्जी नगर

दक्षिण भारत में कई यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए, नई दिल्ली के बजाय चेन्नई को चुनना एक आसान निर्णय है – यह घर के करीब है, कम महंगा है, और इसमें सभी सुविधाएं और बुनियादी ढांचे हैं जो करोल बाग और मुखर्जी नगर जैसे सेंटर्स प्रदान करते हैं. दोनों शहरों में कोचिंग संस्थान छात्रों को पढ़ाने के लिए एक जैसा एप्रोच की प्रयोग करते हैं.

चेन्नई में सामान्य अध्ययन (जीएस) कोचिंग के लिए औसत शुल्क 1.5 लाख रुपये है, वैकल्पिक विषयों की फीस 20,000-30,000 रुपये है, और सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट (सीएसएटी) के लिए शुल्क 20,000 रुपये है. लेकिन नई दिल्ली में, जीएस के लिए लगभग 2.5 लाख रुपये, वैकल्पिक विषयों के लिए 50,000 रुपये और सीएसएटी (सीसेट) के लिए 30,000 रुपये देना पड़ता है. कुमारी कहती हैं, किराया भी सस्ता है. चेन्नई में, एक ‘अच्छे’ शेयरिंग फ्लैट के लिए लगभग 8,000 रुपये प्रति माह का किराया चुकाना होता है, जबकि नई दिल्ली में, एक छात्र को इसी तरह के फ्लैट के लिए 15,000 रुपये का भुगतान करना होगा.

और यूपीएससी की आकांक्षा के साथ, हलचल और बेतरतीब टीचिंग शॉप की एक छोटी-सी बस्ती भी उभरती है. अन्ना नगर में लगभग 30 किताबों की दुकानें और रीडिंग रूम हैं, लेकिन मुखर्जी नगर की तरह छोटी-छोटी जगहों में चलने के विपरीत, ये फ्लैट्स में संचालित होते हैं. कई उद्यमशील मकान मालिकों ने दो बेडरूम-हॉल-किचन (बीएचके) फ्लैट्स को स्टडी हॉल में बदल दिया है.

एक पूर्व आईएएस अधिकारी इज़राइल जेबासिंह कहते हैं, “हमारे पास सभी राज्यों-नागालैंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा- से छात्र हैं, लेकिन अधिकांश छात्र तमिलनाडु से हैं. लोग चेन्नई को चुन रहे हैं क्योंकि हम वह सब कुछ प्रदान करते हैं जो दिल्ली में उन्हें मिलता है और वह भी कम कीमत पर.”

Former IAS officer Israel Jebasingh's Officers IAS Academy | Nootan Sharma, ThePrint
पूर्व आईएएस अधिकारी इजराइल जेबासिंह की ऑफिसर्स आईएएस अकादमी | नूतन शर्मा, दिप्रिंट

सबसे पहले सरकार ने ही 1966 में पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 12th मेन रोड पर राज्य संचालित अखिल भारतीय सिविल सेवा कोचिंग सेंटर की 1966 में स्थापना की थी उसी के बाद अन्ना नगर यूपीएससी कोचिंग मैप पर दिखा. 2012 तक, यह ग्रीनवेज़ रोड पर स्थानांतरित हो गया था, लेकिन तब तक, 40 से अधिक निजी कोचिंग संस्थानों ने अन्ना नगर में अपना आधार बना लिया था. अब, उम्मीदवारों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है.

यहां न सिर्फ कोचिंग फीस बल्कि आवास और प्रिंटिंग का खर्च भी कम है

सिद्धार्थ का कहना है कि उन्होंने 2015 के बाद से यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि देखी है. इसमें दो कारकों ने योगदान दिया- एक सेचुरेटेड आईटी क्षेत्र और परीक्षा पैटर्न में बदलाव. 2011 में, सरकार ने सामान्य अध्ययन परीक्षा के साथ पहले चरण, यूपीएससी (प्रारंभिक) में सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट की शुरुआत की.

2015 से, केवल CSAT को केवल क्वालीफाइंग माना जाता था – एक उम्मीदवार को यूपीएससी (मेन्स) के लिए क्वालीफाई करने के लिए इस पेपर में सिर्फ 33 प्रतिशत या 200 में से 66 अंक प्राप्त करने होते थे. मेरिट सूची सिर्फ जीएस के अंकों के आधार पर बनती थी.

सिद्धार्थ कहते हैं, “2005 में, अन्ना नगर में 300-400 उम्मीदवार थे, लेकिन अब 10,000 से अधिक इच्छुक छात्र यहां हैं.” पिछले दशक में पूरे भारत में उम्मीदवारों की संख्या दोगुनी हो गई है. 2012 में, लगभग 5.5 लाख छात्रों ने यूपीएससी के लिए आवेदन किया था; 2022 तक यह संख्या बढ़कर 11.5 लाख हो गई.

Chennai's UPSC hub has grown doubly in the last decade | Nootan Sharma, ThePrint
चेन्नई का यूपीएससी हब, पिछले दशक में दोगुना बढ़ गया है | नूतन शर्मा, दिप्रिंट

2022 में पश्चिम बंगाल से चेन्नई आए दीपक सिंह कहते हैं, ”न केवल कोचिंग फीस बल्कि आवास और मुद्रण लागत भी यहां कम है.” वह एक उच्च-मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं; उनके पिता एक इंजीनियर हैं और उनकी मां जलपाईगुड़ी में एक छोटा सा व्यवसाय चलाती हैं.

सिंह को चेन्नई के भोजन, भाषा और संस्कृति के साथ तालमेल बिठाने में कुछ समय लगा. लेकिन अब, वह थोड़ी-थोड़ी तमिल जानता है. वह तमिल में कह सकता है ‘आप कैसे हैं?’ और, इससे भी महत्वपूर्ण बात, ‘धन्यवाद’.

सिंह जो एक शेयरिंग फ्लैट में रहते हैं, कहते हैं, “खाना सबसे बड़ी समस्या हुआ करती थी लेकिन अब मुझे दक्षिण भारतीय खाना भी पसंद आने लगा है. मैंने अब यहां दोस्त बना लिए हैं. वैसे भी मेरा ज्यादातर समय पढ़ाई में ही बीतता है, कौन घर छोड़ना चाहता है? लेकिन रोज़गार का सवाल है.”

यहां तक कि किताबों की दुकानें भी अन्ना नगर के ‘अड्डे’ बन गई हैं – जो पूरे भारत के छात्रों से गुलजार रहती हैं. मालिक नई दिल्ली से अध्ययन सामग्री प्राप्त करने में गर्व महसूस करते हैं.

सक्सेस बुक स्टोर के मालिक पी राजा कहते हैं, ”हमें आगरा और दिल्ली से कुछ सामग्रियां मिलीं, और कुछ चीजें हम खुद ही प्रिंट करते हैं, जो तीन मंजिला इमारत में एक बीएचके फ्लैट से संचालित होती है.’

अभ्यर्थियों के कमरों में लोहे की अलमारियां राजनीति विज्ञान, इतिहास, भूगोल, विज्ञान और मानविकी विषयों की पुस्तकों से भरी रहती हैं. एम लक्ष्मीकांत द्वारा लिखित इंडियन पॉलिटी के वॉल्यूम (मेडिकल छात्रों के लिए ग्रे की एनाटॉमी पुस्तक के समतुल्य) जीसी लियोंग की फिजिकल एंड ह्यूमन ज्योग्राफी, नितिन सिंघानिया द्वारा इंडियन इकोनॉमी लगभग सभी की अलमारियों में आपको दिख जाएंगी. रसोई और बाथरूम की दीवारें भारत और दुनिया के नक्शों (मानचित्रों) से ढकी हुई हैं.

पेन के डिब्बों से भरे काउंटर के पीछे खड़े राजा कहते हैं, “हर दिन लगभग 50-60 लोग हमारे स्टोर पर आते हैं, और वीकेंड पर यह संख्या बढ़ जाती है. हमारे पास वह सब कुछ है जो एक छात्र को चाहिए. यह अन्ना नगर की सबसे पुरानी [पुस्तक] दुकान है. पहले यह छोटी थी लेकिन समय और मांग के साथ यह बड़ी हो गई,” लगभग 75 साल की उम्र पार कर चुके राजा नए अभ्यर्थियों का स्वागत करते हैं और उन लोगों को प्रोत्साहित भी करते हैं जो अभी तक सफल नहीं हो पाए हैं. किसी भी किताब का नाम बताइए, और राजा झट से उसे दुकान में बने रैक से निकाल कर दे देंगे.


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UPSC की दौड़ में तमिलनाडु

यूपीएससी का अधिकांश स्टडी मटीरियल अंग्रेजी में है, हालांकि परीक्षाओं में स्थानीय भाषा चुनने और द्विभाषी कोचिंग कक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों के लिए तमिल में किताबें भी उपलब्ध हैं.

नवीनतम 2021 यूपीएससी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में पांच लोगों ने तमिल में अपनी मुख्य परीक्षा दी और 2020 में यह संख्या 25 थी. तमिलनाडु के राजनीतिक नेताओं सहित सभी के लिए चिंता का कारण राज्य में सफल उम्मीदवारों की घटती हिस्सेदारी है. द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु से सफल उम्मीदवारों का अनुपात हर साल गिर रहा है, जो 2014 में 11 प्रतिशत से घटकर 2017 में 7 प्रतिशत और 2020 में केवल 5 प्रतिशत रह गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, “2021 के दौरान, परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 685 उम्मीदवारों में से केवल 27 तमिलनाडु से थे.”

2022 का यूपीएससी का परिणाम तमिलनाडु के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आया क्योंकि इस साल कोई भी कैंडीडेट टॉप 100 में स्थान बनाने में सफल नहीं हो पाया. कुल 42 उम्मीदवारों का चयन किया गया. और 2023 में यूपीएससी स्टेट टॉपर को 107वां स्थान मिला था.

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी इसे लेकर चिंता व्यक्त की.

स्टालिन ने 2023 में कहा, “सिविल सेवा परीक्षा में तमिलनाडु से छात्रों के चुने जाने की दर घट रही है. जहां 2016 में यह 10% से अधिक थी, वहीं अब यह घटकर 5% रह गई है. यह निराशाजनक है. इसे बदलना होगा. हमें इसे बदलना होगा.”

1966 में, तमिलनाडु सरकार ने राज्य के उन उम्मीदवारों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र खोला जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और ऐसी अन्य सेवाओं में शामिल होना चाहते थे. 1971 तक, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के छात्रों ने अन्ना नगर में कोचिंग कक्षाओं में भाग लेना शुरू कर दिया.

राज्य सरकार के अनुसार, सरकार द्वारा संचालित अखिल भारतीय सिविल सेवा कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों में आठ महिलाओं सहित 19 कैंडीडेट 2022 में शानदार नतीजे लेकर आए.

सिद्धार्थ कहते हैं, ”जहां तक तमिलनाडु का सवाल है, ओबीसी उम्मीदवारों की संख्या अधिक है.”

यह राज्य-संचालित संस्थान, जो अब तमिलनाडु के मंत्रियों और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के आधिकारिक आवासों के साथ ग्रीनवेज़ रोड पर स्थित है, उच्च कोचिंग फीस का बोझ सहन कर पाने में असमर्थ छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय है, जो लाखों में होती है. लेकिन सीटों की संख्या सीमित है. यह हर संस्थान के लिए अलग है. किसी के लिए यह 40 तो किसी के लिए 60 है.

जेबासिंह कहते हैं, “जब सीनियर अभ्यर्थी इंटरव्यू के स्तर तक पहुंच गए और चयनित नहीं हो सके, तो वे चेन्नई लौट आए, और अन्ना नगर में उन्होंने कोचिंग संस्थान शुरू कर दिया.” 49 साल के हो चुके जेबासिंह पश्चिम बंगाल में आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत थे लेकिन 2011 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और अपने जन्मस्थान चेन्नई लौट आए व 2013 में ऑफिसर्स आईएएस अकादमी खोली.

जेबासिंह आगे कहते हैं, “छात्र हमारे पास इसलिए आते हैं क्योंकि जिन अधिकारियों ने पहले ये परीक्षाएं पास की हैं, वे यहां फुल-टाइम टीचर हैं. यह आपको कहीं नहीं मिलेगा,” सिविल सेवा से इस्तीफा देकर बिजनेसमैन और टीचर बनने पर कोई अफसोस नहीं है.

ऑफिसर्स आईएएस अकादमी के पांच टीचर्स पूर्व सिविल सेवक हैं, जो या तो सेवानिवृत्त हो गए हैं या जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

जेबासिंह कहते हैं, “हम इस एक इमारत में सब कुछ उपलब्ध कराते हैं. स्टडी हॉल से लेकर एक छोटी कैंटीन तक.”

चमकदार टाइल्स और बड़ी स्क्रीन पर चमकती फोटो स्लाइड के साथ, जेबासिंह के कोचिंग सेंटर का रिसेप्शन किसी पांच सितारा होटल जैसा दिखता है. भारत के राष्ट्रपति के साथ उनकी फोटो फ्रेम दीवार पर लगी है. जो कि किसी आईएएस अधिकारी की जिंदगी का सर्वश्रेष्ठ पल होता है.

छह महीने पहले उन्होंने बेंगलुरु में और कुछ हफ्ते पहले नई दिल्ली में एक ब्रांच खोली. जेबासिंह चेन्नई में सफल होने के कारण अपने बिजनेस को बढ़ा रहे हैं; वे इसे उसी फीस में और सुविधाओं के साथ अन्य शहरों में भी लॉन्च कर रहे हैं.

ऑफिसर्स आईएएस अकादमी से लगभग एक किलोमीटर दूर सिनर्जी सिद्धार्थ आईएएस अकादमी है. यूपीएससी परीक्षा पास करने में असफल रहने के बाद ओपी सिद्धार्थ ने 2004 में इसकी स्थापना की. उन्होंने अन्ना नगर में कोचिंग उद्योग को अधिक से अधिक कॉर्पोरेटीकृत होते देखा है.

वह कहते हैं, “उस समय बहुत कम कोचिंग संस्थान थे, लेकिन पिछले 10 वर्षों में, यह एक व्यवसाय बन गया है. पहले, यह काफी कुछ अभ्यर्थियों को गाइड करने जैसा था, लेकिन अब लोग छात्रों को अपनी ओर खींचने के लिए एसी हॉल, सोफा और अन्य सुविधाओं के साथ बड़ी इमारतों का निर्माण कर रहे हैं,”

संस्थान उन चीज़ों को शामिल कर रहे हैं जो कैंडीडेट्स एक अच्छे और सफल कोचिंग सेंटर की पहचान मानते हैं. सिद्धार्थ कहते हैं, “वे (कैंडीडेट्स) विलासिता की ओर आकर्षित होते हैं, एयर कंडीशनिंग जैसे आराम की तलाश में रहते हैं. नतीजतन, वास्तविक कोचिंग संस्थानों के बजाय, वे कॉर्पोरेट-ऑफिस जैसी जगह में पहुंच जाते हैं,”

ईको सिस्टम

नमृता कुमारी, जो नई दिल्ली में अपने दोस्तों के संपर्क में हैं, उनको अपने यूपीएससी सपने के प्रवेश द्वार के रूप में अन्ना नगर को चुनने का अफसोस नहीं है.

यहां कोचिंग उद्योग ने खाना उपलब्ध कराने और पेइंग गेस्ट जैसे कई मॉम-एंड-पॉप बिजनेस (छोटे परिवार-आधारित व्यवसाय) को जन्म दिया है. कुमारी एक हॉस्टल में एक वन रूम-किचन स्पेस में रहती है जिसके लिए वह 8,000 रुपये किराया देती हैं. निजता और अपना भोजन खाना खुद पकाने की स्वतंत्रता उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है.

The coaching industry in Anna Nagar has given rise to a slew of mom-and-pop businesses offering meal services and paying guest accommodations | Nootan Sharma, ThePrint
अन्ना नगर में कोचिंग उद्योग ने खाना उपलब्ध कराने की सर्विस और पेइंग गेस्ट जैसे कई मॉम-एंड-पॉप बिजनेस को जन्म दिया है | नूतन शर्मा, दिप्रिंट

वह कहती हैं, “अगर मुझे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना है तो आराम बहुत महत्वपूर्ण है. अगर मैं आराम से नहीं रह सकती या सो नहीं सकती, तो मैं देश की सबसे कठिन परीक्षा के लिए पढ़ाई कैसे कर सकती हूं?”

वह टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर कई स्टडी ग्रुप्स का हिस्सा हैं जहां छात्र नोट्स का आदान-प्रदान करते हैं, जानकारी पोस्ट करते हैं और आम तौर पर एक-दूसरे की मदद करते हैं.

“क्या कोई मुझे पिछले दो सप्ताह के अखबार की पीडीएफ भेज सकता है?” टेलीग्राम समूह में एक उम्मीदवार पूछता है. दूसरे ने उत्तर दिया, “यहां उस चैनल का लिंक है जो हर दिन समाचार पत्र उपलब्ध कराता है, आप इसे यहां पा सकते हैं.”

नमृता कुमारी कहती हैं, अन्ना नगर मेरे लिए मुखर्जी नगर है.

एक छात्र का कहना है, “मुझे यहां अपने लिए कमरा नहीं मिल रहा था, लेकिन ग्रुप में मैसेज भेजने के बाद, एक व्यक्ति ने फोन किया और कहा कि उसका सीनियर चला गया है और कमरा खाली है, और मुझे मिल गया.”

जब कुमारी अपने कोचिंग संस्थान में नहीं होती हैं, तो वह अन्ना नगर के एक स्टडी हॉल में प्रतिदिन आठ घंटे बिताती हैं. वह 12 घंटे के लिए 1,111 रुपये प्रति घंटे की दर से भुगतान करती है.

पृथ्वी राज, जो अन्ना नगर में एक स्टडी हॉल चलाते हैं, कहते हैं “ये [दरें] गैर-स्थायी या नॉन परमानेंट सीटों के लिए हैं. अगर कोई परमानेंट सीट चाहता है, तो 10 घंटे के लिए 1,111 रुपये और 24 घंटे के लिए 1,888 रुपये देने होंगे,” नई दिल्ली में कीमत लगभग दोगुनी है. छह घंटे के लिए 1200 रुपये चुकाने होंगे. स्थायी सीट केवल एक ही व्यक्ति के लिए आरक्षित होती है, कोई अन्य वहां नहीं बैठ सकता.

Many enterprising landlords have converted two bedroom-hall-kitchen (BHK) flats into study halls | Nootan Sharma, ThePrint
कई मकान मालिकों ने अपने टू बेडरूम-हॉल-किचन (बीएचके) फ्लैट्स को स्टडी हॉल में बदल दिया है | नूतन शर्मा, दिप्रिंट

कुमारी अपने साथ पानी की बोतल, स्टडी मटीरियल और कुछ स्नैक्स जैसे भुने हुए चने, नमकीन और चिप्स रखती हैं. वह अपना मोबाइल फोन, जो ध्यान भटकाने का सबसे बड़ा ज़रिया है, दराज में रखती है और केवल छोटे ब्रेक के दौरान ही उसे चेक करती है.

कुमारी कहती हैं, “मुझे अपने दोस्तों से मैसेज मिलते हैं जो दिल्ली में हैं, वे पढ़ाई की अपनी तस्वीरें शेयर करते हैं. सब वैसा ही है. लेकिन यहां चेन्नई में भटकाव कम हैं. वे कुछ कैफे और ऐतिहासिक जगहों पर घूमने भी जाते हैं.”

वह यात्रा करने या दर्शनीय स्थलों पर घूमने जाने से पहले यूपीएससी पास करना चाहती हैं.

(इस ग्राउंड रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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