नई दिल्ली: सीज़न के मेले ख़त्म हो चुके हैं, लेकिन नोएडा की पॉश एटीएस हैमलेट वन सोसाइटी का व्हाट्सएप ग्रुप उत्सवों की योजना से गुलज़ार है. आइए 22 जनवरी को एकजुट होकर अयोध्या में भव्य उत्सव मनाएं. 2 जनवरी को पोस्ट किए गए एक मैसेज में आग्रह किया गया, “आइए हम सभी हाथ मिलाएं और अयोध्या में श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के सामूहिक उत्सव में भाग लें.” इसमें हर घर में श्री राम ज्योति जलाने का भी आह्वान किया गया. इस पर रिप्लाई देने के लिए तुरंत दिल वाले इमोजी, तैयारियों के बारे में उत्सुकता से पूछताछ और योगदान कैसे किया जाए से जुड़े सवाल दिखने लगे. किसी ने पूछा, “क्या कोई ड्रेस कोड भी है क्या?”.
एटीएस हैमलेट वन प्रोग्राम के संचालन में सबसे आगे आर्ट ऑफ लिविंग की ट्रेनर और अपार्टमेंट के मालिकों के एसोसिएशन की सदस्य गौरांगी गुप्ता हैं. उन्होंने गर्व से कहा, “प्राण प्रतिष्ठा के दिन राम मंदिर की प्रतिकृति सोसायटी के एम्फीथिएटर में स्थापित की जाएगी. यह पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, इसलिए हमें भी इसे खास बनाना होगा.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुओं से 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाने का आग्रह किया है, लेकिन यह दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में हाउसिंग सोसायटियों और आरडब्ल्यूए को उस दिन अपने पड़ोस में समानांतर राम-संबंधी कार्यक्रमों और गतिविधियों की योजना बनाने से नहीं रोक सकता. समारोह को प्रसारित करने के लिए विशाल एलईडी स्क्रीनें लगेंगी, प्रभात फेरियां निकाली जाएंगी, छोटे मंदिरों में पूजा की जाएंगी और रामायण के पाठ और हवन से वातावरण भक्तिमय हो जाएगा. आरडब्ल्यूए और हाउसिंग सोसायटी विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मंदिर आउटरीच कार्यक्रमों की प्रेरक शक्ति बन गए हैं, जो सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्राण प्रतिष्ठा हर पड़ोस में एक शानदार प्रभाव डाले.
विहिप राम मंदिर के स्टिकर और पूजित अक्षत (चावल), या हल्दी-रंगे चावल के पैकेट वितरित कर रहा है, जिस पर यह घोषणा की गई है, “आपके नज़दीक मंदिर ही अयोध्या है.”
इन अक्षत कलश यात्राओं में आरएसएस और वीएचपी कार्यकर्ता 1 से 15 जनवरी के बीच सैन्य सटीकता के साथ पड़ोस में आगे बढ़ रहे हैं और धर्मनिष्ठ निवासी हर कदम पर उनकी प्रगति में सहायता कर रहे हैं.
समाज के हर स्तर पर हमारी उपस्थिति है. हमारे पास झुग्गी बस्तियों से लेकर बड़ी सोसायटी तक के स्वयंसेवक हैं
— आरएसएस प्रचारक
उदाहरण के लिए गुड़गांव में डीएलएफ-2 में निवासी योजनाओं से जुड़ी नियमित व्हाट्सएप अपडेट्स भेजते रहते हैं. हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक यह एक ब्लॉक या मैनीक्योर सोसायटी को निशाना बनाते हैं — 10 जनवरी को जे ब्लॉक, 14 तारीख को बेल्वेडियर टॉवर — जिसमें अक्षत, मंदिर की एक तस्वीर, अयोध्या परिसर के बारे में एक पुस्तिका और पांच दीये होते हैं. एक मैसेज में लिखा है, “चलो, बुलावा आया है”, लेकिन निश्चित रूप से इसका मतलब केवल रूपक है.
वीवीआईपी बुकिंग्स से अयोध्या के होटल भरे पड़े हैं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने समारोह के लिए अभिनेताओं, व्यापारियों और साधुओं सहित 8,000 मेहमानों को आमंत्रित किया है. बाकी सभी को घर पर ‘महा दिवाली’ मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. मोदी ने 30 दिसंबर को अयोध्या में कहा, “आपने 500 साल तक इंतज़ार किया है, कुछ दिन और रुकिए. सुरक्षा एवं व्यवस्था की दृष्टि से 22 जनवरी को यहां आने से बचें. घर पर राम ज्योति जलाएं और दिवाली मनाएं.”
लोग उनकी बातों को गंभीरता से ले रहे हैं, लेकिन खुद को रोशनी तक सीमित नहीं रख रहे हैं. पूर्वी दिल्ली में फ्लेक्स बोर्ड की दुकान चलाने वाले सुनील कुमार के लिए यह एक बिजनेस बोनस है. राम और मंदिर-थीम वाले फ्लेक्स बैनर के लिए ऑर्डरों की तो जैसे बाढ़ आ गई है, हाल के हफ्तों में आरडब्ल्यूए से दर्जनों ऑर्डर आए हैं. पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार फेज 2, एमआईजी फ्लैट्स में रेजिडेंट्स फ्रेंडशिप क्लब के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए एक चमकदार फ्लेक्स को अंतिम रूप देते हुए कुमार ने कहा, “लोगों की आस्था मंदिर से जुड़ी है और हमारी आय भी है.”
ऑर्डर देने वाले मुकेश गोयल ने कहा कि राम मंदिर एक ऐसी भावना है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, “हम इसे अपने समाज के साथ मिलकर मनाना चाहते हैं. यह एक ऐसा पल है जिसे हमारे पूर्वज नहीं देख सके लेकिन हमें सौभाग्य मिला है और हम इसमें शामिल होना चाहते हैं.”
यह भक्ति जितनी सहज प्रतीत होती है, परदे के पीछे इसे चालू रखने वाली एक अच्छी खासी मशीनरी है. आरएसएस और वीएचपी के सदस्य सक्रिय रूप से आरडब्ल्यूए और निवासियों से संपर्क कर रहे हैं और उनसे पूरी भव्यता से प्राण प्रतिष्ठा को चिह्नित करने के लिए कह रहे हैं
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आरडब्ल्यूए की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी
दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में आरडब्ल्यूए यात्राओं, हवन और अखंड रामायण पाठ से राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी कर रहे हैं.
दिल्ली के बुद्ध विहार चरण 2 में आरडब्ल्यूए ने 12 जनवरी को एक भव्य अक्षत कलश यात्रा की योजना बनाई है, जिसके बाद अगले दिन से प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक राम कथा का पाठ किया जाएगा.
कुछ निवासी 22 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भंडारों की भी योजना बना रहे हैं. बुद्ध विहार फेज 2 के निवासी नेम सिंह ने कहा, “मंदिर भारत को प्रसिद्ध बना रहा है. अब देश भी प्रगति करने लगेगा. हम अपनी सोसायटी के दुर्गा मंदिर में हवन करेंगे.”
रविवार की सर्द सुबह गुरुग्राम के सेक्टर-46 में 500 से अधिक लोगों ने राम झांकी जुलूस निकाला. हाथों में भगवा झंडे लहराते हुए और गले में “श्री राम” पटके सजाए हुए, भक्त ढोल की थाप पर थिरक रहे थे. डीजे भजन “अवध में गाओ खूब बधाई” की भक्तिमय धुनें बजा रहा था. जुलूस का समापन कॉलोनी के शिव मंदिर में अयोध्या से लाए गए पवित्र अक्षत कलश की स्थापना के साथ हुआ. निवासी एक स्वर में चिल्लाए, “जय श्री राम”.
यह सभी राम भक्तों के लिए बेहद खास मौका है. मुझे नहीं पता कि मंदिर बनने के लिए कितनी पीढ़ियों ने इंतज़ार किया है, लेकिन मोदीजी ने आखिरकार यह कर दिखाया है.“उन्होंने हिंदू गौरव को वापस लाया.”
-राजकुमार यादव, अध्यक्ष, गुरुग्राम सेक्टर 46 आरडब्ल्यूए
सेक्टर 46 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष राजकुमार यादव ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या से सीधा प्रसारण करने के लिए शिव मंदिर में बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी. निवासी एक भजन मंडली की व्यवस्था करने की भी योजना बना रहे हैं जो भगवान राम को समर्पित गीत गाएगी. यादव ने कहा, “यह सभी राम भक्तों के लिए एक बहुत ही विशेष अवसर है. मुझे नहीं पता कि मंदिर बनने के लिए कितनी पीढ़ियों ने इंतज़ार किया है, लेकिन मोदीजी ने आखिरकार यह कर दिखाया है. यादव ने कहा, “उन्होंने हिंदू गौरव को वापस लाया.”
उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, मर्यादा पुरूषोत्तम राम के जीवन ने हमें सीख दी और जीवन के हर क्षेत्र में हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त हो.
इसी तरह दिल्ली के संत रविदास नगर में शिव शक्ति मंदिर में 21 जनवरी को पड़ोस के लिए एक अखंड रामायण पाठ रखवाया जाएगा, जिसके बाद अगले दिन प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण किया जाएगा. शिव शक्ति मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष महेश पटेल ने कहा, “इस पूरे मंदिर को सजाया जाएगा और एलईडी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा ताकि जो लोग अयोध्या नहीं जा सकते वे आकर देख सकें. भगवान राम हमारे आदर्श हैं, हमारी उनमें अटूट आस्था है.”
पूर्वी दिल्ली का प्रसिद्ध बालाजी मंदिर, विवेक विहार के आरडब्ल्यूए के सहयोग से अपने सभागार में लगभग 500 लोगों के लिए अयोध्या से सीधा प्रसारण प्रसारित करने की भी योजना बना रहा है. आरडब्ल्यूए अध्यक्ष आनंद गोयल ने कहा, “22 जनवरी को अयोध्या में जो भी अनुष्ठान किया जाएगा, हम उसे दोहराएंगे. हमने अपनी सोसायटी के लोगों से अपने घरों में रंगीन लाइटें लगाने के लिए कहा है.”
यह उत्साह नोएडा में भी दिखाई दे रहा है, कृष्णा जनसेवा संस्था 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन कर रही है. नोएडा स्टेडियम में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की घोषणा करने वाले बिलबोर्ड शहर भर में फैल गए हैं, जो सभी को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.
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भव्य महत्वाकांक्षा, विस्तृत रणनीति
आवारा पालतू कुत्ते, पानी की समस्या और बिजली की लड़ाई अधिकांश हाउसिंग सोसायटी के व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स का मुख्य आधार हैं, लेकिन आजकल एक और नियमित विषय है — राम मंदिर के बारे में चर्चा, अनु मलिक के ‘‘जय श्री राम’’ और स्वाति मिश्रा के ‘‘राम आएंगे’’ जैसे भजनों के वीडियो और अक्षत कलश यात्राओं की प्रगति पर अपडेट्स.
गुरुग्राम के डीएलएफ-2 में एक संपन्न हाउसिंग सोसायटी के व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किए गए 2 जनवरी के वीडियो अपडेट में कहा गया है, ‘‘राम भक्तों की टोली नाचते और गाते हुए एम-14 तक पहुंच गई है.’’
इस प्रकार की भक्ति जितनी सहज प्रतीत होती है, परदे के पीछे इसे चालू रखने के लिए अच्छी खासी मशीनरी जुड़ी होती है. आरएसएस और वीएचपी के सदस्य सक्रिय रूप से आरडब्ल्यूए और निवासियों से संपर्क कर रहे हैं और उनसे प्राण प्रतिष्ठा को चिह्नित करने के लिए कह रहे हैं.
दिल्ली स्थित आरएसएस के एक वरिष्ठ प्रचारक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “समाज के हर स्तर पर हमारी उपस्थिति है. हमारे पास झुग्गी बस्तियों से लेकर बड़ी सोसायटी तक के स्वयं सेवक हैं. उनके जरिए से हम राम मंदिर के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं.” संगठन कथित तौर पर कलश यात्राओं में शामिल होने वाले 35,000 स्वयंसेवकों के साथ देश भर के 22,000 गांवों तक पहुंचने की योजना बना रहा है.
प्रचारक ने कहा, “यह इस बात का सबसे अच्छा अध्ययन है कि समाज को कैसे संगठित किया जा सकता है. कुछ ही दिनों में हम एक विचार (राम मंदिर) को लेकर करोड़ों लोगों तक पहुंच रहे हैं. अयोध्या एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभरेगा.”
आरएसएस के स्वयंसेवक अपनी सुबह की शाखाओं में राम मंदिर पर चर्चा करते हैं और निमंत्रण पत्र वितरित कर रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जारी किए गए भगवान राम और अयोध्या मंदिर के छोटे पोस्टर घरों की दीवारों पर देखे जा सकते हैं, जिनमें “भये प्रगट कृपाला” लिखा है.
आजीवन आरएसएस स्वयंसेवक और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा जिले के जिला कार्यवाह रामजी लाल मंसाका का इन दिनों घर-घर जाकर प्रचार करने का कार्यक्रम व्यस्त है. उन्होंने बताया, “हम लोगों को बता रहे हैं कि 22 जनवरी को क्या करना है. 15 जनवरी के बाद प्रभात फेरी निकालने की योजना बनाई जा रही है और मार्किट एसोसिएशन के लोगों से पूरे बाज़ार को सजाने के लिए कहा जा रहा है.”
विहिप, जो राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे थी एक से 15 जनवरी तक अपने 15 दिवसीय अक्षत निमंत्रण कार्यक्रम में भी उतनी ही व्यस्त है. उनकी महत्वाकांक्षा बड़ी है- 10 करोड़ परिवारों का लक्ष्य हासिल करना- लेकिन रणनीति बहुत विस्तृत है.
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “मैं खुद सब्जी, चाय और फल विक्रेताओं से मिलता हूं और निमंत्रण कार्ड देता हूं. हम सभी से इस दिन को दिवाली की तरह मनाने के लिए कह रहे हैं क्योंकि भगवान राम 500 साल बाद अयोध्या लौट रहे हैं.”
प्राण प्रतिष्ठा के वास्तविक दिन के लिए भी बड़ी योजनाएं हैं. बंसल ने कहा, “प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण करने के लिए देश भर के 5 लाख मंदिरों में एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं.”
लेकिन भले ही कई लोग आगामी कार्यक्रम को घर पर “महा-दिवाली” की तरह मनाएंगे, अन्य लोग अयोध्या जाने के लिए उत्सुक हैं. बुद्ध विहार के नेम सिंह ने कहा कि उन्होंने लंबे समय से मंदिर बनने का इंतज़ार किया है और इसे अपनी आंखों से देखने के लिए वह अब और प्रतीक्षा नहीं कर सकते. उन्होंने उदासी से कहा, “जल्द ही, मैं अपने परिवार के साथ वहां जाऊंगा.”
लेकिन संघ परिवार ने उनके जैसे भविष्य के तीर्थयात्रियों के लिए पहले से सोचा है. भाजपा नेतृत्व ने कथित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को 25 जनवरी से 25 मार्च तक राम मंदिर आने वाले भक्तों की सहायता करने की सलाह दी है.
संभावना है कि उनके लिए उनके काम में कटौती कर दी जाएगी. दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर और Ayodhya Ram Mandir: Bharat’s Quest for Ram-Rajya के लेखक स्वदेश सिंह, मंदिर टूरिज्म में एक बड़े उछाल की भविष्यवाणी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “अयोध्या में न केवल घरेलू पर्यटक बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन भी काफी बढ़ेगा. नया हवाई अड्डा इसे आसान बना देगा.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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