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गुरूवार, 19 जून, 2025
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AK-47, कुरान की आयतें, लवर्स के नाम — टैटू जिन्हें कश्मीरी अब हटवाने में जुटे हैं

श्रीनगर के कब्रिस्तान से अलग, बसित बशीर और अहमद हसन कश्मीर में परंपरा और विद्रोह के बीच खींचतान के दूसरे छोर पर हैं. एक टैटू बनाता है, दूसरा उन्हें हटाता है.

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श्रीनगर: श्रीनगर के पुराने शहर में एक मामूली क्लिनिक में 29 साल के बासित बशीर से मिलने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. स्लिप्ड डिस्क और मांसपेशियों में दर्द के लिए लोग हमेशा उनसे मिलते रहते हैं, लेकिन सबसे बढ़कर वे ऐसे व्यक्ति हैं जो लोगों के सबसे बड़े पछतावे को भी दूर कर सकते हैं.

हाथ पर एके-47. कलाई पर कांटेदार तार. सीने पर कुरान की आयतें. एक पूर्व प्रेमी/प्रेमिका जिसका नाम कंधे पर तो है, लेकिन दिल में नहीं. बशीर ने अपनी लेज़र टैटू रिमूवल गन से यह सब मिटा दिया है, लेकिन, कभी-कभी वह जो देखते हैं, उससे नाराज़ भी हो जाते हैं.

बशीर ने एक टैटू की तस्वीर दिखाते हुए कहा, “मुझे सबसे ज्यादा हैरानी इस बात से हुई कि टैटू कितने अश्लील थे, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों ने ज़िंदगी में अलग-अलग वक्त पर बनवाए थे. जितनी अश्लीलता होगी, दूसरों को दिखाने में उतनी ही शर्म आएगी.”

बशीर का दावा है कि उन्होंने 2022 से अब तक अपने क्लिनिक वैली केयर सेंटर में कम से कम एक लाख टैटू हटाए हैं, लेकिन सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर अहमी स्टूडियो के 21 साल के अहमद हसन कॉलेज स्टूडेंट्स प्रवासियों, पर्यटकों की इच्छाओं, सपनों को उकेरते हैं.

उन्होंने कहा, “लोग नाम, कुरान की आयतों, पत्तियों, फूलों, सांपों, राइफलों के टैटू पसंद करते हैं. मुझे पुरुषों की तुलना में महिला ग्राहक ज़्यादा मिलती हैं.”

अहमद हसन श्रीनगर के अहमी स्टूडियो में ग्राहक के हाथ पर काम करते हुए. उनका कहना है कि वे एक दिन में चार टैटू बनाते हैं | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट
अहमद हसन श्रीनगर के अहमी स्टूडियो में ग्राहक के हाथ पर काम करते हुए. उनका कहना है कि वे एक दिन में चार टैटू बनाते हैं | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट

कब्रिस्तान से अलग, बशीर और हसन कश्मीर में परंपरा और विद्रोह के बीच खींचतान के अलग-अलग किनारों पर हैं. एक अभिव्यक्ति के बारे में है, दूसरा मिटाने के बारे में.

दोनों क्लीनिक छोटे हैं और एक जैसे बने हुए हैं. अहमी स्टूडियो में सुनहरे फूलों के पैटर्न के साथ नीला वॉलपेपर है, इसका पुराना माहौल हसन द्वारा कुशलता से इस्तेमाल किए जाने वाले टैटू बनाने के औज़ारों से मेल खाता है, जो एक ट्रेंडी हेयरकट के साथ कानों में बाली पहनते हैं. वैली केयर सेंटर में भी इस तरह के वॉलपेपर्स है, इस बार लाल और सुनहरा इस आधुनिक क्लिनिक की सजावट उसी तरह किया गया है: एनाटॉमिकल चार्ट, एक डिकंप्रेशन बेड, लेज़र मशीनें.

एक करीने से सेट दाढ़ी वाले बशीर खुद को एक कायरोप्रैक्टर, रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट और लेज़र स्पेशलिस्ट बताते हैं. वह हिजामा या कपिंग जैसी वैकल्पिक मेडिकल सर्विस भी मुहैया कराते हैं, जिसमें सक्शन बनाने और टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने के लिए स्किन पर गर्म कप रखना शामिल है.

हर बार जब कोई क्लाइंट लेज़र रूम में आता है, तो हल्की पॉप-पॉप आवाज़ आती है. कुछ लोग अपने दांत भींच लेते हैं, कुछ अपनी आंखें बंद कर लेते हैं, कुछ चुपचाप लेट जाते हैं जबकि अन्य बड़बड़ाते हैं या रोते भी हैं. कुछ लोगों के लिए यह भावनात्मक राहत के बारे में है. दूसरों के लिए यह एक ऐसी जगह पर कम ध्यान देने योग्य होने के बारे में है जहां पुलिस की भारी मौजूदगी और सख्त धार्मिक और नैतिक संहिताएं हैं.

वैली केयर सेंटर में महिला क्लाइंट को संभालने वालीं मुस्कान ने कहा, “लोग सशक्तिकरण के नाम पर हर तरह की चीज़ें करते हैं, लेकिन यहां कश्मीर में इसे नीची नज़र से देखा जाता है.”

बशीर के लिए टैटू नैतिक रूप से संदिग्ध हैं. उन्हें हटाना लोगों को धार्मिक रास्ते पर लाने का उनका तरीका है.


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टैटू की दिक्कत

जब 17 साल के कुपवाड़ा निवासी साहिल लुधियाना में एक होटल में सर्वर के रूप में काम करते थे, तो उन्हें टैटू बनवाना अच्छा ऑप्शन लगा. सभी अन्य वेटरों ने टैटू बनवा रखा था और वे और उनके दोस्त भी टैटू बनवाना चाहते थे. उन्होंने अपने दाहिने हाथ पर एके-47 राइफल बनवा ली.

साहिल, जिनके फोन पर अभी भी पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वॉलपेपर है, उन्होंने कहा, “हमने अन्य स्टीवर्ड और मेहमानों को अपने हाथों, गर्दन, छाती, पैरों पर टैटू बनवाते देखा और हमने भी ऐसा ही करने का फैसला किया.”

लेकिन टैटू बनवाने के दो महीने बाद ही साहिल को कश्मीर वापस लौटना पड़ा. 22 अप्रैल को पहलगाम नरसंहार के बाद चूंकि, न्य राज्यों में कश्मीरियों के खिलाफ उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे थे, वे पंजाब में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे थे.

श्रीनगर के वैली केयर सेंटर में लेज़र से अपने पूर्व प्रेमी के नाम का टैटू हटवाता शख्स | फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
श्रीनगर के वैली केयर सेंटर में लेज़र से अपने पूर्व प्रेमी के नाम का टैटू हटवाता शख्स | फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

वापस लौटने पर टैटू जल्दी बड़ी परेशानी का सबब बन गया. सबसे पहले, लोकल थाने के एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें चेतावनी दी कि मौत के बाद उन्हें जन्नत नसीब नहीं होगी.

साहिल ने कहा, “उन्होंने मुझसे कहा कि यह पूरी तरह से इस्लाम के खिलाफ है और इंतकाल के बाद जब तुम्हें नहलाया जाएगा तो तुम नापाक रहोगे.”

फिर कुछ हफ्ते के बाद, जब वह श्रीनगर में एक शादी के लिए खरीदारी कर रहे थे तो कुछ सीआरपीएफ कर्मियों ने टैटू को देखा.

उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझे कुछ समय के लिए वहां रखा और टैटू के बारे में पूछा. मैं बहुत डर गया और फिर इसे हटाने का फैसला किया.”

साहिल वैली केयर सेंटर में गए. वे उन कई लोगों में से एक थे जो धार्मिक अपराधबोध और नैतिक आतंक से लेकर ब्रेकअप और परिवार और सुरक्षा बलों से उत्पीड़न तक सब कुछ बताते हुए आते हैं.

मुझे याद है कि हमारे पास एक ग्राहक थीं जिन्होंने कश्मीर से बाहर रहने के दौरान अपने पेट पर टैटू गुदवाया था. अपनी शादी के लिए वापस आने पर, हताश होकर उन्होंने इसे हटाने के लिए कुछ एसिड का इस्तेमाल किया

— मुस्कान, वैली केयर सेंटर कर्मचारी

बशीर के लिए टैटू नैतिक रूप से संदिग्ध हैं. उन्हें हटाना लोगों को पाक रास्ते पर लाने का उनका तरीका है.

उन्होंने कहा, “यह इस्लाम में हराम है, इसलिए लोगों को इसे नहीं बनवाना चाहिए.”

अहमद ने कहा कि भले ही कश्मीर घाटी में टैटू की मांग बढ़ रही है, लेकिन कई लोग इसे इस्लाम के खिलाफ मानते हैं. पिछले साल धमकियां मिलने के बाद उन्होंने कुछ महीनों के लिए अपना स्टूडियो बंद कर दिया था.


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‘पाप’, निशान और दूसरे ख्याल

टैटू हटाने का ख्याल बशीर को 2022 में एक क्लाइंट के साथ हिजामा सेशन के दौरान आया.

उन्होंने आगे कहा, “मैंने देखा कि उसकी बांह पर ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ (अल्लाह के सिवा कोई और खुदा नहीं है) लिखा हुआ था. उन्हें इस पर शर्म आ रही थी और उन्होंने कहा कि वे इसे हटाने का जोखिम नहीं उठा सकते क्योंकि टैटू हटाना उस पर स्याही लगाने से ज़्यादा महंगा है. इसलिए मैंने तय किया कि मुझे इसके बारे में कुछ करना चाहिए.”

इस प्रोसेस में तपस्या भी शामिल है. लेज़र हर पल्स के साथ एक तेज पॉप देता है. क्लियर चमक होती है और स्किन पीली पड़ जाती है — एक अस्थायी प्रभाव जिसे फ्रॉस्टिंग कहा जाता है. यह तब होता है जब स्याही के हटने पर स्किन के नीचे छोटे गैस बुलबुले बनते हैं. एक टैटू को हटाने में आमतौर पर चार से आठ सिटिंग लगती हैं.

बासित बशीर ने 2022 में एक फ्री सर्विस में टैटू हटाना शुरू किया. अब वह हर सेशन 400 रुपये चार्ज करते हैं | फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
बासित बशीर ने 2022 में एक फ्री सर्विस में टैटू हटाना शुरू किया. अब वह हर सेशन 400 रुपये चार्ज करते हैं | फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

शुरुआत में बशीर ने मुफ्त टैटू हटाने की पेशकश की, लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, उन्होंने हर सेशन के 100 रुपये चार्ज करना शुरू कर दिया. अब उन्होंने इसे बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया है. इससे उनके बिजनेस में स्टैबल इनकम का सोर्स जुड़ गया है जिसमें हिजामा, कायरोप्रैक्टिक वर्क, रिफ्लेक्सोलॉजी, नेवल डिस्पलेस्मेंट, खेल चोटों की देखभाल और फायर मेडिकल भी शामिल है.

क्लिनिक में पुरुष और महिला दोनों आते हैं. मुस्कान, जो वहां इंटर्नशिप करती हैं और एडमिन का काम संभालती हैं, बताती हैं कि जब उन्होंने कुछ बॉडी आर्ट देखी तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ.

मैंने हैरी पॉटर फ्रैंचाइज़ की कुछ फिल्में देखी हैं और मुझे वह किरदार पसंद आया, इसलिए मैंने खुद पर टैटू गुदवा लिया. इसे देखने के बाद, बहुत से अन्य लोगों ने भी वही टैटू बनवाया

— अहमद हसन

उन्होंने कहा, “जब आप कश्मीर से बाहर होते हैं, तो विद्रोह आपको ऐसी चीज़ें करने पर मजबूर करता है जो घाटी के रूढ़िवादी माहौल से परे हैं.”

खासकर महिला क्लाइंट अपने टैटू को लेकर ज़्यादा शर्मिंदा होती हैं और कभी-कभी क्लिनिक आने से पहले दूसरे तरीके आज़माती हैं.

मुस्कान ने बताया, “मुझे याद है कि हमारे पास एक क्लाइंट थी जिन्होंने कश्मीर से बाहर रहने के दौरान अपने पेट पर टैटू बनवाया था. अपनी शादी के लिए वापस आने पर, उन्होंने हताश होकर इसे हटाने के लिए कुछ एसिड का इस्तेमाल किया, लेकिन उनके पेट की स्किन जल गई. जब वे हमारे पास आईं, तो हमें उस पर काम करने में थोड़ा वक्त लगा, लेकिन उनका टैटू सफलतापूर्वक हटा दिया गया.”

वैली केयर सेंटर में आंशिक रूप से मिटाया गया टैटू. इसे पूरी तरह से हटाने में 4 से 8 सिटिंग लगती हैं | फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
वैली केयर सेंटर में आंशिक रूप से मिटाया गया टैटू. इसे पूरी तरह से हटाने में 4 से 8 सिटिंग लगती हैं | फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

प्रोसेस क्रियाओं के लिए आने वाली महिलाओं की संख्या को देखते हुए मुस्कान अपनी इंटर्नशिप खत्म करने के बाद अपना खुद का क्लिनिक शुरू करने का प्लान कर रही हैं.

वेटिंग एरिया में श्रीनगर के काकसराय के हिलाल और अहमद अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं. दोनों अपनी कलाई और हाथ से अपनी पूर्व गर्लफ्रेंड के नाम हटवा रहे हैं. वह बेचैन हैं क्योंकि वह पहले ही लेज़र सेशन करवा चुके हैं, जो थोड़ा दर्दनाक है. फिर भी उनके इरादे मजबूत हैं.

हिलाल ने अहमद से अपनी पूर्व गर्लफ्रेंड के बारे में कहा, “उन्हें नरक में जलने दो.”


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‘मैं नेचुरल आर्टिस्ट हूं’

अहमी स्टूडियो में क्लाइंट नाम, छंद या सिर्फ एक मामूली ख्याल के साथ आते हैं. टैटू बनाने वाले अहमद हसन उनके साथ बैठते हैं, सुनते हैं, स्केच बनाते हैं और फिर बिज़ी हो जाते हैं.

हसन, जो सभी टैटू के लिए 500 रुपये प्रति इंच चार्ज करते हैं, बताते हैं, “मेरे ज़्यादातर क्लाइंट सोशल मीडिया पर मेरा काम देखने के बाद आते हैं. मैं उनसे कई बार पूछता हूं कि वह मेरे काम से खुश हैं या नहीं. टैटू बनवाने के बाद उनके चेहरे पर संतुष्टि देखकर मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है.”

लेकिन इसमें जोखिम भी है. अहमद ने कहा कि भले ही कश्मीर घाटी में टैटू की मांग बढ़ रही है, लेकिन कई लोग अभी भी इसे इस्लाम के खिलाफ मानते हैं. पिछले साल, धमकियां मिलने के बाद उन्होंने कुछ महीनों के लिए अपना स्टूडियो बंद कर दिया था.

उन्होंने कहा, “नवंबर 2024 में मेरी एक वायरल रील के बाद, मुझे ऑनलाइन ट्रॉल किया गया और बाद में किसी ने मुझे एक पत्र लिखा. मुझे नहीं पता कि यह आतंकवादियों या स्थानीय लोगों की ओर से था, लेकिन मैंने इसे अनदेखा कर दिया. हालांकि, एक बार जब मैं अपने स्टूडियो के पास नीचे था, तो मैंने पाया कि दो फिरन पहले लोग मेरा पीछा कर रहे थे. यह एक गर्म दिन था और लोगों को फिरन पहने हुए देखकर, मुझे खतरा महसूस हुआ. इसलिए मैं मौके से भाग गया और उसी शाम दिल्ली के लिए उड़ान भरी.”

टैटू आर्टिस्ट अहमद हसन श्रीनगर में अहमी स्टूडियो में डिजाइन पर काम करते हैं | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट
टैटू आर्टिस्ट अहमद हसन श्रीनगर में अहमी स्टूडियो में डिजाइन पर काम करते हैं | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट

उन्होंने इस साल मई में ही अपना बिजनेस दोबारा शुरू किया है. टैटू बनाना ऐसा काम नहीं है जिसे वे छोड़ना चाहते हैं, भले ही वे इसे संयोग से ही शुरू कर पाए हों. उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के तीन साल बाद यानी 2023 में इसकी शुरुआत की. तब वे किशोर ही थे, लेकिन परिवार को और पैसों की ज़रूरत थी. क्रिएटिव झुकाव और कोई अन्य स्किल नहीं होने के कारण उन्होंने ऑनलाइन टैटू मशीनें मंगवाईं और इंस्टाग्राम पेज से शुरुआत की.

उन्होंने कहा उनके सभी क्लाइंट यहीं से आते हैं.

हसन ने कहा, “मैंने अपने भाई से कुछ पैसे उधार लिए और जहांगीर चौक में एक कमरा किराए पर लेकर अपना स्टूडियो शुरू किया. एक बार जब मैंने शुरुआत की, तो यह कभी नहीं छूटा. मेरे क्लाइंट आते रहे.”

शुरुआत में वे एक दिन में एक टैटू बनाते थे; अब वे दो, तीन, कभी-कभी चार भी बनाते हैं. उन्होंने गर्व से कहा, “मैंने टैटू बनाने का कोई कोर्स नहीं किया है. मैं नेचुरल आर्टिस्ट हूं.”

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब, दिल्ली, संयुक्त राज्य अमेरिका और जम्मू-कश्मीर के लगभग सभी जिलों से क्लाइंट उनके पास आते हैं.

अहमद हसन की टैटू शॉप का सीक्रेट गेट. उनका कहना है कि ज़्यादातर क्लाइंट उनके पास इंस्टाग्राम के ज़रिए आते हैं | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट
अहमद हसन की टैटू शॉप का सीक्रेट गेट. उनका कहना है कि ज़्यादातर क्लाइंट उनके पास इंस्टाग्राम के ज़रिए आते हैं | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट

उन्होंने कहा, “एक बार थाईलैंड के एक क्लाइंट ने मेरा काम देखने के बाद मुझे असली हीरा दिया. मैंने ऑनलाइन कीमत चेक की. इसकी कीमत 98,000 रुपये है.”

जब उन्होंने शुरुआत की, तो हसन उनका खुद का विज्ञापन था. उन्होंने खुद पर कई हैरी पॉटर टैटू बनवाए.

उन्होंने कहा, “मैंने हैरी पॉटर फ्रैंचाइज़ की कुछ फिल्में देखी हैं और मुझे यह किरदार पसंद आया, इसलिए मैंने खुद पर टैटू बनवा लिया. इसे देखने के बाद, कई अन्य लोगों ने भी मुझसे यही टैटू बनवाया.”

बाद में उन्होंने स्किन इन्फेक्शन के कारण उसे हटा दिया, लेकिन अपनी स्किनव को बिना सजाए नहीं छोड़ना चाहते.

उन्होंने कहा, “मैं पुराने टैटू के निशानों पर और टैटू बनवाऊंगा.”

(इस ग्राउंड रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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