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Sunday, 17 November, 2024
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रेवंत रेड्डी होंगे तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने विधायकों के प्रस्ताव पर लिया फैसला

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ''कांग्रेस अध्यक्ष ने तेलंगाना विधायक दल के नए सीएलपी के रूप में रेवंत रेड्डी को चुनने का फैसला किया.''

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नई दिल्ली : तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी को पार्टी विधायक दल का नेता बनाने का फैसला हुआ है, जो प्रदेश के नये मुख्यमंत्री होंगे. तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर पहुंचे हैं. वह 7 दिसंबर को तेलंगाना के सीएम पद की शपथ लेंगे.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ”कांग्रेस अध्यक्ष ने तेलंगाना विधायक दल के नए सीएलपी के रूप में रेवंत रेड्डी चुनने का फैसला किया.”

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि विधायकों द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रेड्डी के नाम का फैसला किया.

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के गठन के बारे में जानकारी बाद में दी जाएगी.

तेलंगाना में नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की सोमवार को बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया गया था.

कौन हैं रेवंत रेड्डी?

रेवंत रेड्डी कांग्रेस की जीत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद के अब सबसे बड़े दावेदार थे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मेंबर के रूप में अपना राजनीतिक करिअर शुरू करने वाले रेवंत रेड्डी ने राज्य में पार्टी को जिताकर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली.

उस्मानिया विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ले चुके रेवंत रेड्डी ने अपने छात्र जीवन में एबीवीपी से छात्र राजनीति की शुरुआत की. साल 2007 में रेवंत रेड्डी एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में एमएलसी चुने गए. बाद में वह तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हो गए और साल 2009 में उन्होंने टीडीपी उम्मीदवार के रूप में आंध्र प्रदेश की कोडांगल विधानसभा सीट से चुनाव जीता. साल 2014 में उन्होंने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में 46.45 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की. साल 2017 में वह टीडीपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. साल 2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़े लेकिन तत्कालीन टीआरएस (बीआरएस) उम्मीदवार से चुनाव हार गए. यह किसी भी चुनाव में उनकी पहली हार थी. साल 2019 के आम चुनाव में उन्होंने मल्काजगिरी से लड़ा और 10 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीत गए. इसके बाद साल 2021 में एन उत्तम कुमार रेड्डी की जगह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया.

हालांकि, शुरुआत में उनकी कार्यशैली की प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने जमकर आलोचना की. हालांकि, पार्टी आलाकमान ने उनका समर्थन जारी रखा और उन्हें राज्य के एक बड़े चेहरे के रूप में पेश किया. रेवंत रेड्डी ने भी इसका जमकर फायदा उठाया और केसीआर सरकार के फैसलों की जमकर आलोचना की. इसके लिए उन्हें राज्य में ‘टॉर्च बियरर’ (मशाल लेकर आगे चलने वाला) नाम भी दिया गया था.

चुनाव जीतने के बाद रेड्डी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह लोगों का जनादेश है. हमें पोस्टमॉर्टम करने की जरूरत नहीं है. सब कुछ ठीक रहता है, तभी आपको वह जादुई नंबर मिलेगा. सीधी बात यह है कि वे (लोग) बदलाव चाहते थे. वे केसीआर (के. चंद्रशेखर राव) को हराना चाहते थ. उन्होंने केसीआर को हरा दिया है. बस इतना ही.”

मुख्यमंत्री पद के प्रबल उम्मीदवार माने जा रहे रेड्डी ने चुनाव में कांग्रेस के सहयोगियों, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और तेलंगाना जन समिति को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास प्रगति भवन का नाम बदलकर ‘प्रजा भवन’ कर दिया जाएगा.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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