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Sunday, 3 November, 2024
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बजरंग दल को बैन करने के कांग्रेस के वादे पर PM का हमला, BJP की कर्नाटक में हनुमान चालीसा पाठ की योजना

राज्य में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही BJP अपने हिंदू वोट आधार को मजबूत करने के लिए बजरंग दल के मुद्दे का इस्तेमाल कर रही है. कांग्रेस ने कहा है कि भगवान हनुमान और बजरंग दल की तुलना नहीं की जा सकती.

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बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के चुनावी घोषणापत्र में भगवान हनुमान का कथित रूप से अपमान करने के लिए कांग्रेस पर हमला करने के कुछ दिनों बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में कांग्रेस को घेरने की कोशिशें बढ़ा दी हैं.

बीजेपी ने बुधवार को घोषणा की कि उसने अपने कैडर को निर्देश दिया है कि वह गुरुवार शाम कर्नाटक के मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए इकट्ठा हों.

कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में हिंदुत्व समूह बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से की थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस तरह के संगठनों ने समुदायों के बीच “दुश्मनी को बढ़ावा दिया”, पार्टी ने संगठन पर प्रतिबंध लगाने सहित निर्णायक कार्रवाई का भी ऐलान किया था.

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की युवा शाखा बजरंग दल को कथित तौर पर पूरे कर्नाटक में हनुमान चालीसा पाठ आयोजित करने के लिए भाजपा ने संगठित किया है. संगठन की कर्नाटक के तटीय और मलनाड क्षेत्रों में बहुत पैठ है.

भाजपा की योजना की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक चुनाव प्रबंधन समिति की संयोजक शोभा करंदलाजे ने मीडिया से कहा, “सोनिया और राहुल (गांधी) को जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी ने बजरंग बली को गाली क्यों दी. कांग्रेस मुस्लिम वोटों के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. ये है कांग्रेस पार्टी का ट्रैक रिकॉर्ड. उन्होंने पहले राम को गाली दी और अब वे हनुमान को गाली दे रहे हैं.”

कर्नाटक के विजयनगर जिले में मंगलवार को भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, “कांग्रेस ने पहले भगवान राम को ताले में बंद कर दिया था और अब वो ‘जय बजरंग बली’ का नारा लगाने वालों को बंद करना चाहती है.”

अगले दिन पार्टी कैडर को और अधिक प्रेरित करने के लिए, मोदी ने “भारत माता की जय” के नारे के साथ कर्नाटक भर में सभी तीन जनसभाओं को संबोधित करते हुए “जय बजरंग बली” का नारा बुलंद किया.

एक रैली के दौरान, उन्होंने लोगों से अपने फोन पर टॉर्च जलाकर अपना समर्थन दिखाने का अनुरोध किया और कहा, “कृपया अपना वोट डालें और वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करते समय ‘जय बजरंग बली’ का नाम लेना न भूलें.”

दिप्रिंट से बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “वह कांग्रेस थी जिसने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करके ‘बजरंग बली’ का मुद्दा उठाया था. आप पीएफआई की तुलना बजरंग दल से कैसे कर सकते हैं? कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति के जरिए अल्पसंख्यक वोट तलाश रही है. बाटला एनकाउंटर के बाद रोने वाली कांग्रेसी नेता था, अब वे बजरंगियों को अपमानित करना चाहते हैं.”

2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ के दौरान, दिल्ली पुलिस ने एक सशस्त्र अभियान चलाया था, जिसके दौरान आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य मारे गए थे. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मारे गए आतंकवादियों की तस्वीरें देखकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी कथित तौर पर “फूट-फूट कर रोई” थीं.

कांग्रेस ने मोदी के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भगवान हनुमान और बजरंग दल की बराबरी नहीं की जा सकती.

कर्नाटक के प्रभारी कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “भगवान हनुमान ने पवित्रता को दर्शाया है, भगवान हनुमान ने श्रद्धा और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया है, भगवान हनुमान सेवा और बलिदान के प्रतीक हैं. भगवान हनुमान की तुलना किसी व्यक्ति या संगठन से करना अपमान है और पीएम हनुमान जी के लाखों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं.”


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‘तुष्टीकरण की राजनीति कर रही कांग्रेस’

बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने हालांकि, कहा, “कांग्रेस के शासन के दौरान, सोनिया गांधी के निर्देश पर, यह कहा गया था कि रामायण काल्पनिक है, कि राम का अस्तित्व नहीं है. वही पार्टी जिसने राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं किया था, अब बजरंग बली को अपमानित करना चाहती है… वे (पीएफआई को बचाने के लिए) हर संभव प्रयास कर रहे हैं. यह तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है.”

उन्होंने कहा कि ‘भगवा आतंक’ शब्द सोनिया गांधी और कांग्रेस ने गढ़ा था, उन्होंने कहा कि भगवा वस्त्र पहनने वाले लोगों को आतंकवादी करार दिया गया था. उन्होंने कहा, “अब वे बजरंगबली के भक्तों को जेल में डालना चाहते हैं.”

केंद्र सरकार ने पिछले साल “वैश्विक आतंकी संगठनों” के साथ कथित संबंधों के लिए पीएफआई और उसके सहयोगियों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया था.

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि कांग्रेस का घोषणापत्र ऐसा लगता है जैसे इसे “पीएफआई द्वारा प्रचारित” किया गया हो.

इसके अलावा, कांग्रेस पर हमले में वीएचपी ने भाजपा का साथ दिया. ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो बयान में, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा. “बजरंग दल एक ऐसा संगठन है जो निस्वार्थ रूप से राष्ट्रीय हित और सामाजिक हित के लिए समर्पित है. … (हमारे) स्वाभिमानी कार्यकर्ता इस्लामी चरमपंथ के विस्तार में बाधा डालते रहे हैं.”

इस बीच, पीएम मोदी ने “आतंकवाद का समर्थन” करने के लिए कांग्रेस पर अपना हमला जारी रखा.

उन्होंने कहा, “कर्नाटक के लोगों को कांग्रेस के इतिहास को नहीं भूलना चाहिए…इसने हमेशा आतंकवाद को बढ़ावा दिया है. वे हमेशा आतंक और आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते रहे हैं.”

मंगलवार को चित्रदुर्ग में मोदी ने एक जनसभा में याद किया कि कैसे कांग्रेस ने 2019 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया था और “रक्षा बलों की क्षमताओं पर सवाल उठाए थे”.

बाद में कर्नाटक के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने दिप्रिंट को बताया कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल का उल्लेख करके “अपना लक्ष्य” बनाया है.

उन्होंने कहा, “कांग्रेस के हिंदू विरोधी रुख को दिखाने के लिए कई उदाहरण हैं…राम सेतु सुनवाई के दौरान कांग्रेस सरकार ने कहा कि रामायण काल्पनिक है…उन्होंने राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे.”

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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