scorecardresearch
Saturday, 20 September, 2025
होमएजुकेशनNEET-UG को ऑनलाइन करने के असर की समीक्षा कर रहा है शिक्षा मंत्रालय

NEET-UG को ऑनलाइन करने के असर की समीक्षा कर रहा है शिक्षा मंत्रालय

सरकार की बनाई पैनल, जिसकी अगुवाई इसरो के पूर्व प्रमुख ने की थी, ने सिफारिश की थी कि NEET-UG जैसी परीक्षाएं ऑनलाइन हों और परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों का आधार से बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाए.

Text Size:

नई दिल्ली: सरकार द्वारा बनाई गई एक पैनल की सिफारिशों के आधार पर NEET-UG जैसे एग्जाम को ऑनलाइन फॉर्मेट में ले जाने के लिए शिक्षा मंत्रालय मौजूदा डिजिटल ढांचे का विश्लेषण कर रहा है और दूसरे एंट्रेंस एग्जाम में कंप्यूटर-आधारित टेस्टिंग के असर की समीक्षा कर रहा है. यह जानकारी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी.

सात सदस्यीय पैनल, जिसकी अगुवाई भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व चेयरमैन के. राधाकृष्णन ने की, जून में बना था. यह तब बना जब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (अंडरग्रेजुएट) या NEET-UG में गड़बड़ियों के आरोप लगे थे.

मेडिकल प्रवेश परीक्षा पर पेपर लीक और नकल के आरोप लगे थे. इसकी वजह से काउंसलिंग की प्रक्रिया करीब दो महीने तक टल गई और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के कामकाज पर सवाल उठे, जो इन परीक्षाओं को आयोजित करती है.

दिसंबर की रिपोर्ट में, पैनल ने NTA के कामकाज में सुधार और प्रवेश परीक्षा कराने के तरीके पर सुझाव दिए. इसमें पेपर-पेंसिल टेस्टिंग (PPT) से कंप्यूटर-आधारित टेस्टिंग (CBT) की ओर धीरे-धीरे बदलाव की सिफारिश की गई. साथ ही यह भी कहा गया कि खासतौर पर दूरदराज और पिछड़े इलाकों में आने वाली चुनौतियों को दूर करना होगा.

मंत्रालय डेटा का विश्लेषण कर रहा है और इसे स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपेगा, जो अंतिम फैसला लेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने द प्रिंट को बताया, “हम दो सेट के डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं—पहला देश में डिजिटल ढांचा, ताकि इस बदलाव के लिए तैयारी का आकलन किया जा सके. दूसरा, कंप्यूटर-आधारित फॉर्मेट में बदलने का असर, जैसा कि दूसरे प्रवेश परीक्षाओं जैसे JEE में हुआ.”

अधिकारी ने कहा कि असर का विश्लेषण करते समय खास ध्यान रखा जाएगा कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के छात्र प्रभावित न हों. अधिकारी ने कहा, “NEET देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है. इसमें JEE या किसी और परीक्षा से दोगुने से ज्यादा छात्र शामिल होते हैं. इसलिए कोई भी फैसला इसे ध्यान में रखकर लिया जाएगा. हम डेटा स्वास्थ्य मंत्रालय को देंगे और वही अंतिम फैसला लेगा.”

2026 से आधार-आधारित बायोमेट्रिक

राधाकृष्णन पैनल ने यह भी सिफारिश की थी कि धोखाधड़ी रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों का आधार-आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाए. इस साल NTA ने इस सिफारिश का पायलट टेस्ट किया.

यह सिफारिश 2026 से पूरी तरह लागू होगी. अधिकारी ने कहा, “अगले साल से पूरे देश के सभी केंद्रों पर आधार-आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा. हम इस पर काम कर रहे हैं.”

मंत्रालय के अधिकारियों ने यह भी कहा कि एक और कमेटी, जो जून में बनी थी, छात्रों की कोचिंग सेंटरों पर निर्भरता कम करने के लिए औपचारिक शिक्षा में मौजूद खामियों का विश्लेषण कर रही है.

पैनल कक्षा 12 के बाद होने वाली सभी प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण कर रहा है.

एक मंत्रालय अधिकारी ने कहा, “हमने पहले ही बैठक की है. हम प्रश्न पत्रों की कठिनाई स्तर का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि समझ सकें कि वे कैसे बनाए जाते हैं और क्या वे कक्षा 12 के सिलेबस के अनुरूप हैं या उससे अलग.”

share & View comments