नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऊंचा कट-ऑफ रखने के विरोध में छात्र संगठनों से सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन के विरोध में यहां प्रदर्शन किया.
क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) और वाम-समर्थित स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया.
संगठनों ने आरोप लगाया कि ऊंचा कट-ऑफ रखने से बड़े निजी स्कूलों के छात्रों को लाभ होता है.
उन्होंने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता बरतने की आवश्यकता है.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने शनिवार को स्नातक प्रवेश की पहली कट-ऑफ सूची जारी की थी जिसमें महिलाओं के लेडी श्रीराम कालेज में ऑनर्स विषयों के तीन पाठ्यक्रमों के लिए प्राप्तांक की सीमा सौ प्रतिशत तय की गई थी.
स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सौ प्रतिशत प्राप्तांक की सीमा पांच साल के अंतराल के बाद तय की गई है.
केवाईएस की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि संगठन के कार्यकर्ताओं ने भेदभाव प्रदर्शित करने वाली कट-ऑफ सूची का पुतला फूंका और इसे समाप्त करने की मांग की.
उन्होंने कहा, ‘बड़े निजी स्कूलों के छात्रों द्वारा प्राप्तांक के आधार पर यह कट ऑफ निर्धारित किया गया है जिससे समाज के हाशिये पर पड़े वर्ग के छात्रों को स्तरीय उच्च शिक्षा से वंचित रखा जा सके. यह इसलिए किया गया है ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र सरकारी विश्वविद्यालय न पहुंच सकें.’
विरोध के दौरान केवाईएस के प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि केवाईएस के बीस सदस्य उत्तरी परिसर में स्थित कला संकाय पर प्रदर्शन कर रहे थे.
अधिकारी ने कहा, ‘जाने से मना करने पर, उनमें से आठ को हिरासत में ले लिया गया। उन्हें मौरिस नगर पुलिस थाने ले जाया गया.’
इस बीच एसएफआई ने विश्वविद्यालय के कुलपति को ‘भेदभाव और अन्याय पूर्ण तरीके से स्नातक प्रवेश के लिए ऊंचा कट-ऑफ रखने’ पर एक ज्ञापन सौंपा.’