सांगली: एववांस्ड एआई तकनीक और ह्यूमन स्पेशलाइज़ेशन को मिलाकर काम करने वाली GTT डेटा सॉल्यूशंस ने सांगली में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की घोषणा की है. कंपनी ने अपने रजिस्टर्ड ऑफिस को कोलकाता से सांगली में शिफ्ट करने के साथ ही, स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स को नौकरी देने का टारगेट तय किया है. फिलहाल, GTT डेटा में कुल 700 वर्कर्स हैं, जिनमें से 70 सांगली के सेंटर में काम करते हैं. कंपनी अगले तीन सालों में सांगली में वर्कर्स की संख्या को 500 तक पहुंचाने की प्लानिंग बना रही है.
सांगली में लगभग 18 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जो आईटी इंडस्ट्री के लिए नई संभावनाओं का खज़ाना हैं. GTT डेटा का मानना है कि स्थानीय युवाओं को नौकरी देने से न केवल उनके टेलेंट का बेहतर यूज़ होगा, बल्कि महानगरों की ओर होने वाला पलायन भी रुकेगा. इससे सांगली में स्थायी और समृद्ध आईटी हब बनने का रास्ता साफ होगा. आईटी नौकरियों से लोकल अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी और सहायक उद्योग भी बढ़ेगा.
यह कदम उन रुझानों के अनुरूप है, जिनके तहत 2023 से 2024 के बीच टियर 2 और 3 शहरों में नियुक्तियों में 25-35% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
GTT डेटा के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज सामानी ने कहा, “हमारा सांगली में पहले से एक डेवेलपमेंट सेंटर है, हम उसका एक्सपेंशन चाहते हैं. हमारा गोल है कि लोकल इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को नौकरियों के अच्छे मौके उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें महानगरों की ओर न जाना पड़े.”
कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस का सांगली में शिफ्ट होना इसके पुराने जुड़ाव का कारण है. GTT डेटा के कई शुरुआती इन्वेस्टर्स सांगली से ही जुड़े हैं और इसके कई सीनियर ऑफिसर भी यहीं से ताल्लुक रखते हैं. GTT डेटा का यह कदम विकसित भारत मिशन के अनुरूप भी है, जो छोटे शहरों को तकनीकी और आर्थिक विकास का हब बनाने पर जोर देता है.
सांगली में पहले से ही 20-25 टेक कंपनियां एक्टिव हैं, जिन्हें लोकल फाउंडर्स चला रहे हैं.
GTT डेटा के सीईओ गोपाल पाटवर्धन ने कहा, “हमारा गोल लोकल कॉलेजों से टेलेंटेड युवाओं को चुनकर उन्हें इंडस्ट्री की ज़रूरतों के हिसाब से ट्रेनिंग देना है. तकनीकी स्किल के साथ-साथ हम उनके सॉफ्ट स्किल्स और कम्युनिकेशन स्किल को भी मज़बूत करना चाहते हैं, ताकि वह ग्लोबल आईटी इंडस्ट्री में सफलता पा सकें.”