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Saturday, 20 April, 2024
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मप्र शिक्षा मंडल के परिणाम से असंतुष्ट 14 हजार विद्यार्थी सोमवार को बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए

भोपाल के 12 वीं कक्षा के एक छात्र ने कहा कि वह इस बात से असंतुष्ट है कि इस साल उसका परिणाम उसके 10 वीं कक्षा के अंकों पर आधारित था.

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भोपाल: कोविड-19 महामारी के चलते मध्यप्रदेश में पिछले प्रदर्शन के आधार पर घोषित बोर्ड परीक्षा के परिणामों से संतुष्ट नहीं होने वाले 10वीं और 12 वीं कक्षा के लगभग 14 हजार विद्यार्थी सोमवार को बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए.

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के जनसंपर्क अधिकारी एस के चौरसिया ने सोमवार को पीटीआई भाषा को बताया कि प्रदेश सरकार ने उन छात्र छात्राओं के लिए सोमवार से एक विशेष वार्षिक परीक्षा आयोजित की है जो शैक्षणिक सत्र 2020-21 के 10वीं और 12वीं कक्षा में प्राप्त ग्रेड से नाखुश थे .

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मानदंडों के पालन के साथ यह परीक्षा की जा रही है.

अधिकारी ने कहा कि जो विद्यार्थी लंबे समय से स्कूल से अनुपस्थित थे या फेल हो गए थे उन्हें शारीरिक रुप से इस परीक्षा में बैठने का मौका दिया गया है, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है.

उन्होंने, ‘इस परीक्षा में मुख्य रूप से वे विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं जो प्राप्त ग्रेड से संतुष्ट नहीं हैं.’ चौरसिया ने कहा कि कोविड-19 की महामारी की दूसरी लहर के कारण प्रदेश में 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित नहीं की गई थीं, इसके बजाय विद्यार्थियों का मूल्यांकन उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर किया गया था.

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अधिकारी ने बताया कि कक्षा 12 वीं के विद्यार्थियों का मूल्यांकन कक्षा 10 वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर किया गया था जबकि कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों का मूल्यांकन उनके पिछले तीन सालों के स्कूल की आंतरिक परीक्षा के अंकों के आधार पर किया गया था.

भोपाल के 12 वीं कक्षा के एक छात्र ने कहा कि वह इस बात से असंतुष्ट है कि इस साल उसका परिणाम उसके 10 वीं कक्षा के अंकों पर आधारित था.

उसने कहा, ‘किसी छात्र को उसके पिछले प्रदर्शन के आधार पर आंकना ठीक नही है. पिछली बोर्ड (10 वीं) के बाद मैंने कठिन अध्ययन करना शुरु किया, इसलिए मुझे पता है कि मेरे ग्रेड में निश्चित तौर पर अब सुधार होगा.’ छात्र ने यह भी कहा कि वह जानता है कि यह एक जोखिम है क्योंकि यदि वह अच्छा स्कोर नहीं करता है तो उसे (शिक्षा में) काफी नुकसान हो सकता है.

अधिकारी ने कहा कि यदि अब परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र अच्छा स्कोर नहीं करते हैं तो उन्हें फेल घोषित कर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि 10 वीं और 12 वीं कक्षा के लगभग 18 लाख विद्यार्थियों के परिणाम उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर पहले घोषित किए गए थे.

उनमें से कक्षा 10 के लगभग नौ हजार और कक्षा 12 के पांच हजार विद्यार्थी सोमवार से परीक्षा में बैठ रहे हैं .

उन्होंने कहा कि दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं इस माह के अंत तक पूरी कर ली जाएंगी.


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