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Saturday, 21 December, 2024
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JNU के कुलपति एम. जगदीश कुमार को UGC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया

प्रोफेसर डी पी सिंह ने 65 वर्ष की आयु पूरी हो जाने पर यूजीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सात दिसंबर से यह पद खाली था। सिंह ने 2018 में यूजीसी अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था. यूजीसी के उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है.

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नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम. जगदीश कुमार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, कुमार को पांच साल की अवधि के लिए उच्च शिक्षा नियामक संस्था का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने एम जगदीश कुमार को पांच साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु का होने तक यूजीसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है.’

प्रोफेसर डी पी सिंह ने 65 वर्ष की आयु पूरी हो जाने पर यूजीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सात दिसंबर से यह पद खाली था. सिंह ने 2018 में यूजीसी अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था. यूजीसी के उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है.

पिछले वर्ष पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कुमार (60) वर्तमान में विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं. मंत्रालय ने अब तक जेएनयू में उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति नहीं की है. कुमार ने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह चुनौतीपूर्ण होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना मेरी प्राथमिकता होगी. जितनी जल्दी इसका क्रियान्वयन होगा हमारे लिए उतना बेहतर होगा. एनईपी के क्रियान्वयन के लिए मैं देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से मुलाकात करूंगा. एनईपी में बहुविषयक पाठ्यक्रम जैसे पहलू हैं, इसलिए हम इन पर काम करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार ने हाल के बजट में एक डिजिटल विश्वविद्यालय की घोषणा की है. सभी के लिए शिक्षा को सुलभ करने के वास्ते डिजिटल तकनीक पर काम करना भी मेरी प्राथमिकताओं की सूची में होगा.’


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साल 2016 के राजद्रोह विवाद, कई बार अपने कार्यालय की तालाबंदी से लेकर 2019 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री को जेएनयू के दीक्षांत समारोह स्थल पर छह घंटे से अधिक समय तक रोके जाने तक, विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कुमार का कार्यकाल विवादों से भरा रहा.

कुमार को जनवरी 2016 में जेएनयू का कुलपति बनाया गया था. उनकी नियुक्ति के ठीक एक हफ्ते बाद कुलपति के रूप में विवादों से उनका पहली बार तब सामना हुआ था, जब छात्रों ने संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर प्रशासन के साथ हंगामा किया.

इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग और संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले कुमार ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास से एमएस (ईई) और पीएचडी (ईई) की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने पहले आईआईटी खड़गपुर में सहायक प्रोफेसर और आईआईटी दिल्ली में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में काम किया है.


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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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