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Friday, 3 May, 2024
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टीचर्स को ट्रेनिंग देंगे हार्वर्ड एक्सपर्ट, मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर—राज्य कैसे लागू कर रहे नई शिक्षा नीति

केंद्र सरकार को दी प्रेजेंटेशन के मुताबिक, हरियाणा ने वंचित तबके की लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा की पहल की है, और कर्नाटक संस्थानों के प्रशासनिक पहलू में सुधार पर काम कर रहा है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश जहां अपने कॉलेज शिक्षकों को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों से ट्रेनिंग दिलाने की योजना बना रहा है, वहीं हरियाणा की कोशिश है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर अमल की योजनाओं के तहत वंचित तबके की छात्राओं को मुफ्त शिक्षा की सुविधा मुहैया कराए. दिप्रिंट को मिली जानकारी में यह बात सामने आई है.

इस सब पर दो बैठकों में चर्चा हुई, जिसमें पहली बैठक जून में धर्मशाला में हुई थी और दूसरी इसी माह की शुरूआत में दिल्ली में हुई. इस दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षा मंत्रालय को बताया कि नई शिक्षा नीति पर अमल को लेकर उनकी क्या-क्या योजनाएं हैं.

इन दोनों बैठकों में मौजूद रहे राज्यों के अधिकारियों और मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा पहल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की तरफ से की गई हैं.

सूत्रों ने बताया कि राज्यों की तरफ से सामने रखी गईं कुछ पहल पहले ही लागू हो चुकी हैं और कुछ लागू होने की प्रक्रिया में हैं और ये नई शिक्षा नीति के अनुरूप हैं.

29 जुलाई, 2020 को लागू नई शिक्षा नीति ऐसी ‘शिक्षा व्यवस्था पर केंद्रित है जो भारतीय परंपराओं और नैतिक मूल्यों के अनुरूप हो और शिक्षा ढांचे के सभी पहलुओं, रेग्युलेशन और गवर्नेंस समेत, में संशोधन और सुधार के साथ 21वीं सदी में पढ़ाई को लेकर आकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने वाली हो.’

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश ने अपने प्रेजेंटेशन में शिक्षा मंत्रालय को बताया कि वह अपने कॉलेज शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की मदद लेने की प्रक्रिया में है. इसके लिए राज्य सरकार अमेरिकी यूनिवर्सिटी के साथ एक एमओयू (सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर करेगी.

बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘राज्य ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में ई-कंटेंट स्टूडियो और इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की भी योजना बनाई है. उन्होंने उच्च शिक्षा क्षेत्र में लर्निग टेक्नॉलजी में सुधार पर काम करने की दिशा में खासी रुचि जाहिर की है.’

उन्होंने कहा, ‘कॉलेज तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों पाठ्यक्रमों में स्नातक छात्रों को अनिवार्य इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए भी काम करेंगे. यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के अनुरूप है.’


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हरियाणा

हरियाणा सरकार ने अप्रैल में लड़कियों को पोस्टग्रेजुएशन स्तर तक मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा की थी. एनईपी पर अमल की दिशा में इसे राज्य की तरफ से अपनी सबसे बड़ी योजना बताया गया है.

राज्य सरकार ने अपनी प्रेजेंटेशन में कहा कि वह वंचित तबके की और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आदि समुदायों से आने वाली लड़कियों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मार्च में घोषणा की थी कि राज्य भाषा की बाधा खत्म करने वाला देश का पहला राज्य होगा और अप्रैल से हिंदी में चिकित्सा और इंजीनियरिंग के स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करेगा.

अपने प्रेजेंटेशन में राज्य ने कहा कि वह कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कृषि और पर्यटन संबंधी जॉब-ओरिएंटेड कोर्स शुरू किए हैं.

कर्नाटक

कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण के मुताबिक, पहला कदम करिकुलम की रूपरेखा तैयार करना करना था. नारायण ने दिप्रिंट को फोन पर बताया, ‘कंटेंट को एनईपी की उम्मीदों और दिशा-निर्देशों के अनुसार डिजाइन किया गया और सभी यूनिवर्सिटी ने लर्निंग मेथड लागू किया.’

कर्नाटक अगस्त 2021 में एनईपी लागू करने वाला पहला राज्य बना था.

उच्च शिक्षा विभाग संस्थानों में गवर्नेंस और प्रशासनिक पहलुओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. नारायण ने कहा, राज्य इस संबंध में अपने यूनिवर्सिटी एक्ट में संशोधन कर रहा है. साथ ही बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधारों पर जोर देने वाला कर्नाटक स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट 2022 का मसौदा तैयार हो चुका है.

कर्नाटक स्टेट पब्लिक हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन बिल भी राज्य विधानसभा में पेश किए जाने के लिए तैयार है, जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों को पूर्ण स्वायत्तता देने, सरकारी नियंत्रण घटाने और उन्हें भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) की तर्ज पर कार्य करने देने का प्रस्ताव रखा गया है.


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आंध्र प्रदेश

एनईपी पर अमल करने को लेकर आयोजित बैठकों में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा कि वह वंचित तबके के छात्रों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें उनकी मदद करना शामिल है जो विदेशों में शिक्षा हासिल करना चाहते हैं.

जगन्नाथ विदेशी विद्या दीवेना योजना के तहत, सरकार योग्य उम्मीदवारों को पेशेवर और स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

जुलाई में मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने घोषणा की थी कि राज्य के सभी निजी स्कूल शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 25 प्रतिशत कोटा लागू करेंगे.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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