नई दिल्ली: संसद को दी गई कार्रवाई रिपोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कल्याण समिति ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपने शिक्षकों के बीच ओबीसी का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए बहुत कम काम किया है और सामाजिक न्याय की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता में ‘विफल’ रहा है
समिति ने यह भी कहा शिक्षा मंत्रालय ने ओबीसी उम्मीदवारों के लिए डीयू में साक्षात्कार रोकने के मुद्दे पर टाल मटोल वाला रवैया अख्तियार किया.
लोकसभा में बृहस्पतिवार को जमा कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डीयू जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से उम्मीद की जाती है कि वह देश के सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों का सशक्तीकरण और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा.’
उसमें कहा गया है, ‘समिति इस बात से दुखी है कि डीयू ने अपने शिक्षकों के बीच अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उचित प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए बहुत कम काम किया है और इस प्रकार सामाजिक न्याय की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता में विफल रहा है.’
समिति ने कहा कि डीयू में कुल 1,706 स्वीकृत पदों में से 75 ओबीसी शिक्षक हैं.
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