नई दिल्ली: कोविड महामारी के मद्देनज़र देशभर के छात्र जहां एक तरफ परीक्षाओं की तारीखों को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं वहीं इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने शनिवार को बताया कि वो सिर्फ फाउंडेशन कोर्स की परीक्षाओं की तारीख को आगे बढ़ा रहा है. सीए की बाकी फाइनल, इंटरमीडिएट और पीक्यूसी परीक्षा 5 जुलाई से ही होगी.
एक बयान जारी कर आईसीएआई ने कहा कि छात्रों के हितों और मुश्किलों को समझते हुए फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा की तारीख को बढ़ाकर 24 जुलाई, 2021 कर दी गई है. पहले ये परीक्षा 5 जुलाई को सीए की अन्य परीक्षाओं के साथ ही होने वाली थी. बड़ी तादाद में सीए के छात्र इसका विरोध कर रहे हैं और ट्विटर के जरिए अपनी बात रख रहे हैं.
आईसीएआई के अध्यक्ष सीए निहार निरंजन जंबूसराई ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि जिस तरह से कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, हम उम्मीद कर रहे हैं कि 30 जून तक स्थिति अच्छी हो जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल नवंबर में जब हमने परीक्षाएं कराई तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया. अगर 5 जुलाई से पहले स्थिति फिर से खराब हो जाती है तो एग्जामिनेशन कमिटी इस पर जरूर फैसला लेगी.’
‘इंस्टीट्यूट क्यों छात्रों की जिंदगी को खतरे में डालेगा.’
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‘क्या हम कोविड प्रूफ हैं?’
सीए फाइनल ईयर के एक छात्र अकाश सुराना ने दिप्रिंट को बताया, ‘इंस्टीट्यूट 5 जुलाई से फाइनल और इंटरमीडिएट की परीक्षा ले रहा है लेकिन महामारी को देखते हुए फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा उसने आगे बढ़ा दी.’
उन्होंने पूछा, ‘क्या फाइनल और इंटरमीडिएट के छात्र कोविड प्रूफ हैं ?’
आकाश ने बताया, ‘पैन इंडिया स्तर पर करीब 4-5 लाख छात्रों को सेंटर बेस्ड परीक्षा देनी होगी. हमारी मांग है कि परीक्षा से पहले वैक्सीनेशन की जाए. ये या ता आईसीएआई करे या हमें इसके लिए समय दें.’
‘लेकिन इंस्टीट्यूट ने पक्षपाती घोषणा कर दी. दूसरी लहर में छात्र भी कोरोना का सामना कर रहे हैं और अबकी बार ये जानलेवा है.’
सीए के छात्र ट्विटर पर परीक्षा को पोस्टपोन कराने की मांग कर रहे हैं.
एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, ‘आईसीएआई को छात्रों के हितों की नहीं पड़ी है….मालिक पोस्टपोन कर ही रहे थे…तो सीए इंटर और फाइनल का भी कर ही देते.’
एनएसयूआई के सोशल मीडिया हैंडल के नेशनल-इनचार्ज ने कहा, ‘आईसीएआई को एक जिम्मेदारी संस्था जैसा बर्ताव करना चाहिए. इस मुश्किल समय में परीक्षा लेना मानसिक तौर पर हर किसी के लिए आसान नहीं होगा. वैक्सीनेशन तक कम से कम रुकना चाहिए. छात्र परीक्षा के खिलाफ नहीं हैं वो इसके समय का विरोध कर रहे हैं.’
ICAI should behave like a responsible body this time. Giving exams in this tough times & handling metal pressure has become difficult for everyone. Atleast wait for the progress in large amount of vaccination. Students are not against exam they are against time of exam#icaiexams
— आज़ाद (@HarshBisaria) June 1, 2021
‘छात्रों के कैरियर को स्टैंडस्टिल नहीं रख सकते’
आईसीएआई के अध्यक्ष सीए निहार निरंजन ने दिप्रिंट को बताया, ‘कुछ 10-15% छात्र इसका विरोध कर रहे हैं. बाकी छात्र परीक्षा देना चाहते हैं. हम छात्रों का अहित नहीं चाहते.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे इंस्टीट्यूट से बड़ी संख्या में छात्र जुड़े हैं. अगर हम एग्जाम पोस्टपोन करते हैं तो यही परीक्षा अगले बैच के साथ करानी होगी जो काफी मुश्किल होगी.’
‘सुरक्षा कारणों के कारण हम ऑनलाइन मोड में परीक्षा भी नहीं ले सकते. आईसीएआई के पास 70 साल से भी ज्यादा की प्रतिष्ठा है, हम उसे भी खतरे में नहीं डाल सकते.’
सीए निहार ने बताया, ‘हम तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल की कोविड की स्थिति पर नज़र रख रहे हैं. हम भरोसा दिलाते हैं कि छात्रों को किसी मुश्किल में नहीं डालेंगे.’
‘हम इतने मुश्किल समय में अपना बेस्ट कर रहे हैं ताकि फाइनल ईयर के छात्रों का कैरियर शुरू हो जाए. हमारी कमिटी हर दिन कोविड की स्थिति पर नज़र रख रही है. अगर अच्छा वातावरण नहीं रहा तो हम इस पर उपयुक्त फैसला करेंगे.’
उन्होंने बताया, ‘फाइनल ईयर में करीब 1 लाख छात्र हैं, इंटर में 90 हजार और फाउंडेशन में 87 हजार छात्र हैं- कुल मिलाकर तीन लाख से ज्यादा छात्र है. हम तीन लाख छात्रों के कैरियर को स्टैंडस्टिल में नहीं रख सकते और न ही उन्हें खतरे में डाल सकते हैं.’
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एग्जाम सिटी बदल सकते हैं छात्र
एक बयान में आईसीएआई ने कहा कि इंटरमीडिएट, फाइनल और पीक्यूसी की परीक्षाएं 5 जुलाई और 20 जुलाई के बीच होगी. आईसीएआई ने कहा कि एग्ज़ाम सिटी बदलने के लिए 9 जून को 10 बजे से लेकर 11 जून तक विंडो खोली जाएगी.
24 जुलाई से शुरू हो रही फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा 30 जुलाई तक चलेगी. पेपर 1 और पेपर 2 की परीक्षा 3 घंटे की होगी जो दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक होगी. पेपर 3 और पेपर 4 की परीक्षा 2 बजे से 4 बजे तक होगी.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों एक उच्चस्तरीय बैठक की थी जिसमें सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया गया था. सीबीएसई के बाद आईसीएसई और कई राज्यों ने अपनी 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया. कोविड की दूसरी लहर के मद्देनज़र ये फैसला लिया गया था. इस लहर ने देश को काफी प्रभावित किया है.
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