नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी सरकार के उस निर्णय पर रोक लगा दी जिसमें उसके द्वारा वित्त पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 12 कालेजों के कर्मचारियों का बकाया वेतन देने के लिए छात्र निधि का इस्तेमाल करने को कहा गया था.
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश दिया.
याचिका में कहा गया था कि छात्र निधि का इस्तेमाल, छात्र कल्याण के अतिरिक्त और किसी काम के लिए नहीं किया जा सकता.
डूसू के वकील ने कहा कि निधि का इस्तेमाल शिक्षकों को वेतन देने के लिए नहीं किया जा सकता.दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी याचिका का समर्थन किया.
दिल्ली सरकार ने 16 अक्टूबर को आदेश दिया था कि उक्त 12 कालेज, अपने शैक्षिक तथा गैर शैक्षिक कर्मचारियों का बकाया वेतन, छात्र निधि से दें और यह राशि दो सप्ताह के भीतर जारी की जाये.
कालेज के कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है.