नई दिल्ली: शहर में बढ़ती उमस और गर्मी से कोई राहत न मिलने के बीच दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एक स्कूल में छात्रों को अस्थायी पोर्टकैबिन में पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
दिल्ली-फरीदाबाद सीमा के पास दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के मोलरबंद में स्थित सरकारी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्रों के लिए कोई बुनियादी सुविधा मौजूद नहीं है. अंग्रेजी अखबार दि टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, स्कूल अपने भवन के निर्माण का इंतिजार कर रहा है. इस मुद्दे पर स्कूल के प्रिंसिपल ने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया है.
Students study in makeshift portacabin schools being run by the Delhi Government in South East* Delhi's Molarband area due to a delay in the construction of new school facilities. pic.twitter.com/ZqGm4c1A7N
— ANI (@ANI) September 13, 2022
पोर्टकैबिन में स्कूल चलाए जाने की खबर तब सामने आई जब 12 सितंबर को अंग्रेजी अखबार ने रिपोर्ट दी कि उसी क्षेत्र के 11 सरकारी स्कूलों में 40,000 से अधिक छात्र इसी तरह की परिस्थितियों में पढ़ाई कर रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले चार सालों से, इन स्कूलों में कक्षाओं के लिए पोर्टकैबिन बने हुए हैं क्योंकि नए भवनों का निर्माण अभी भी पूरा नहीं हुआ है या उन्हें संस्थानों को नहीं सौंपा गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार के शिक्षा मॉडल की तारीफ करते रहे हैं. वे अपने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की प्रशंसा करते हुए उन्हें दुनिया में ‘बेस्ट शिक्षा मंत्री’ बताया है और दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में ‘क्रांतिकारी परिवर्तन’ करने के दावे किए हैं.
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