नई दिल्ली: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को बताया कि विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए, यह तय किया गया है कि नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा के पैटर्न में किए गए बदलाव ऐकडेमिक सेशन 2022-23 से लागू किए जाएंगे.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमू्र्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न की बेंच ने अडिशनल सॉलीसिटर जनरल एश्वर्या भाटी की दलीलों को रिकॉर्ड किया और उन विद्यार्थियों की याचिकाओं का निपटान किया जिन्होंने इस साल से नीट-सुपर स्पेशियलिटी के परीक्षा पैटर्न में बदलावों को लागू करने के केंद्र के पहले के फैसले को चुनौती दी थी.
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बेंच ने कहा कि परीक्षा के पैटर्न में किए गए बदलावों की वैधता के सवाल पर वह कुछ नहीं कह रही है.
वहीं, मंगलवार को शीर्ष अदालत ने केंद्र को ‘अपने तरीके में सुधार’ लाने का और नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 में किए गए बदलावों को वापस लेने पर निर्णय लेने का केंद्र को एक आखिरी मौका दिया था.
नाराज शीर्ष अदालत ने कहा था कि मेडिकल पेशा और शिक्षा एक बिज़नेस बन गया है, और अब, मेडिकल शिक्षा का नियमन भी उस तरह से हो गया है जो देश की त्रासदी है.
जुलाई में परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद अंतिम समय में बदलाव करने के लिए केंद्र, नेशनल बोर्ड एग्जामिनेशन (एनबीई) और नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की दी गई दलील से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं था.
अदालत उन 41 स्नातकोत्तर चिकित्सकों और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 13 और 14 नवंबर को होने वाली परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद कोर्स में अंतिम पलों में किए गए बदलाव को 23 जुलाई को चुनौती दी थी.
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