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Thursday, 25 April, 2024
होमएजुकेशनAICTE की 142 नए तकनीकी संस्थानों को मंजूरी, 10 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद इंजीनियरिंग की सीटें फिर से बढ़ीं

AICTE की 142 नए तकनीकी संस्थानों को मंजूरी, 10 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद इंजीनियरिंग की सीटें फिर से बढ़ीं

नए संस्थान उस एआईसीटीई क्लॉज के अंतर्गत आते हैं, जो एआई, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग आदि जैसे नए कोर्स शुरू करने वाले कॉलेजों को मंजूरी देता है.

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नई दिल्ली: देश में इंजीनियरिंग सीटों की कुल संख्या पिछले दस सालों में सबसे कम होने के बाद इस साल बढ़ी है. पिछले साल दिप्रिंट ने दस सालों में कम होती संख्या को लेकर खबर प्रकाशित की थी. दिप्रिंट को मिले आंकड़ों के मुताबिक, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इस साल 52 नए इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेजों को मंजूरी दी है. इससे इंजीनियरिंग की कुल सीटों की संख्या 23,93,820 तक पहुंच जाएगी. यह पिछले साल के 23,66,656 से थोड़ा ज्यादा है, जो पिछले 10 सालों में देश में इंजीनियरिंग सीटों की सबसे कम संख्या थी.

इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट और मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) सहित कुल 142 नए तकनीकी संस्थानों को शुरू करने की मंजूरी दी गई है. एआईसीटीई के सूत्रों के मुताबिक, नए तकनीकी संस्थानों के लिए मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और संस्थानों को सीटें बढ़ाने की सूचना दे दी गई है.

आंकड़ों से पता चलता है कि नए कॉलेजों के जुड़ने से इस साल देश में तकनीकी शिक्षा सीटों की कुल संख्या बढ़कर 35,27,422 हो जाएगी. इसमें इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, एमसीए और मैनेजमेंट कोर्स की सीटें शामिल हैं.

पिछले साल विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों में देश भर में दी जाने वाली सीटों की कुल संख्या लगभग 30 लाख थी, जो इस साल काफी बढ़ गई है. तकनीकी पाठ्यक्रमों में कुल सीटों में से ज्यादातर सीटें इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी स्ट्रीम से हैं.

एआईसीटीई के अप्रूवल ब्यूरो को इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और एमसीए पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले नए संस्थानों से 172 आवेदन प्राप्त हुए थे. इनमें से 142 कॉलेजों को शुरू करने की अनुमति दे दी गई है. नए प्रबंधन संस्थानों के लिए कुल 96 संस्थानों ने आवेदन किया था. इनमें से 80 को मंजूरी दी गई है.

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सूत्रों ने बताया कि इस साल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट खोलने की भारी मांग थी. दो साल पहले, एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग सीटों में कम दाखिला लेने का हवाला देते हुए किसी भी नए इंजीनियरिंग कॉलेज को अनुमति नहीं देने का फैसला किया था.

हालांकि, यह क्लॉज उन कॉलेजों को अनुमति देने की शर्त के साथ आया जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसे नए विषयों में पाठ्यक्रम पेश करते हैं. एआईसीटीई के अधिकारियों ने कहा कि इस साल जिन कॉलेजों को अनुमति दी गई है, वे नए विषयों में पाठ्यक्रम शुरू करने की कैटेगरी में आते हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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