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Friday, 22 November, 2024
होमडिफेंस'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए, फ्रांसीसी फर्म और HAL के बीच नया स्वदेशी हेलिकॉप्टर इंजन बनाने पर जोर

‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए, फ्रांसीसी फर्म और HAL के बीच नया स्वदेशी हेलिकॉप्टर इंजन बनाने पर जोर

एचएएल (HAL) लगभग 13 टन भार वाले ट्विन-इंजन, मल्टी-रोल, मल्टी-मिशन चॉपर पर काम कर रहा है, जिसे भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (IMRH) कहा जाता है, जिसमें Mi-17एस की तुलना में अधिक मजबूती होती है.

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नई दिल्ली: फ्रांसीसी रक्षा उपकरण निर्माता सफरान और भारत सरकार द्वारा संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) संयुक्त रूप से एक नया स्वदेशी विमान इंजन बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं जो भारत द्वारा स्वदेशी तौर पर मध्यम वजन वाले सैन्य हेलीकॉप्टर बनाने की योजना को और बल प्रदान करेगा.

आने वाले वर्षों में ये नए रोटरी (घूमते हुए पंखों वाले) हेलीकॉप्टर रूसी एमआई-17 परिवहन हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे. भारत द्वारा अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टरों के समकक्ष ही एक नए लड़ाकू हेलिकॉप्टर बनाये जाने की भी संभावना है.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि इन इंजनों का निर्माण विभिन्न प्रकार के मध्यम वजन के हेलीकॉप्टरों को संचालित करने के लिए किया जाएगा, जिनके आधार पर एचएएल वायु सेना, नौसेना और थल सेना की विमानन सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहा है.

उद्योग संघ फिक्की द्वारा शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पिछले सप्ताह फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के साथ उनकी बातचीत के दौरान इन इंजनों पर भी चर्चा हुई थी.

उनके बीच बातचीत का पूरा जोर फ्रांसीसी रक्षा उपकरण निर्माता कंपनियों को या तो भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग करने या भारत में ही अपना उत्पादन करने के लिए कहना था.

संगोष्ठी (सेमिनार) में भाग लेते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था, ‘मुझे यह कहते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि फ्रांसीसी सरकार इस बात के लिए सहमत हो गई है कि एक बड़ी फ्रांसीसी कंपनी शीघ्र भारत आएगी और एक भारतीय कंपनी के साथ रणनीतिक साझेदारी के तहत एक विमान इंजन का उत्पादन करेगी, जो फ़िलहाल अपने देश में नहीं बनता है.’

सूत्रों का कहना है कि उनका यह बयान हेलीकॉप्टर इंजन से संबंधित है और सफरान के साथ रणनीतिक साझेदारी करने वाली भारतीय कंपनी एचएएल ही है.

हालांकि सूत्रों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या यह निवेश उस ऑफसेट वाली शर्त का हिस्सा होगा जिसे सफरान को राफेल सौदे के हिस्से के रूप में पूरा करना है.

एचएएल वर्तमान में चेतक हेलिकॉप्टरों के अलावा एएलएच (लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर) और मल्टी-रोल (बहुउद्देशीय) एएलएच (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) बनाती है.

संयोग से, एएलएच और एएलएच दोनों ही आरडीडेन 1एच1 शक्ति इंजन द्वारा संचालित हैं, जिसे एचएएल और सफरान द्वारा साझा तौर पर विकसित किया गया है.

सूत्रों ने कहा कि यह एचएएल द्वारा प्राप्त किये गए लाइसेंस के आधार पर निर्मित किया जाता है, लेकिन नया इंजन रणनीतिक साझेदारी के तहत बनाया जाएगा, जिसमें प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण भी शामिल होगा.


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आईएमआरएच है भारत-फ्रांस सहयोग के पीछे का कारण

रक्षा सूत्रों ने बताया कि एचएएल लगभग 13 टन भार वाले ट्विन-इंजन (दो इंजन वाले), मल्टी-रोल (बहुद्देशीय), मल्टी-मिशन हेलिकॉप्टर पर काम कर रहा है, जिसे इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) के नाम से जाना जाता है.

यह हेलीकॉप्टर रूसी एमआई -17 हेलीकॉप्टरों के विभिन्न प्रकारों की जगह लेने वाला है, जो फ़िलहाल भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सबसे ज्यादा काम में आने वाले हेलीकॉप्टर हैं और वर्तमान में आईएएफ उनमें से लगभग 250 का संचालन कर रही हैं.

इन हेलीकॉप्टरों के पुराने संस्करणों को बदलने का काम चरणबद्ध तरीके से 2028 के आसपास शुरू किया जाना है, और इसके नवीनतम संस्करण, Mi-17 V5 (जो 2011 के बाद से शामिल किये गए हैं) को अंतिम चरण में बदला जायेगा.

सूत्रों ने कहा कि एचएएल एक ऐसे हेलीकॉप्टर के निर्माण पर विचार कर रहा है, जो एमआई-17 से अधिक सहनशक्ति वाला हो और जिसका इस्तेमाल परिवहन, वीवीआईपी लोगों की आवाजाही, तलाशी एवं बचाव सहित कई तरह के अभियानों के लिए किया जा सकेगा.

एचएएल भविष्य में एक मध्यम वजन का लड़ाकू हेलीकॉप्टर बनाने की भी योजना बना रहा है, जो वर्तमान में भारतीय वायुसेना में सेवारत अमेरिकी अपाचे की टक्कर का होगा.

यह भारतीय नौसेना, जिसे मध्यम वजन के हेलिकॉप्टरों की भी सख्त जरूरत है, के लिए आईएमआरएच का एक नौसैनिक संस्करण भी पेश करने जा रहा है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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