scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमडिफेंसCDS के रूप में जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू, इन नामों पर सरकार कर सकती है विचार

CDS के रूप में जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू, इन नामों पर सरकार कर सकती है विचार

चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के चयन के लिए कोई लिखित नियम नहीं हैं, और कोई पहले की मिसाल भी नहीं है जिसका पालन किया जाना है, इसलिए यह सरकार को ही तय करना है. फ़िलहाल संभावित नामों वाली फाइल तैयार की जा रही है.

Text Size:

नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उनकी सेवानिवृत्ति के तय समय से एक साल पहले बुधवार को उनकी अचानक मृत्यु के बाद रक्षा प्रतिष्ठान में एक बड़ी सी रिक्तता आ गई है.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों का कहना है कि इस सम्बन्ध में एक परामर्श प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और संभावित नामों वाली एक फाइल तैयार की जा रही है.

यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या तत्काल किसी नए सीडीएस की नियुक्ति की जाएगी या फिर औपचारिक नियुक्ति होने तक किसी सेवारत अधिकारी को वरिष्ठता के आधार पर अतिरिक्त प्रभार दिया जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि परिचालन की दृष्टि से सीडीएस की नियुक्ति की कोई तात्कालिक आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वर्तमान में सशस्त्र सेवाओं के लिए आवश्यक कार्यकारी शक्तियां उनके अपने-अपने प्रमुखों और कमांडरों के पास ही हैं.

सूत्रों ने यह भी कहा कि सीडीएस के चयन के लिए कोई लिखित नियम नहीं हैं और केवल उनके सेवानिवृत्ति की आयु, 65 वर्ष, निर्धारित की गई है. इसका मतलब यह है कि सीडीएस की नियुक्ति सरकार द्वारा किया गया चयन होगा और इसका पालन करने के लिए कोई अभी कोई पहले की मिसाल भी उपलब्ध नहीं है.

हालांकि, सरकारी सूत्रों ने दिवंगत जनरल रावत के संभावित उत्तराधिकारी के मसले पर चुप्पी साध रखी है.

लेफ्टिनेंट जनरल डी. बी. शेकाटकर (सेवानिवृत्ति), जिनकी दिसंबर 2016 में दी गई रिपोर्ट ने सीडीएस पद के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, ने दिप्रिंट को बताया कि उनकी रिपोर्ट में दी गयी सिफारिशों के आधार पर तीनों सेना प्रमुखों में से एक को नियुक्त किया जा सकता है.

शेकाटकर ने कहा, ‘इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया था और इसी अनुसार जनरल बिपिन रावत, जो तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ थे, सीडीएस बन गए थे.’ उन्होंने फिर से दोहराया कि सीडीएस के उत्तराधिकारी से संबंधित कोई लिखित नियम नहीं हैं.


यह भी पढ़ेंः निलंबित सांसदों ने जनरल बिपिन रावत के सम्मान में धरना एक दिन के लिए किया स्थगित


संभावित विकल्प

अगर वरिष्ठता को ध्यान में रखा जाए तो सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे, जिन्होंने 31 दिसंबर 2019 को जनरल रावत के बाद सेना प्रमुख का पद संभाला था, का नाम सीडीएस के पद के लिए सबसे आगे रहने की सम्भावना है.

हालांकि, यह सेना प्रमुख के रूप में उत्तराधिकार की स्वाभाविक योजना को प्रभावित करेगा, क्योंकि जनरल नरवणे अगले साल अप्रैल में ही सेवानिवृत्त होने वाले थे.

यदि अभी तत्काल किसी नए सेना प्रमुख की नियुक्ति करनी पड़ती है तो वरिष्ठता के आधार पर तीन अधिकारियों पर विचार किया जा सकता है – सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सी.पी. मोहंती, नॉर्दर्न आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वी.के.जोशी और लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला, जो सेना प्रशिक्षण कमान के प्रमुख हैं. स्वाभाविक क्रम में इन अधिकारियों को जनरल नरवणे से पहले सेवानिवृत्त हो जाना है.

अगर जनरल नरवणे को अभी ही सीडीएस नामित कर दिया जाता है तो ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पाण्डेय, जो अगले साल अप्रैल में नरवणे की सेवानिवृत्ति की तारीख आने पर सबसे वरिष्ठ अधिकारी होंगे, फ़िलहाल वरिष्ठता क्रम में चौथे स्थान पर होंगे.

यह पूछे जाने पर कि क्या किसी सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर नामित किया जा सकता है, लेफ्टिनेंट जनरल शेकाटकर ने कहा कि यह सरकार पर निर्भर करता है, लेकिन सेना प्रमुखों से कनिष्ठ किसी भी अधिकारी की नियुक्ति नई जटिलताएं और समस्याएं पैदा करेगा.

सरकार द्वारा हाल ही में सेवानिवृत्त हुए किसी सेना प्रमुख को नामित किए जाने की भी संभावना है, लेकिन इसका मतलब यह होगा कि कई प्रकार के नियमों को बदलना होगा.

सूत्रों ने बताया कि चूंकि सीडीएस केवल एक सलाहकार की भूमिका नहीं होते है, बल्कि उनका डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के सचिव के समकक्ष का पद भी होता है, अतः इस पर पर नियुक्ति की संभावना किसी सेवारत अधिकारी के पक्ष में ही है.

एक सूत्र ने कहा, ‘यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि इस बारे में सरकार क्या चाहती है. यहां कोई लिखित नियम या पहले की मिसाल नहीं है. यह सरकार द्वारा किया गया चयन होगा और हमें इंतजार करना और देखना होगा.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः ‘6600 घंटों की उड़ान, फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर’: कौन हैं बिपिन रावत हैलिकॉप्टर क्रैश की जांच करने वाले मानवेंद्र सिंह


 

share & View comments