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Friday, 3 May, 2024
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड LCA तेजस के लिए मलेशिया में पहला ओवरसीज मार्केटिंग ऑफिस खोलेगा

एचएएल हल्के लड़ाकू विमान तेजस के साथ-साथ रॉयल मलेशियाई वायु सेना के लिए Su-30s एयरक्राफ्ट और हॉक ट्रेनर विमान की सर्विसिंग के लिए नए व्यावसायिक अवसरों की ओर देख रहा है.

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नई दिल्ली: भारत सरकार की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) कंपनी ने गुरुवार को कुआलालंपुर में अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग और सेल्स ऑफिस खोलने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. एचएएल मलेशिया में हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के लिए एक संभावित सौदे पर नजर गड़ाए हुए है.

एचएएल के एक बयान में कहा गया है, ‘कुआलालंपुर में ऑफिस न सिर्फ सौदे को मजबूत बनाने के लिए एचएएल की क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि उसे रॉयल मलेशियाई वायु सेना (आरएमएएफ) की अन्य जरूरतों जैसे रूसी एसयू -30s और ब्रिटिश हॉक ट्रेनर एयरक्राफ्ट के अपग्रेडेशन और सर्विसिंग को पूरा करने में भी सक्षम बनाएगा.’

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब मलेशिया तेजस को रॉयल मलेशियाई वायु सेना के लिए फाइटर लीड-इन ट्रेनर (FLIT) विमान के रूप में देख रहा है.

मलेशियाई रक्षा मंत्रालय के अक्टूबर 2021 में एक ग्लोबल टेंडर जारी करने के बाद एचएएल ने 18 FLIT एलसीए की सप्लाई के लिए एक प्रस्ताव भेजा था. टेंडर के विजेता की जल्द ही घोषणा की जाएगी और एचएएल को जीत की पूरी उम्मीद है क्योंकि यह सभी तकनीकी पैरामीटर को पूरा कर रहा है.

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रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए, आरएमएएफ के Su-30s बेड़े की सर्विस मुश्किल हो गई है. बयान में कहा गया है कि चूंकि एचएएल Su-30s के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, इसलिए यह आसानी से मलेशिया तक अपनी सर्विसिंग क्षमताओं का विस्तार कर सकता है.

सूत्रों के मुताबिक, एचएएल Su-30s के लिए आरएमएएफ को स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति करने पर भी विचार कर रही है.

कुआलालंपुर में ऑफिस पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में एचएएल की सेवाओं का विस्तार करने के लिए एक आधार के रूप में कार्य करेगा और सिर्फ मलेशिया तक सीमित नहीं होगा.

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में स्थित यह ऑफिस पूरी तरह से मार्केटिंग और बिजनेस डवलपमेंट पर ध्यान देने वाला पहला ऑफिस होगा, लेकिन यह एचएएल का पहला अंतर्राष्ट्रीय ऑफिस नहीं है. इसके लंदन और मॉस्को में पहले से दो कार्यालय मौजूद हैं लेकिन ये मुख्य रूप से हॉक ट्रेनर विमान और रूसी लड़ाकू विमानों के मौजूदा सौदों के लिए संपर्क करने के लिए हैं.

एलसीए तेजस की संभावित बिक्री के लिए एचएएल मिस्र के साथ भी बातचीत कर रहा है. सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि भारत ने मिस्र में प्रोडक्शन फैसिलिटी स्थापित करने की पेशकश की है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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