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Friday, 20 December, 2024
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2017-2021 के बीच हथियारों का सबसे बड़ा आयातक था भारत, लेकिन आत्मनिर्भरता के बढ़ावे से आयात 21% गिरा

SIPRI की 2021 की ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल आर्म्स ट्रांसफर्स रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, सऊदी अरब, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन, 2017-21 की अवधि में दुनिया के 5 शीर्ष हथियार आयातक थे.

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नई दिल्ली: भारत भले ही रक्षा उपकरणों के मामले में आत्म-निर्भरता को बढ़ावा दे रहा हो- केंद्र सरकार ने 2022-23 के पूंजीगत बजट का 68 प्रतिशत घरेलू निर्माण इकाइयों के लिए रखा है- लेकिन देश अभी भी वैश्विक स्तर पर हथियारों का सबसे बड़ा आयातक बना हुआ है- ये ख़ुलासा स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की एक रिपोर्ट में किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का अधिकतर रक्षा आयात रूस से होता है.

लेकिन, सिपरी की इसी महीने प्रकाशित- ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल आर्म्स ट्रांसफर्स, 2021, के अनुसार, 2012-16 की अवधि से, भारत के कुल आयातों की मात्रा में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिसे हथियारों के स्वदेशी निर्माण को बढ़ावे के रूप में देखा जा सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 से 2021 के बीच, हथियारों के वैश्विक हस्तांतरण की कुल मात्रा, 2012-16 की अवधि से 4.6 प्रतिशत कम थी. लेकिन, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2017-21 के वैश्विक हथियार हस्तांतरण, 2007-11 की अवधि से 3.9 प्रतिशत अधिक थे.

2017-21 की अवधि में हथियारों के पांच सबसे बड़े आयातक थे- भारत, सऊदी अरब, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया, और चीन, जबकि इसी अवधि में हथियारों के पांच सबसे बड़े निर्यातक थे- अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी.

भारत और अन्य प्रमुख आयातक

सिपरी के अनुमानों के अनुसार, 2017-2021 के बीच कुल वैश्विक हथियार आयातों का 38 प्रतिशत, भारत, सऊदी अरब, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन के नाम रहा.

सिपरी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-2021 के बीच वैश्विक हथियार आयातों में, भारत की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत रही.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि चीन (एक ऐसा पड़ोसी जिसके साथ भारत के तनावपूर्ण रिश्ते हैं) की हिस्सेदारी क़रीब 4.8 प्रतिशत थी.

2012-16 और 2017-21 दोनों अवधियों में, रूस भारत को हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर था. लेकिन, दोनों अवधियों के बीच रूस से भारत के आयात में क़रीब 47 प्रतिशत की कमी आ गई.

इसी बीच, फ्रांस से भारत के आयात में काफी इज़ाफा हुआ है, जिससे इस अवधि में फ्रांस भारत को हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है.

रिपोर्ट में हथियारों के आयात के मामले में, सऊदी अरब को दूसरे स्थान पर रखा गया है, और विश्व आयातों में उसके प्रतिशत का अनुमान भी 11 प्रतिशत ही लगाया गया है- जितना भारत का है.

2017-21 के बीच सऊदी अरब हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक बन गया, और इस अवधि में उसने हथियारों के आयात की कुम मात्रा 27 प्रतिशत बढ़ा ली. सऊदी अरब के 82 प्रतिशत आयात अमेरिका से थे.

2017-21 के बीच की अवधि में, हथियारों के वैश्विक आयात में मिस्र की हिस्सेदारी 5.7 प्रतिशत थी, जबकि इसी अवधि के दौरान उनके आयात की मात्रा में, 73 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

हथियारों के चौथे सबसे बड़े हथियार आयातक ऑस्ट्रेलिया के आयात में, 2012–16 के मुकाबले 2017-21 के बीच, 62 प्रतिशत वृद्धि देखी गई. 2017-21 के दौरान हथियारों के वैश्विक आयातों में, ऑस्ट्रेलिया की हिस्सेदारी 5.4 प्रतिशत रही.

इस बीच, चीन के आयात 2012-16 और 2017-21 के बीच स्थिर (वैश्विक आयातों का 4.1 प्रतिशत) बने रहे. लेकिन, निकट भविष्य में चीन के आयातों के तेज़ी से कमी आने की संभावना है, क्योंकि सिपरी के अनुसार, उनका सैन्य-औद्योगिक परिसर अब अधिकतर हथियारों का निर्माण करने में सक्षम है.


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पांच बड़े निर्यातक

निर्यातों की बात आती है तो रिपोर्ट में कहा गया है, कि 2017-21 के बीच हथियारों के विश्व निर्यात का लगभग 77 प्रतिशत अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन, और जर्मनी के नाम रहा. जहां फ्रांस और अमेरिका के निर्यातों में वृद्धि देखी गई, वहीं 2017-21 के दौरान चीन और रूस से होने वाले निर्यात में कमी आई.

2017-21 की अवधि में, अमेरिका से होने वाले हथियारों के निर्यात में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस अवधि के दौरान हथियारों के विश्व आयात का 39 प्रतिशत अमेरिका से था, जो 2012-16 के मुकाबले 32 प्रतिशत अधिक था.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2017-21 के दौरान, अमेरिका ने रूस के मुक़ाबले 108 गुना अधिक हथियार निर्यात किए.

2017-21 की अवधि के दौरान, रूस से हथियारों के निर्यात में क़रीब 26 प्रतिशत की कमी आई. इस कमी के नतीजे में, 2017-21 के दौरान विश्व हथियार निर्यातों में, रूस की हिस्सेदारी गिरकर 19 प्रतिशत रह गई, जो 2012-2016 के बीच 24 प्रतिशत थी.

भारत, चीन, मिस्र और अल्जीरिया, रूसी हथियारों के लिए चार सबसे बड़े बाज़ार थे.

2017-21 में विश्व हथियार निर्यात में, फ्रांस की हिस्सेदारी क़रीब 11 प्रतिशत थी, जबकि 2012-16 के मुकाबले 2017-21 के दौरान उनके निर्यात में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. भारत, क़तर, और मिस्र, फांसीसी हथियारों के सबसे बड़े आयातक थे.

2017-21 में, विश्व हथियार निर्यात में चीन की हिस्सेदारी 4.6 प्रतिशत थी, जो 2012-16 की उसकी निर्यात हिस्सेदारी से 31 प्रतिशत कम थी. लेकिन, 2017-21 के दौरान चीन के 47 प्रतिशत निर्यात एक ही देश- हर मौसम के उनके दोस्त– पाकिस्तान को गए.

2017-21 की अवधि के दौरान, कुल विश्व निर्यात में जर्मनी के हथियारों की हिस्सेदारी 4.5 प्रतिशत थी. जर्मनी से होने वाले हथियारों के निर्यात की कुल मात्रा, 2012-16 से 19 प्रतिशत कम, और 2007-11 से 40 प्रतिशत कम थी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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