नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्त मंत्रालय द्वारा की जाने वाली मध्यावधि समीक्षा से पहले तीनों सेनाओं- थल सेना, नौसेना और वायु सेना – को खर्च में तेजी लाने और केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत आवंटित राशि खर्च करने का निर्देश दिया है.
रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राजनाथ सिंह ने सभी सशस्त्र बलों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अक्टूबर महीने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों को निर्धारित भुगतान को अग्रिम भुगतान के रूप में सितंबर में हीं दे दिया जाए.
यह निर्देश रक्षा मंत्री द्वारा पिछले हफ्ते तीनों सेना प्रमुखों, रक्षा सचिव और सचिव, रक्षा उत्पादन के साथ बजट समीक्षा किए जाने के बाद दिया गया है. इस बैठक के दौरान सेना प्रमुखों ने रक्षा मंत्री को उपकरणों की खरीद के उन विभिन्न मामलों के बारे में जानकारी दी, जिन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, और जो अभी भी विचाराधीन (पाइपलाइन में) हैं.
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय हर साल अक्टूबर में मध्यावधि समीक्षा करता है क्योंकि इसके बाद वह अगले वित्त वर्ष के बजट की योजना बनाना शुरू कर देता है.
एक सूत्र के बताया कि ‘इस साल तीनों सेनाओं को उपकरणों की खरीद (कॅपिटल प्रोक्यूर्मेंट) के लिए अधिक बजटीय आवंटन किया गया है. पूंजीगत और राजस्व व्यय दोनों के लिए बहुत सारी वित्तीय शक्तियां विकेंद्रीकृत भी की गई हैं और सेनाएं आवंटित राशि भी खर्च कर रही हैं. यहां आवंटित बजट के खर्च में तेजी लाना महत्वपूर्ण है.’
एक दूसरे सूत्र ने कहा कि आधुनिकीकरण कार्यक्रम को सफल करने हेतु खर्च पर अधिक जोर दिया गया है. खासकर उन मामलों में जिन्हें सीधे सेना मुख्यालय और कमांड द्वारा निपटाया जा सकता है.
दूसरे स्रोत ने यह भी कहा कि, ‘ऐसी कुछ परियोजनाएं भी हैं जो अपना निर्धारित समय लेती हीं हैं क्योंकि वे बड़े खर्च हैं और उन्हें एक प्रक्रिया से गुज़रना होता है. … तीनों सेनाओं को अपनी वित्तीय शक्तियों का उपयोग करते हुए जितना आवश्यक हो उतना खर्च करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.’
इस सूत्र ने बताया कि निर्धारित तिथि से पहले भी कुछ भुगतान अग्रिम भुगतान के रूप में दिए जा सकते हैं. लेकिन उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के भुगतान केवल रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को ही दिए जा सकते हैं, निजी कंपनियों को नहीं.
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रक्षा सौदे और शक्तियों का विकेंद्रीकरण
पिछले सप्ताह के दौरान, रक्षा मंत्रालय ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये मूल्य के दो बड़े अनुबंध (सौदे) किए हैं. इसमें 56 सी-295एम डब्ल्यू परिवहन विमान के लिए एयरबस के साथ अनुबंध और अर्जुन टैंक की खरीद शामिल है.
ज्ञात हो कि इस साल फरवरी में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 में सशस्त्र बलों के लिए पूंजीगत बजट (कैपिटल बजट) में लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की थी.
इसके बाद से इस वर्ष सरकार ने सशस्त्र बलों को प्रदान की गई वित्तीय शक्तियों के विकेंद्रीकरण के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. 17 फरवरी को इसने पूंजीगत खरीद हेतु तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 200 करोड़ रुपये तक की बढ़ी हुई वित्तीय शक्तियों को मंजूरी दी.
यह पहली बार था कि पूंजीगत खरीद के लिए नियमित वित्तीय शक्तियां, विशेष वित्तीय शक्तियों के विपरीत, उप-सेनाप्रमुख कार्यालय से नीचे के उस स्तर तक हस्तांतरित हुईं हैं, जो नए उपकरणों की खरीद से सीधे संबंधित है.
इस महीने की शुरुआत में, रक्षा मंत्रालय ने राजस्व खरीद (रेवेन्यू प्रोक्यूर्मेंट) के लिए भी सशस्त्र बलों की वित्तीय शक्तियों में विस्तार को मंजूरी दी ताकि परिचालन संबंधी तैयारियों के लिए खरीदारी करने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके.
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