नई दिल्ली: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारत की ओर चीन का सैनिक पकड़ा गया. यह सैनिक पैंगोग झील के दक्षिणी किनारे वाले इलाके में घुसा जिसे भारतीय सैनिकों ने हिरासत में ले लिया गया. घटना आठ जनवरी शुक्रवार की है.
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का सैनिक एलएसी लाघंकर भारतीय सीमा में घुस गया लेकिन वहां तैनात भारतीय सैन्य टुकड़ी ने उसे हिरासत में ले लिया. सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिक को रेजांग ला एरिया से पकड़ा गया है.
फिलहाल, हिरासत में लिए गए चीनी सैनिक के साथ बॉर्डर मैनेजमेंट संबंधी प्रक्रियाओं के मुताबिक निपटा जा रहा है और इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर किन परिस्थितियों में वह भारतीय सीमा में घुसा था. उधर, इस सैनिक के हिरासत में होने की खबर पीएलए को दे दी गई है
बता दें कि एलएसी पर पिछले साल जून में चीनी और भारतीयों सैनिकों पर हुई झड़प के बाद 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी. जिसके बाद भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर पर कई दौर की बात चीत हो चुकी है. चीन चाहता है कि पहले भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उन चोटियों से पीछे हट जाए जिनपर दिसंबर महीने में उसका कब्जा हुआ था. वहीं, भारत एलएसी पर अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल करने की मांग कर रहा है.
यह भी पढ़ें: लद्दाख में गर्मियों में फिर से तनाव-भरे दौर के लिए अपने मिसाइल हथियारों का भंडार बढ़ा रहा है भारत
किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए जमीनी स्तर पर संवाद कायम : एमईए
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन ने किसी भी ‘गलतफहमी और गलत आकलन’ करने से बचने के लिए जमीनी स्तर पर संवाद कायम रखा है. साथ ही, टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिए चर्चा जारी है.
सीमा विवाद पर चीन के साथ वार्ता की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की हालिया बैठक 18 दिसंबर को हुई थी.
उन्होंने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों पक्ष वरिष्ठ कमांडर स्तर की अगले दौर की बैठक करने पर सहमत हुए हैं. साथ ही, दोनों देश राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों से इस बारे में निरंतर संवाद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘इस बीच, दोनों पक्षों ने किसी भी गलतफहमी और गलत आकलन करने से बचने के लिए जमीनी स्तर पर संवाद कायम रखा है. साथ ही, शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिए टकराव वाले सभी इलाकों से मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक सैनिकों को पूरी तरह से हटाने को लेकर चर्चा जारी है.’
पिछले साल 18 दिसंबर को डब्ल्यूएमसीसी की एक वर्चुअल बैठक में दोनों पक्ष यथाशीघ्र पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) सहित टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की पूर्ण रूप से वापसी सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य जारी रखने पर सहमत हुए थे.
आठवें और पिछले दौर की सैन्य वार्ता गत वर्ष छह नवंबर को हुई थी, जिस दौरान दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को हटाने पर विस्तृत चर्चा की थी.
अधिकारियों के मुताबिक भारतीय थल सेना के करीब 50,000 सैनिक पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय स्थानों पर शून्य डिग्री सेल्सियस से भी नीचे के तापमान वाली परिस्थितियों में तैनात हैं. उल्लेखनीय है कि गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता का अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. चीन ने भी समान संख्या में अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं.
(स्नेहेश एलेक्स फिलिप और भाषा के इनपुट्स के साथ)
य़ह भी पढ़ें: राजनाथ की चीन को चेतावनी, बोले-‘भारत पहल नहीं करेगा लेकिन जो हमें छेड़ेगा हम उसे छोड़ेंगे भी नहीं’