नई दिल्लीः यूक्रेन और रूस के बीच आज 6ठें दिन युद्ध जारी है. रूस की सेना यूक्रेन पर भारी पड़ रही है. अमेरिका, कनाडा सहित तमाम यूरोपियन देश रूस के ऊपर प्रतिबंध तो लगा रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी देश ने यूक्रेन के साथ मिलकर रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा नहीं की है. इसके पीछे एक बड़ा कारण कहीं न कहीं ये है कि रूस की सेना न सिर्फ काफी ताकतवर है बल्कि परमाणु हथियारों से भी लैस है. ऐसे में अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो स्थितियां काफी भयावह हो सकती है.
दुनिया में सैन्य शक्ति की बात करें तो रूस, अमेरिका, चीन और भारत जैसे कुछ देश हैं जो कि सैन्य स्तर पर भी काफी मजबूत स्थिति में हैं और सामरिक रूप से भी इनका काफी महत्त्व है.
दुनिया में दूसरी सबसे ताकतवर है रूस की सेना
ग्लोबल फायरपावर की रिपोर्ट के मुताबिक रूस की सेना दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा ताकतवर है. रूसी सेना में इस वक्त करीब साढ़े आठ लाख जवान हैं जबकि फायर पावर के मामले में वह अमेरिका के बाद सबसे दूसरे स्थान पर है. इसके अलावा रूस में कॉन्सक्रिप्शन की भी व्यवस्था है यानी कि 18 से 33 साल के हर युवा को 12 महीनों के लिए सन्य सेवाएं देनी पड़ेंगी.
हथियारों की बात करें तो रूसी सेना के पास इस वक्त 12,420 टैंक, 30122 हथियारों से लैस वाहन, 4173 एयरक्राफ्ट, 772 फाइटर एयरक्राफ्ट, 544 अटैक हेलीकॉपटर्स, 605 नौसेना फ्लीट और 11 फ्रिगेट्स हैं. मिलिट्री बजट की बात करें तो रूस का मिलिट्री बजट 150 बिलियन डॉलर है.
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न्यूक्लियर हथियारों के मामले में अव्वल है रूस
रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर हथियारों का ज़खीरा मौजूद है. रूस के पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम है जो कि हजारों किलोमीटर की दूरी से मार कर सकती है. इस वक्त रूस के पास 6257, अमेरिका के पास 5550, यूके के पास 225, फ्रांस के पाल 290, चीन के पास 350, इजरायल के पास 90, पाकिस्तान के पास 165, इंडिया के पास 156 और नॉर्थ कोरिया के पास 40 न्यूक्लियर हथियार हैं.
वहीं यूक्रेन के पास इस वक्त कोई भी न्यूक्लियर हथियार नहीं है. साल 1991 में कोल्ड वॉर खत्म होने और सोवियत यूनियन के विघटन के बाद रूस ने काफी संख्या में न्यूक्लियर हथियार छोड़ दिया था लेकिन यूक्रेन ने अपने आपको न्यूक्लियर हथियारों से मुक्त देश बनाने का फैसला किया और न्यूक्लियर हथियारों का त्याग कर दिया.
दुनिया में सबसे ताकतवर है अमेरिकी सेना
अमेरिकी सेना में कुल 13 लाख 90 हजार ऐक्टिव पर्सनल हैं. खास बात है कि यूएस आर्मी में 16 फीसदी महिलाएं हैं. चीन की तरह अमेरिका भी अपनी सेना में लगातार बढ़ोत्तरी कर रहा है.
यूएस आर्मी के पास इस वक्त 6200 कॉम्बैट टैंक्स हैं. जो कि रूस और चीन की तुलना में कम हैं. लेकिन, अमेरिका के पास 39,200 हथियारों से लैस वाहन हैं जो कि रूस से ज्यादा हैं.
नौसेना की बात करें तो यूएस के पास लगभग एक लाख 86 हजार ऐक्टिव ड्यूटी मैरीन, करीब 20 हजार आर्मर्ड कैरियर और ट्रक, 400 एम 1 अबराम टैंक और 1300 एम्फीबिय असॉल्ट वीकल हैं.
ग्लोबल फायर पावर द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना दुनिया में नंबर वन है. अमेरिका अपनी सेना पर सालाना करीब 700 बिलियन डॉलर खर्च करता है. ग्लोबल फायर पावर के मुताबिक अमेरिका के पास 13,247 एयरक्राफ्ट, 1957 फाइटर्स और इंटरसेप्टर्स, 627 टैंक फ्लीट, 5463 हेलीकॉप्टर्स और 910 अटैक हेलीकॉप्टर्स, 6612 टैंक और 1366 रॉकेट प्रोजेक्टर्स हैं.
चीन के पास है दुनिया की सबसे बड़ी सेना
ग्लोबल फायर पावर की रैकिंग के मुताबिक चीन के पास दुनिया की तीसरे नंबर की सबसे ताकतवर सेना है. चीन, लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाता जा रहा है. चीनी सेना टजिक बॉम्बर, स्टेल्थ फाइटर जेट, युद्धपोत सहित कई तरह के आधुनिक हथियार भी विकसित कर रही है. अगर थल सेना में सैनिकों की संख्या की बात करें तो चीन नंबर वन है. हाल ही में चीन ने हाइपरसोनिक हथियार का परीक्षण किया जो कि अंतरिक्ष से एक साथ कई ठिकानों पर बम बरसा सकता है. चीन की सेना में करीब 22 लाख सैन्य कर्मी हैं जो कि ग्राउंड फोर्स, नेवी, एयर फोर्स, रॉकेट फोर्स और स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स में बंटे हुए हैं.
चीन के पास 5,250 टैंक, 35 हजार हथियारों से लैस वाहन और 3160 रॉकेट प्रोजेक्टर्स है. एयर पावर की बात करें तो चीन के पास 3285 कुल एयरक्राफ्ट और 1200 फाइटर इंटरसेप्टर्स हैं. चीन के पास 912 हेलीकॉप्टरस और 281 अटैक हेलीकॉप्टर्स हैं.
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भारत के पास भी हैं तमाम अत्याधुनिक हथियार
भारत की सेना दुनिया में चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा ताकतवर सेना मानी जाती है. भारत के पास साढ़े चौदह लाख ऐक्टिव मिलिट्री पर्सनल है है जो कि चीन के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है. लेकिन भारत के पास एंटी सैटेलाइट मिसाइल है जो कि दुनिया में कुछ गिने चुने देशों के पास ही है. भारत के अलावा यह सिस्टम अमेरिका, रूस और चीन के पास है. यह एक तरह का स्पेस हथियार है जो टैक्टिकल या ऑपरेशनल रीज़न से डिजाइन किए गए सैटेलाइट को अमान्य कर सकता है.
इसके अलावा भारत के पास सबमैरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल भी है जो पानी में सुरक्षित स्थान से दागी जा सकती है. इसकी रेंज 3500 किलोमीटर है. दुनिया में यह टेक्नॉलजी भी कुछ गिने चुने देशों के पास है. इसके अलावा भारत के पास अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 5 है जिसकी रेंज 5 हजार से 8 हजार किलोमीटर है. भारत का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ रुपये है. इसके अलावा भारत के पास 2182 एयरक्राफ्ट, 564 फाइटर एयरक्राफ्ट, 37 अटैक हेलीकॉप्टर्स और 4730 कॉम्बैट टैंक्स, 6 टैंक फ्लीट्स, 12000 आर्मर्ड वीकल और 1338 रॉकेट प्रोजेक्टर्स हैं.
9वें स्थान पर है पाकिस्तान
ग्लोबल फायर पावर की रैंकिंग के मुताबिक दुनिया की पांच सबसे बड़ी सैन्य ताकतें क्रमशः अमेरिका, रूस, चीन, भारत और जापान हैं. इस रैंक में पाकिस्तान इस साल 9वें स्थान पर और ब्राजील दसवें स्थान पर है. जबकि, पिछले साल पाकिस्तान 10वें स्थान पर था यानी कि उसने अपनी सेना को पिछले साल की तुलना में मजबूत किया है. पाकिस्तान का रक्षा बजट सालान 7 बिलियन डॉलर का है. इसके पास 1824 टैंक्स, 9950 आर्मर्ड टैंक्स और 560 रॉकेट्स हैं. वहीं ऐक्टिव पर्सनल की बात करें तो इनकी संख्या 6 लाख 40 हजार है. जो कि भारत की तुलना में आधे से भी कम है.
क्या है यूक्रेन की स्थिति
यूक्रेन की सेना में इन सब देशों से काफी पीछे है. ग्लोबल फायर पावर की रैकिंग के हिसाब से इसका स्थान 22वां है. यूक्रेन के पास ऐक्टिव सेना कर्मियों की संख्या 2 लाख है जो कि रूस की एक चौथाई है. इसके अलावा यूक्रेन के पास 2596 टैंक्स, 12303 हथियारों से लैस वाहन, 490 रॉकेट प्रोजेक्टर्स और 1 फ्रिगेट है. यूक्रेन के पास एक भी एयरक्राफ्ट कैरियर, हेलीकॉप्टर कैरियर या सबमैरीन नहीं है. डिफेंस बजट की बात करें तो यूक्रेन का डिफेंस बजट 11 बिलियन डॉलर का है.
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