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Thursday, 21 November, 2024
होमडिफेंसचीन ने शुरू की शिनजियांग क्षेत्र में बने पहले 'सुपर-हाई प्लैटो हवाई अड्डे' पर परीक्षण उड़ानें

चीन ने शुरू की शिनजियांग क्षेत्र में बने पहले ‘सुपर-हाई प्लैटो हवाई अड्डे’ पर परीक्षण उड़ानें

टैक्सकोर्गन हवाई अड्डा समुद्र तल से 3,250 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है. 3,800 मीटर लम्बे रनवे से लैस इस हवाई अड्डे को सालाना 1,60,000 यात्रियों को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

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नई दिल्ली: चीन की सरकारी मीडिया की ख़बरों के अनुसार उसने समुद्र तल से 3,250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित टैक्सकोर्गन में शिनजियांग क्षेत्र का ‘पहला सुपर-हाई हवाई अड्डा बनाने का दावा करते हुए वहां से परीक्षण उड़ानें शुरू कर दी हैं.

हाल फिलहाल में शिनजियांग प्रान्त मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए अंतरराष्ट्रीय रडार पर रहा है. चीन पर इस इलाके की उइगर आबादी और क्षेत्र में मौजूद अन्य ज्यादातर मुस्लिम जातीय समूहों के खिलाफ एक संभावित नरसंहार करने का आरोप लगाया जाता है.

चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार सुबह 9 बजे टैक्सकोर्गन हवाई अड्डे पर एक एयरबस ए319-115 विमान के उतरने के साथ ही परीक्षण उड़ानें शुरू हुईं. एक अन्य चीनी मीडिया माध्यम ‘पीपुल्स डेली’ ने उस विमान की एक तस्वीर साझा की जो पामीर पठार पर स्थित इस हवाई अड्डे पर उतरा था.

सिन्हुआ की खबर के अनुसार, समुद्र तल से 2,438 मीटर या उससे अधिक की ऊंचाई पर स्थित किसी भी हवाई अड्डे को ‘सुपर-हाई प्लाटौ’ हवाई अड्डा माना जाता है.

इस खबर में कहा गया है, ‘3,800 मीटर के रनवे (उड़ान पथ) से लैस इस हवाई अड्डे को 160,000 यात्रियों और 400 टन साजोसामान (कार्गो) और मेल की वार्षिक आवाजाही को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है.’


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सामरिक महत्व

चीन ने आगामी जुलाई में इस हवाई अड्डे के उद्घाटन की योजना के साथ परीक्षण उड़ानों की शुरुआत की घोषणा करके इसके पूरी तरह से तैयार होने की बात कही है – ये सब न केवल चीन के द्वारा किये गए अपनी तरह के पहले निर्माण का प्रतिनिधित्व करते हैं बल्कि यह सामरिक महत्व के रूप में भी एक मील के पत्थर की ओर इशारा करते हैं.

चीनी समाचार वेबसाइट ‘सीताओ’ के अनुसार, इस हवाई अड्डे का निर्माण कोविड महामारी के बीच 26 अप्रैल 2020 को शुरू हुआ था. इसने चीनी सरकार द्वारा अपनी तेरहवीं पंचवर्षीय योजना के हिस्से के रूप में 1.63 बिलियन युआन के निवेश के शानदार शुरुआत को भी चिह्नित किया था.

इसकी निर्माण अवधि के दौरान सिन्हुआ इसकी प्रगति के बारे में समय-समय पर न्यूज़ अपडेट (अद्यतन जानकारी) प्रदान करता रहा था. इसने एक बार जून 2020 में और फिर पिछले साल अगस्त में ऐसा किया था.

काराकोरम राजमार्ग पर स्थित, टैक्सकोर्गन ताजिकिस्तान के साथ लगी चीन की सीमा के पूर्व में और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत की राजधानी गिलगित से 200 किमी उत्तर में स्थित है.

गिलगित-बाल्टिस्तान से इस इलाके की निकटता को देखते हुए, टैक्सकोर्गन हवाई अड्डे को चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की ‘बुनियादी ढांचे के विकास की श्रृंखला’ का एक हिस्सा भी बताया जाता है.

जब चीन ने पहली बार अप्रैल 2015 में इस हवाई अड्डे के निर्माण की योजना की घोषणा की थी, तब-चीनी सहायक विदेश मंत्री लियू जियानचाओ ने भारत द्वारा उठाई गई चिंताओं को कम करके आंका था और उन्होंने कहा गया था कि इस हवाई अड्डे की योजना और समग्र सीपीईसी परियोजना ‘भारत और पाकिस्तान के बीच के विवाद से संबंधित नहीं है.’

इंडिया टुडे ने अप्रैल 2015 में इस शहर के बारे में की गई एक रिपोर्ट में कहा था, ‘चीन के 46 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे द्वारा शिनजियांग के काशगर को टैक्सकोर्गन के माध्यम से पीओके से लेकर अरब सागर के तट पर बने ग्वादर बंदरगाह तक जोड़े जाने के बाद टैक्सकोर्गन हवाई अड्डे ने अधिक अहमियत हासिल कर ली है. इस गलियारे में सड़क, रेल संपर्क के साथ-साथ पाइपलाइनों की भी परिकल्पना की गई है जो पश्चिम एशिया और अरब सागर से चीन द्वारा तेल आयात के लिए एक सीधा स्रोत प्रदान करते हैं.‘

थिंक टैंक ऑस्ट्रियन इंस्टीट्यूट फॉर यूरोपियन एंड सिक्योरिटी पॉलिसी (एआईइस) की निदेशक वेलिना त्चाकारोवा के अनुसार, टैक्सकोर्गन हवाई अड्डा चीन के लिए ‘एक महत्वपूर्ण दीर्घकालिक निवेश’ का प्रतिनिधित्व करता है.

त्चाकारोवा ने चीनी टीवी न्यूज नेटवर्क सीजीटीएन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारतीय थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के लिए एक व्यक्तिगत राय वाले ओपिनियन पीस में लिखा कि ‘शिनजियांग के उत्तर-पश्चिमी उइगर स्वायत्त क्षेत्र में स्थित पामीर पठार पर टैक्सकोर्गन हवाई अड्डे का निर्माण एक महत्वपूर्ण दीर्घकालिक निवेश है, क्योंकि टैक्सकोर्गन चीन का एकमात्र काउंटी-लेवल शहर है जो तीन देशों- ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान – की सीमा पर है.’

(इस खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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