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Saturday, 21 December, 2024
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सशस्त्र बलों को निगेटिव लिस्ट से मिली मोहलत, ‘तुरंत’ के मामलों में आयात कर सकते हैं वस्तुएं

जन. बिपिन रावत की अध्यक्षता में एक कमेटी, स्वदेशीकरण के प्रयासों की निगरानी करेगी, और ज़रूरत पड़ने पर चीज़ों को निगेटिव आयात सूची से हटाने की सिफारिश करेगी.

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नई दिल्ली: सशस्त्र बल अब कुछ परिस्थितियों में रक्षा उपकरण आयात कर सकेंगे, भले ही वो निगेटिव आयात लिस्ट में हों. इसमें वो स्थितियां शामिल हैं. जहां कोई ऐसी ‘तत्कालिक ज़रूरत’ है, जिसे घरेलू उद्योग पूरा नहीं कर सकता या किसी स्वदेशी उत्पाद में कमियां होने के कारण, सैनिकों की सुरक्षा दांव पर लगी होती है.

अब एक प्रावधान ये भी है कि निगेटिव आयात सूची में उल्लिखित आइटम्स की समीक्षा करके उन्हें सूची से हटाया भी जा सकता है. इस प्रावधान को अगस्त 2020 में लाया गया था.

रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि एक अधिकार-प्राप्त निगरानी समिति, रक्षा स्वदेशीकरण कमेटी (डीआईसी) का गठन किया जाएगा. ये कमेटी निगेटिव सूची पर अमल की निगरानी करेगी, जिसे अब ‘पॉज़िटिव स्वदेशीकरण सूची’ कहा जाता है, और स्वदेशीकरण के प्रयासों को बढ़ावा देगी.

डीआईसी की अध्यक्षता, सैन्य मामलों के विभाग के सचिव और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत करेंगे.

अधिसूचना में कहा गया कि भारतीय उद्योग से अपेक्षा की जाती है कि वो अनुसंधान और विकास में निवेश करेगा ताकि स्वदेशी सूची में रखी गई वस्तुओं में सुधार किया जा सके जिससे वो विश्व भर में हो रही तकनीकी प्रगति के साथ क़दम मिला सकें.

नोटिफिकेशन में कहा गया कि ऐसा न होने पर, ‘विशिष्ट वस्तुओं को रक्षा स्वदेशीकरण कमेटी के पास भेजकर, समीक्षा या सूची से हटाने की सिफारिश की जा सकती है’.

उसमें ये भी कहा गया कि कमेटी की सिफारिश के आधार पर कुछ विशेष परिस्थितियों में, कुछ विशिष्ट वस्तुओं के आयात पर विचार किया जा सकता है.

इसमें वो परिस्थिति शामिल होगी जहां घरेलू उद्योग, निर्धारित समय सीमा या मात्रा में उपकरण सप्लाई नहीं कर सका, ‘या, जहां उपकरण में ख़ामियां हैं जिनसे सैनिकों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है, या कोई और तकनीकी समस्याएं हैं, जैसे आरएफपी (प्रस्ताव के निवेदन) पर कोई वैध प्रतिक्रिया न मिलना आदि’.


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इज़राइल-निर्मित तोपख़ाने की बंदूक़ों का रास्ता खुला

155 एमएम x 52 कैलिबर टोड आर्टिलरी गन एक ऐसा आइटम है, जो पहली निगेटिव आयात सूची में है. ये प्रतिबंध दिसंबर 2020 से शुरू होना था.

लेकिन, बाद में इस विशिष्ट तोप की कट-ऑफ तिथि बढ़ाकर, दिसंबर 2021 कर दी गई.

ये तोप निगेटिव आयात सूची में इसलिए आ गई थी, क्योंकि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन पहले ही इसके स्वदेशी रूप, एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम पर काम कर रहा था.

लेकिन, सेना इस तोप के प्रदर्शन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं रही है, और एक सीमित संख्या में, इज़राइली कंपनी एलबिट के ऑटोनोमस टोड हॉविटज़र ऑर्डनेंस सिस्टम (एथॉस) को ख़रीदने की संभावनाओं पर ग़ौर कर रही है.

सेना (20 रेजिमेंट्स के लिए) ऐसी 400 तोपें ख़रीदना चाह रही है, ताकि उन्हें भरा जा सके जिन्हें वो ‘उत्तरी सीमाओं पर, एचएए (अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र) में मध्यम तोपख़ाने की परिचालन रिक्तियां कहती है’.

जैसा कि दिप्रिंट ने ख़बर दी थी, एलबिट ने वास्तव में 70 प्रतिशत स्वदेशी अंश के साथ, इन तोपों का भारत में निर्माण करने की पेशकश की है.

(इस लेख को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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