scorecardresearch
Wednesday, 18 December, 2024
होमडिफेंसवायुसेना प्रमख ने कहा- जरूरत पड़ी तो लद्दाख में सैनिकों की तैनाती बढ़ाने को तैयार

वायुसेना प्रमख ने कहा- जरूरत पड़ी तो लद्दाख में सैनिकों की तैनाती बढ़ाने को तैयार

वह पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ गतिरोध पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद क्षेत्र में बलों की तैनाती के संबंध में पिछले अप्रैल की तरह ही यथास्थिति जारी है.

Text Size:

नई दिल्ली: वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय वायुसेना अपनी तैनाती जारी रखे हुए है क्योंकि चीन के साथ गतिरोध अभी भी बना हुआ है और जरूरत पड़ने पर बल सैनिकों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए तैयार है.

उन्होंने हैदराबाद के पास डुंडीगल स्थित वायुसेना अकादमी में एक संयुक्त स्नातक परेड से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘जैसा आपने कहा, गतिरोध जारी है. पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों से सैनिक (दोनों तरफ के) पीछे हटे हैं. लेकिन, सैनिक पूरी तरह से अभी तक नहीं हटे हैं … मैं विवरण में नहीं जाना चाहूंगा, लेकिन यह कहना पर्याप्त है कि हम तैनात हैं, हम उस क्षेत्र में हमारे सामने आ सकने वाली किसी भी चुनौती से त्वरित रूप से निपटने के लिए तैयार हैं.’

वह पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ गतिरोध पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद क्षेत्र में बलों की तैनाती के संबंध में पिछले अप्रैल की तरह ही यथास्थिति जारी है.

यह पूछे जाने पर कि क्या बलों की और तैनाती की जाएगी, उन्होंने कहा, ‘नि:संदेह, यदि आवश्यक हुआ तो वहाँ यह होगा. जरूरत पड़ने पर हम तैनाती बढ़ाएंगे.’

चौधरी ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि भारतीय वायुसेना पड़ोसी देश से विभिन्न स्वरूपों में आने वाले खतरों से अवगत है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा था कि गतिरोध चीन द्वारा ‘समझौतों’ का पालन नहीं करने और बीजिंग के एक ऐसे पक्ष के रूप में काम करने का परिणाम है जिसने ‘एक अनुबंध का उल्लंघन किया है.’


यह भी पढ़ें- सैन्य साजो-सामान के खरीदार की जगह ‘डेवलपमेंट और प्रोडक्शन’ में रूस का भागीदार बनना चाहता है भारत


 

share & View comments