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Saturday, 27 April, 2024
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इंडियन म्यूज़िक इंडस्ट्री को ‘जब हम जवां होंगे’ जैसे कई सदाबहार हिट्स देने वाला शख्स आर डी बर्मन

वर्ष 1939 में संगीत जगत के उभरते सितारे एसडी बर्मन के घर जन्मे पंचम दा ने कॉमेडियन महमूद की 1961 की फिल्म छोटे नवाब के साथ संगीतकार के रूप में शुरुआत करने के बाद निस्संदेह हिंदी फिल्म संगीत में क्रांति ला दी.

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नई दिल्ली: ओल्ड इज गोल्ड. यह 2023 है और स्वर्णिम संगीत युग के हिंदी गाने अभी भी देश भर के संगीत प्रेमियों द्वारा बार-बार बजाए जा रहे हैं. संगीतकार आरडी बर्मन वास्तव में इंडियन म्यूज़िक इंडस्ट्री को सदाबहार गीतों के रूप में कई तोहफे देने के लिए श्रेय के पात्र हैं.

चूंकि आज उनकी 84वीं जयंती है, आइए उनके सहयोगियों के बारे में बात करे जिन्होंने आरडी बर्मन, उर्फ ​​पंचम दा के करियर को प्रभावित किया.

1. आरडी बर्मन- गुलज़ार

आरडी बर्मन और गुलज़ार ने मिलकर खूब जादू चलाया. मशहूर संगीतकार और मनमौजी गीतकार के बीच सहयोग की शुरुआत ‘परिचय’ के एक गाने से हुई. ‘मुसाफिर हूं यारों’ गाना याद है आपको? इन दोनों ने ही मिलकर यह गाना बनाया था. खबरों की मानें तो आरडी बर्मन इस गाने के लिए बनाई गई धुन सुनाने के लिए रात एक बजे गुलजार के घर पहुंचे थे. दोनों पूरी रात कार में बैठकर गाने सुनते रहे और दोनों के बीच जीवनभर के लिए दोस्ती हो गई. आरडी बर्मन और गुलज़ार ने ‘तेरे बिना जिंदगी से कोई’ (‘आंधी’ 1975), ‘ओ मांझी रे’ (‘खुशबू’ 1975), और ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’ (‘मासूम’ 1983) जैसे प्रतिष्ठित गानों पर भी काम किया. इसके बाद दोनों के बीच आजीवन सहयोग चलता रहा. 

2. आरडी बर्मन- लता मंगेशकर

महान गायिका लता मंगेशकर ने पंचम दा की कई रचनाओं को अपनी सुरीली आवाज दी. ‘कितना प्यारा वादा है’ (कारवां), ‘ओ रे घुंघरू का बोले’ (हरे रामा हरे कृष्णा), ‘बाहों में चले आओ’ (अनामिका), ‘कितनी खूबसूरत ये’ (बेमिसाल) और ‘कुछ ना कहो’ (‘ 1942 ए लव स्टोरी’) उनकी कुछ उत्कृष्ट कृतियां हैं जो उन्होंने साथ मिलकर बनाईं.

3. आरडी बर्मन- किशोर कुमार

आरडी बर्मन और किशोर कुमार की जोड़ी भी काफी हिट रही. अभिनेता राजेश खन्ना का भी यहां उल्लेख करना जरूरी है क्योंकि उन्होंने इस जोड़ी को बनाने में मदद की. तीनों की जोड़ी ने ‘मेरे सामने वाली खिड़की में’ (पड़ोसन), ‘बेमिसाल’ के ‘कितनी खूबसूरत ये’ के साथ-साथ रमेश सिप्पी की ‘शोले’ (1975) के ‘ये दोस्ती’, ‘कोई हसीना’ जैसे गानों से लोगों के दिलों में जगह बनाई.

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4. आरडी बर्मन- आशा भोंसले

आशा भोंसले के साथ आरडी बर्मन के सहयोग को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. पंचम दा और उनकी पत्नी आशा भोसले के संगीत सहयोग ने भारतीय सिनेमा के क्रांतिकारी संगीतकार के रूप में बर्मन की जगह पक्की कर दी. फिल्म ‘मासूम’ से ‘लकड़ी की काठी’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ से ‘दम मारो दम’, ‘शोले’ से ‘महबूबा महबूबा’, ‘अपना देश’ से ‘दुनिया में लोगों को’, ‘चुरा लिया है’ ‘शान’ से ‘तुमने’ और ‘यम्मा यम्मा’ उनके कुछ यादगार ट्रैक हैं.

वर्ष 1939 में संगीत जगत के उभरते सितारे एसडी बर्मन के घर जन्मे पंचम दा ने कॉमेडियन महमूद की 1961 की फिल्म छोटे नवाब के साथ संगीतकार के रूप में शुरुआत करने के बाद निस्संदेह हिंदी फिल्म संगीत में क्रांति ला दी.

4 जनवरी 1994 को 54 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.


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