सरकार इन दिनों 30 सूत्री कार्ययोजना पर गहन विचार-विमर्श कर रही हैं, जिसका लक्ष्य ‘डिजिटल इंडिया’ योजना के तहत 1 खरब डॉलर के डिजिटल इकोनॉमी आंकड़े को छूना है.
समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता ऐसे शब्द हैं जिन्हें भाजपा नेता न पूरी तरह अपनाना चाहते हैं और न ही खुले तौर पर नकार पा रहे हैं. इसी उलझन की वजह से पार्टी अब इन विचारों का अपना मतलब गढ़ने की कोशिश कर रही है और वह भी थोड़े अटपटे और बेतुके तरीके से.