अब्दुल मजीद को हुई फांसी ने न केवल दक्षिण एशिया के राजनीतिक इतिहास के सबसे बुरे अध्याय का अंत किया है बल्कि इसने मुजीब की बेटी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की स्थिति को मजबूत किया है.
सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ऐसे लोगों के प्रति असंवेदनशील बताया है जो सरकार के सामाजिक दूरी संबंधी कदमों के चलते घर पर नहीं रह सकते और उन्हें बदले में कोई मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है.
ह्यूस्टन कॉलेज ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय में एक स्वास्थ्य सेवा शोधकर्ता लोलो एदेपोजू ने कहा, ‘दवा आने में अभी 12 से 18 महीने लगेंगे और हमारे पास इंतजार करने का समय नहीं है.’
प्रधानमंत्री की ओर से 10 डाउनिंग स्ट्रीट के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए ईस्टर संदेश में लोगों को शुभकामनाएं देते हुए उनसे घरों में ही रहने का आग्रह किया गया है.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि 63 ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें लक्षण नहीं थे जिसके बाद देश में कोविड-19 मरीजों की कुल संख्या 82,052 हो गई है.
एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन इस विवाद से बच जाएंगे क्योंकि यह भारत है, जहां हमारा रवैया है 'चलता-है.' पश्चिम में, उन्हें माफी मांगने या इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाता.