डॉ. मनमोहन सिंह की सफलता यह थी कि उन्होंने पश्चिमी खेमे के साथ रणनीतिक रिश्ता बनाने के विचार की ओर निर्णायक एवं ऐतिहासिक पहल की. उन्हें खुद अपनी पार्टी और यूपीए के साथियों से जितना कम समर्थन हासिल था उसके मद्देनज़र यह बदलाव 1991 के आर्थिक सुधारों से कहीं ज्यादा साहसिक था.