पता चला है कि अहमदाबाद के सभी मुर्दाघरों में शवों को रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. कोल्ड स्टोरेज केवल कुछ अस्पतालों में ही उपलब्ध है, और वह भी सीमित क्षमता में.
शायद अख़बार रोज़ाना होने वाले सड़क हादसों और मौतों की रिपोर्टिंग के लिए एक अलग कॉलम बना सकते हैं, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान मौतों के आंकड़ों की रिपोर्टिंग की जाती थी.