यहूदी पूजाघरों में बढ़ी सुरक्षा, सरकार से मिली सहायता और छाबड़ हाऊस के दोबारा खुलने से मुंबई में रहने वाले यहूदी एक बार फिर सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
समस्या फिल्म ‘छावा’ नहीं है. समस्या यह है कि राजनेताओं ने किस तरह से भावनाओं का फायदा उठाया. फिल्म में औरंगजेब की कब्र को तोड़ने की बात नहीं कही गई, बल्कि राजनेताओं ने ऐसा किया.