यहूदी पूजाघरों में बढ़ी सुरक्षा, सरकार से मिली सहायता और छाबड़ हाऊस के दोबारा खुलने से मुंबई में रहने वाले यहूदी एक बार फिर सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
इस 15 जनवरी को मेरी मां का देहांत हो गया. उनकी नोटबुक ने मुझे भारतीय महिलाओं की बेचैनी और अक्सर यातनापूर्ण खोज के बारे में बताया, जो आवाज़, जगह और समानता पाने के लिए शुरू की गई थी.